मूवी रिव्यू: Deadpool और Wolverine की फिल्म अपने मानकों पर खरा नहीं उतरती
27 जुलाई 2024 20 टिप्पणि Rakesh Kundu

परिचय

किसी फिल्म को लेखन में सबसे बड़ी चुनौती होती है कि उसे न केवल दर्शकों का मनोरंजन करना होता है, बल्कि एक स्थायी प्रभाव भी छोड़ना होता है। हम Hollywood की नई फिल्म 'Deadpool-Wolverine' की इसी दृष्टिकोण से समीक्षा करेंगे जिसमें डेडपूल और वूल्वरिन के चरित्रों को एक साथ लाया गया है। चलिए जानते हैं क्यों इस फिल्म ने अपने मानकों पर खरा नहीं उतर पाया।

कहानी और चरित्र विकास

फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसकी कहानी और चरित्र विकास में है। यह स्पष्ट है कि निर्माता इस फिल्म में मुख्य रूप से डेडपूल और वूल्वरिन की पुराने चरित्रों की पॉपुलैरिटी पर निर्भर थे। कहानी कमजोर और बिना किसी ताजगी के आगे बढ़ती है। डेडपूल का हास्य और वूल्वरिन का गंभीर स्वभाव एक-दूसरे के साथ टकराते रहते हैं, जिससे एक संयुक्त नैरेटिव का अभाव स्पष्ट होता है।

डेडपूल का प्रदर्शन

Ryan Reynolds ने हमेशा की तरह Deadpool के रोल में अद्भुत प्रदर्शन किया है। उनके चुटीले हास्य और स्वतंत्र प्रकृति ने चरित्र को जीवंत कर दिया। लेकिन, जैसा कि हमारी समीक्षा दर्शाती है, अकेले Ryan का प्रदर्शन इस फिल्म को बचा नहीं सकता है। चरित्र के गहरे और भावनात्मक पहलुओं का अभाव है, जिसे दर्शक उनके पिछले फिल्मों में देखने के आदी हैं।

वूल्वरिन की वापसी

वूल्वरिन के किरदार को पर्दे पर देखना एक nostalgia trip है, लेकिन character development के मामले में निराशा होती है। Hugh Jackman ने अपने भूमिका को अच्छे तरीके से निभाया है, लेकिन उनका चरित्र भी कमजोर कहानी का शिकार हुआ है। न ही कहानी वूल्वरिन के बैकस्टोरी का अच्छा उपयोग करती है, और न ही कोई नया आयाम जोड़ पाती है।

 एक्शन सीन और वीएफएक्स

एक्शन सीन और वीएफएक्स

अगर एक चीज की तारीफ की जाए, तो वह है फिल्म के एक्शन सीन और वीएफएक्स। ये बहुत ही बढ़िया तरीके से फिल्माए गए हैं और देखने में बेहद रोमांचक लगते हैं। एक्शन सीन में तालमेल बेहतरीन है और वीएफएक्स भी उच्चस्तरीय है। थोड़े समय के लिए, ये सीन दर्शक का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं, लेकिन कहानी में रोचकता की कमी उन दृश्यों को टिकने नहीं देती।

कमजोर पेसिंग और प्लॉट होल्स

फिल्म की पेसिंग बहुत ही धीमी और असमान है। कहीं-कहीं पर कहानी इतनी खींची जाती है कि दर्शक का ध्यान भटक जाता है, और कहीं-कहीं इतनी जल्दी में लगती है कि कोई भी महत्वपूर्ण मोड़ छूट जाता है। साथ ही, प्लॉट होल्स भी कहानी को कमजोर बनाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि कहानी आगे बढ़ने के लिए जरूरी तारतम्यता की कमी होती है, जिससे दर्शकों के सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं।

