ओली पोप का नाबाद शतक
द ओवल में खेले गए इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के कप्तान ओली पोप ने एक बेहतरीन नाबाद शतक जमाकर अपनी टीम को एक सशक्त स्थिति में पहुँचा दिया है। यह उनका टेस्ट क्रिकेट में सातवाँ शतक है और इसे पूरा करने के लिए उन्होंने केवल 102 गेंदों का सामना किया। पोप का यह शतक इंग्लैंड के किसी टेस्ट कप्तान द्वारा बनाए गए सबसे तेज शतकों में से दूसरा सबसे तेज शतक है। इस मामले में वह केवल ग्राहम गूच से पीछे हैं, जिन्होंने 95 गेंदों में शतक पूरा किया था। पोप की इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने अपने प्रारम्भिक करियर के सात शतक सात अलग-अलग प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बनाए हैं।
पोप ने इससे पहले दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, आयरलैंड, भारत, वेस्टइंडीज और अब श्रीलंका के खिलाफ शतक बनाए हैं। यह शतक न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों में एक मील का पत्थर साबित हुआ बल्कि उनके आलोचकों को भी चुप करने में सफल रहा है, जिन्होंने उनके पिछले कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। इस शतक के साथ ही इंग्लैंड ने दिन के खेल का अंत 211 रन पर 3 विकेट के साथ किया।
बारिश और खराब रोशनी के बावजूद शानदार प्रदर्शन
दिन का खेल बारिश और खराब रोशनी के कारण काफी प्रभावित हुआ था, जिसके चलते खेल तीन घंटे देरी से शुरू हुआ। बावजूद इसके, इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने कठिन परिस्थितियों का अच्छा फायदा उठाया। इंग्लैंड की पारी की शुरुआत थोड़ी निराशाजनक रही, जब टेकिंग ओपनर डैन लॉरेंस सिर्फ 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। लेकिन बेन डकेट और ओली पोप ने मिलकर टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुँचाया। डकेट ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 86 रन बनाए।
हालाँकि, डकेट की पारी तब समाप्त हुई जब उन्होंने एक स्कूप शॉट को गलत तरीके से खेलते हुए विकेटकीपर दिनेश चांदीमल को कैच दे दिया। श्रीलंका के लिए सबसे सफल गेंदबाज लहिरू कुमारा रहे, जिन्होंने 2-81 के आंकड़े दर्ज किए। उन्होंने जो रूट और डैन लॉरेंस के विकेट लिए।
पोप और डकेट की साझेदारी
पोप और डकेट की साझेदारी ने टीम को काफी हद तक संबल प्रदान किया। डकेट ने तेजी से 86 रन बनाए और इस दौरान उन्होंने कई शानदार शॉट्स लगाए। उनकी पारी का अंत मालन रत्नायके की गेंद पर हुआ, जब उन्होंने एक स्कूप शॉट को गलत तरीके से खेलते हुए इसे विकेटकीपर के हाथों में थमा दिया।
कप्तान ओली पोप अपने शानदार प्रदर्शन के चलते नाबाद 103 रन बनाकर मैदान पर डटे रहे। इसके साथ हारी ब्रूक 8 रन बनाकर उनका साथ दे रहे थे। इस शतक ने न केवल इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में पहुँचाया है, बल्कि अपनी कप्तानी का भी शानदार उदाहरण पेश किया।
इंग्लैंड की नई उम्मीदें
इस मैच में इंग्लैंड की ओर से 20 वर्षीय लेफ्ट आर्म सीम बॉलर जोश हुल्ल का टेस्ट डेब्यू भी हुआ। उन्हें इंग्लैंड की पूर्व कप्तान एंड्रू फ्लिंटॉफ ने पहला टेस्ट कैप सौंपा। जोश हुल्ल के शामिल होने से इंग्लैंड की गेंदबाजी में नई ताजगी आई है।
टीम के सदस्यों ने उम्मीद जताई है कि जोश हुल्ल टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं। यह मैच इंग्लैंड के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अपने घरेलू टेस्ट सीरीज़ को 2004 के बाद पहली बार क्लीन स्वीप करने के कगार पर हैं।
संपूर्ण योगदान का मूल्यांकन
इंग्लैंड के खेल के इस स्तर पर पोप और डकेट का योगदान बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ है। खराब मौसम और मैदान की स्थितियों के बावजूद, उन्होंने न केवल अपनी बल्लेबाजी की शैली को बनाए रखा बल्कि टीम को एक प्रतिस्पर्धी स्थिति में पहुंचाया।
पोप और डकेट की साझेदारी ने आलोचकों का मुँह बंद करते हुए यह साबित किया है कि इंग्लैंड की टीम किसी भी परिस्थिति में खेलने के लिए तैयार है। इस श्रृंखला में पोप के प्रदर्शन ने न केवल उनकी व्यक्तिगत फॉर्म को साबित किया बल्कि टीम की मानसिकता को भी मजबूत किया है। प्रसिद्ध क्रिकेटर और विशेषज्ञों का मानना है कि पोप की इस शतकीय पारी ने इंग्लैंड के क्रिकेट में नई उर्जा भर दी है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इंग्लैंड कैसे अपनी पोजिशन को और सुदृढ़ करता है और क्या वे इस श्रृंखला में क्लीन स्वीप कर पाते हैं या नहीं। लेकिन फिलहाल, ओली पोप और उनके साथी बेन डकेट ने इंग्लैंड को एक मजबूत स्थिति में पहुँचाने के लिए लगभग हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है। जिस तरह से दोनों ने विपरीत परिस्थितियों में धैर्य दिखाकर खेल को आगे बढ़ाया, वह अन्य खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है।
इंग्लैंड के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह एक खुशी का पल है और वे उम्मीद लगाए बैठै हुए हैं कि उनकी टीम अपने घरेलू सीजन का अंत एक बड़ी जीत के साथ करेगी।और, कप्तान ओली पोप की इस अद्वितीय पारी ने उनकी नेतृत्व क्षमता को भी साबित कर दिया है।
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