भारतीय उड़ानों पर बम धमकी: एयरलाइन उद्योग में लगातार हो रही परेशानियां
17 अक्तूबर 2024 5 टिप्पणि Rakesh Kundu

भारतीय एयरलाइन उद्योग इन दिनों एक अद्वितीय स्थिति का सामना कर रहा है, जब लगातार उड़ानों पर बम धमकी के झूठे मामले देखे जा रहे हैं। बीते तीन दिनों में बारह ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां बम धमकियों ने उड़ानों को बाधित किया है। यह स्थिति सुरक्षा एजेंसियों और एयरलाइनों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है।

बेंगलुरु की उड़ान पर बम धमकी

अकासा एयर की फ्लाइट QP1335, जो दिल्ली से बेंगलुरु की ओर जा रही थी, को लॉचिन ने जगह के महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों के तहत वापस दिल्ली लौटने पर मजबूर किया। उड़ान में 174 यात्री, तीन शिशु और सात क्रू सदस्य थे। धमकी के मिलने के बाद फ्लाइट को 1:15 बजे आपातकालीन स्थिति घोषित करके इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर वापस लाया गया। उड़ान 1:57 बजे सुरक्षित रूप से उतर गई और सभी यात्री सुरक्षा से उतर गए।

अविश्वसनीय धमकियों का सिलसिला

इन धमकियों का सिलसिला यहीं नहीं थमा। दिल्ली से शिकागो जाने वाली एयर इंडिया फ्लाइट से लेकर जयपुर से बेंगलुरु की एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान, दमाम से लखनऊ की इंडिगो फ्लाइट और दरभंगा से मुंबई के लिए स्पाइसजेट की उड़ान ने भी इन धमकियों का सामना किया। ज्यादातर मामलों में ये धमकियां सोशल मीडिया के जरिये प्राप्त हुई थीं, लेकिन सभी को फर्जी पाया गया।

सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच

सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच

इस क्रम में भारतीय विमानपत्तन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और साइबर सुरक्षा एजेंसियां इन धमकियों के स्रोत को पहचानने और उनका पता लगाने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही हैं। एयरलाइंस सभी संबंधित पक्षों को नियमित रूप से अद्यतन जानकारी प्रदान कर रही हैं ताकि गलतफहमी की स्थिति ना बने। सुरक्षा वाले मामलों में पारदर्शिता और तत्परता का होना अत्यंत आवश्यक है।

इन घटनाओं ने एयरलाइन उद्योग में नए सुरक्षा मानदंडों की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित किया है। जब उड्डयन सुरक्षा का मामला आता है, तो इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। इन झूठी धमकियों के बावजूद, यह महत्वपूर्ण है कि हम हवाई यात्रा के दौरान सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाते रहें।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

5 टिप्पणि

Kanhaiya Singh

Kanhaiya Singh

अक्तूबर 17, 2024 AT 20:15

उड़ानों पर बम की झूठी धमकियों ने यात्रियों के मन में वैर थोप दिया है। सुरक्षा एजेंसियों को अब और सख्त उपाय अपनाने चाहिए। इस तरह के फर्जी आरोपों से एयरलाइन की विश्वसनीयता को नुकसान होता है। 😐

prabin khadgi

prabin khadgi

अक्तूबर 17, 2024 AT 20:32

वास्तव में, निरंतर फर्जी धमकियों का उद्भव राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे में मौलिक अवरोधों को उजागर करता है। केवल त्वरित प्रतिक्रिया ही पर्याप्त नहीं, बल्कि विशिष्ट प्रोटोकॉल का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। यह अनिवार्य है कि सभी प्रासंगिक पक्ष मिलकर एक सतत जोखिम‑प्रबंधन रणनीति स्थापित करें।

Aman Saifi

Aman Saifi

अक्तूबर 17, 2024 AT 20:48

हम सबको शांति बनाए रखने के साथ-साथ सतर्कता भी बढ़ानी चाहिए। एयरलाइन उद्योग को इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए यात्रियों को भरोसा दिलाना चाहिए। सहयोगी दृष्टिकोण से समाधान ढूँढना ही जिंदगियों को बचाने का सबसे अच्छा उपाय है।

Ashutosh Sharma

Ashutosh Sharma

अक्तूबर 17, 2024 AT 21:05

ओह, फिर से एक और बम धमकी वाली केस, जैसे हमारी एयरलाइनें कभी सामान्य उड़ान नहीं देती।
लगातार फर्जी नोटिफिकेशन से सुरक्षा विभाग को अब सॉफ़्टवेयर अपडेट की ज़रूरत है क्या?
क्या आपने सुना है कि अब हर यात्रियों को शिपिंग कंटेनर में बम खोजने का प्रशिक्षण दिया जाएगा?
ऐसे मामलों में एयरलाइन की सुरक्षा प्रोटोकॉल एकदम 'डाटा‑एनालिटिक्स' के उपर निर्भर हो गई हैं।
वास्तव में, यदि हम बेमतलब की रिपोर्ट को फ़िल्टर नहीं करेंगे तो चलो सब मिलकर एक नया 'इन्फॉर्मेशन‑ओवरलोड' मॉडल बनाते हैं।
बिना सोचे-समझे जारी किये गए हिंसक अलर्ट्स से एयरलाइन के KPI में गिरावट आ रही है, क्या यह नहीं स्पष्ट है?
पर्यटन उद्योग को अब सस्पेंशन पर डालकर बस मज़े कर रहे हैं, जैसे कि यह सब एक बड़ा ड्रामा शो है।
ऐसे फ़र्जी ख़बरों से जाँच एजेंसियों के काम में भी 'क्लाउड‑बेस्ड' जटिलता जुड़ रही है।
देखिए, एक ही दिन में चार फ्लाइट को वापस लैंड कराना, इसे 'ऑपरेशनल‑इफ़िशिएंसी' कहा जाता है या नहीं।
बिना वास्तविक खतरे के भी यात्रियों को इमर्जेंसी एग्जिट पर ले जाना, यह नई 'कस्टमर‑एंगेजमेंट' रणनीति है।
साइबर सुरक्षा टीम अब फ़र्जी पोस्टर को AI‑डिटेक्शन से फेंकने में मशगूल है।
हमारी सरकार की 'सुरक्षा‑पहले' नीति में अब 'जाँच‑पहले' जोड़ दिया गया है, बहुत ही प्रभावी।
हवाई अड्डे पर हर मोड़ पर सुरक्षा गार्ड की कमी को भरने के लिए अब दार्शनिक विचारों का बौझा उठाया जा रहा है।
अंत में, एक ही मुद्दे पर लगातार दोहराना, यह न केवल भ्रम पैदा करता है बल्कि सार्वजनिक विश्वास को भी हानि पहुँचाता है।
तो चलिए, इस साइकिल को तोड़ें और वास्तविक, वैध उपायों पर ध्यान दें, नहीं तो ये बम धमकी का खेल हमेशा जारी रहेगा।

Rana Ranjit

Rana Ranjit

अक्तूबर 17, 2024 AT 21:22

सुरक्षा सर्वोपरि है।

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