 निष्कर्ष

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, 'Deadpool-Wolverine' फिल्म उन दर्शकों को मायूस करेगी जो कि एक संगठित और प्रभावशाली कहानी की उम्मीद में सिनेमाघरों में जाएंगे। भले ही फिल्म में एक्शन सीन और वीएफएक्स रोचक हैं, लेकिन यह कमजोर कहानी और चरित्र विकास की कमी की भरपाई नहीं कर पाती। निर्माता शायद दोनों फ्रेंचाइज के पॉपुलैरिटी पर बहुत ज़्यादा निर्भर थे, जिसे उन्होंने साधारण कहानी से ही पूरा करने की कोशिश की।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

20 टिप्पणि

DN Kiri (Gajen) Phangcho

DN Kiri (Gajen) Phangcho

जुलाई 27, 2024 AT 00:23

फिल्म में एक्शन बढ़िया है पर कहानी में कमी दिख रही है मैं समझता हूँ कि ऐसे फ्रैंचाइज़ के साथ नई कहानी बनाना मुश्किल है लेकिन कुछ नया लाने की कोशिश करनी चाहिए

Yash Kumar

Yash Kumar

जुलाई 27, 2024 AT 14:17

डेडपूल का मज़ा हर बार नहीं आया सिर्फ एक्शन पर भरोसा नहीं किया जा सकता

Aishwarya R

Aishwarya R

जुलाई 28, 2024 AT 05:33

कहानी की खामियां इतना बड़े हैं कि दिल टूट जाता है

Vaidehi Sharma

Vaidehi Sharma

जुलाई 28, 2024 AT 22:13

वूल्वरिन की वापसी देखकर nostalgia आया 😊 लेकिन ये फिल्म 2 घंटे का टाइम दे कर कुछ नहीं कहती

Jenisha Patel

Jenisha Patel

जुलाई 29, 2024 AT 10:43

भले ही फिल्म में दृश्य प्रभाव अत्यधिक प्रभावशाली हैं, परन्तु कथा स्तर पर स्पष्ट असंगतियाँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं, जो दर्शकों के भावनात्मक जुड़ाव को बाधित करती हैं।

Ria Dewan

Ria Dewan

जुलाई 30, 2024 AT 06:10

जब तक आप डेडपूल की चुटीली एक पंक्ति सुनते रहेंगे, तब तक आपको कहानी की खोखलीपन से कहीं अधिक झूठी खुशी नहीं मिल सकती, है ना?

rishabh agarwal

rishabh agarwal

जुलाई 30, 2024 AT 17:17

कभी-कभी लगता है कि निर्माताओं ने सिर्फ दो हीरो को जोड़ने के लिए स्क्रिप्ट को झटक दिया, बाकी सब बेकार है

Apurva Pandya

Apurva Pandya

जुलाई 31, 2024 AT 11:20

हमारा फिल्म इंडस्ट्री को जिम्मेदारी से भरपूर सामग्री देना चाहिए 🙅‍♂️ नहीं तो दर्शक धोखा महसूस करेंगे

Nishtha Sood

Nishtha Sood

जुलाई 31, 2024 AT 19:40

उम्मीद है अगली दफा कहानी में थोड़ा और दिलचस्प मोड़ आएगा और हम सभी को संतुष्ट करेगा

Hiren Patel

Hiren Patel

अगस्त 1, 2024 AT 10:57

भाई ये एक्शन सीन तो पूरे पॉपकॉर्न की बौछार जैसी थी, लेकिन कहानी का बेस थकावट जैसे पुरानी चाय

Heena Shaikh

Heena Shaikh

अगस्त 2, 2024 AT 00:50

यदि आप मानते हैं कि केवल एक्शन से ही फिल्म सफल होगी तो आप बड़े झूठे कहानीकार हैं

Chandra Soni

Chandra Soni

अगस्त 2, 2024 AT 13:20

डेडपूल‑वूल्वरिन को एक ‘crossover franchise’ के रूप में पोज़िशन किया गया, लेकिन माइलेस्टोन सेटिंग में नॉर्मल प्लॉट डिलिवरी फेल हो गई

Kanhaiya Singh

Kanhaiya Singh

अगस्त 3, 2024 AT 08:47

फिल्म की तकनीकी उपलब्धियाँ सराहनीय हैं परन्तु सामग्री की गहराई का अभाव स्पष्ट है

prabin khadgi

prabin khadgi

अगस्त 4, 2024 AT 00:03

समीक्षात्मक दृष्टिकोण से विश्लेषण करने पर स्पष्ट होता है कि मैराथन‑शैली की कहानी संरचना ने दर्शकों के एकाग्रता अवधि को बाधित किया है

Aman Saifi

Aman Saifi

अगस्त 4, 2024 AT 16:43

प्लॉट में थोड़ी गिरावट रही, परन्तु एनीमेशन की क्वालिटी बेमिसाल है, इसलिए कुछ हद तक संतोषजनक है

Ashutosh Sharma

Ashutosh Sharma

अगस्त 5, 2024 AT 14:57

सबसे पहले तो यह बताना पड़ेगा कि इस क्लासिक किक‑ऐस‑ड्रामा को बनाने वालों ने पूरी तरह से अपनी रचनात्मकता को मोड़ दिया है।
डेडपूल की विटी लाइन्स को अब सिर्फ एक पृष्ठभूमि संगीत की तरह इस्तेमाल किया गया है।
वूल्वरिन की महानता को केवल दिखाने के लिये इस फिल्म ने उसे स्टेटिक बैकग्राउंड में रखा।
कथानक की खामियों को ढंकने के लिये एडिटिंग टीम ने टाइम‑लैप्स तकनीक का दुरुपयोग किया।
एक्शन सीन तो बेबीगैम्पर की तरह चमकते हैं, परंतु उनका इमोटिकफॉर्म नहीं है।
प्लॉट होल्स को भरने के लिये पोस्ट‑प्रोडक्शन में डीप‑फेक इफेक्ट्स का अधिक प्रयोग किया गया।
डायलॉग्स की कॉम्प्लेक्सिटी को घटाने के लिये कुशल लेखक ने सिर्फ दो शब्दों के बटुए में काम किया।
मेटा‑नैरेटिव लेयर को हटाकर फिल्म को केवल विजुअल अपील तक सीमित कर दिया गया।
अनुक्रमणिका में गड़बड़ी के कारण फोकस स्ट्रैटेजी पूरी तरह गड़बड़ा।
सिर्फ़ कास्ट की स्टार पावर को टिकाने के लिये फैंस को इडली‑बेडली भाप में डाल दिया गया।
जैसे ही कहानी का अंत आया, दर्शकों की निराशा स्तर में स्पाइक देखी गई।
इसी कारण से समीक्षकों ने 'टेस्टेड रिव्यू' को रेड कार्पेट पर टांग दिया।
संभवतः अगले प्रोजेक्ट में निर्देशक को स्क्रिप्ट राइटिंग की बुनियादी क्लासेज लेनी चाहिए।
वास्तव में, यह फिल्म केवल एक शोरगुल भरा मार्केटिंग कैंपेन बनकर रह गई।
आखिरकार, जब तक हमारी आँखें इस परफेक्शन में नहीं पड़तीं, तब तक ये मूवी बस एक बेकार व्यायाम है।

Rana Ranjit

Rana Ranjit

अगस्त 6, 2024 AT 00:40

डेडपूल और वूल्वरिन का मिलन तुच्छ नहीं, पर कहानी की गति ने लोगों को झकझोर दिया, फिर भी फिल्म का एनीमेटेड भाग कमाल का है

Arundhati Barman Roy

Arundhati Barman Roy

अगस्त 6, 2024 AT 13:10

बिलकुल उमीद थी के फि्ल्म एऩे अपग्रेडेड होगी पर प्लॉट तो बिलकुल ही खाली है

yogesh jassal

yogesh jassal

अगस्त 7, 2024 AT 03:03

हाहा, अगर अड्रेनालिन ही खोजना है तो एक्शन सीन देखलो, बाकी सब तो फिक्र नहीं करनी, अच्छा है कि कम से कम दिल नहीं टूटेगा

Raj Chumi

Raj Chumi

अगस्त 7, 2024 AT 19:43

सारी hype के बाद भी दिल को छू नहीं पा रही

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