पश्चिम बंगाल में कांछनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर, कई मृत: अब तक की जानकारी
17 जून 2024 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

पश्चिम बंगाल में भीषण ट्रेन हादसा

सोमवार सुबह पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास एक भयानक ट्रेन हादसा हुआ। समय था करीब 9 बजे जब सियालदह गंतव्य की ओर जा रही कांछनजंगा एक्सप्रेस (13174) एक मालगाड़ी से टकरा गई। यह टक्कर रंगापानी नामक स्थान के पास हुई जो न्यू जलपाईगुड़ी के काफी करीब है। हादसे में कम से कम 15 यात्रियों की जान चली गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए।

क्या हुआ हादसे के समय

माना जा रहा है कि कांछनजंगा एक्सप्रेस ने सिग्नल को अनदेखा किया था, जिसके कारण उसने मालगाड़ी के पिछले हिस्से को टक्कर मार दी। इस टक्कर के कारण मालगाड़ी के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। उत्तर-पूर्वी रेलवे के कटिहार डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक ने यह जानकारी दी। घटना के बाद वहाँ के हालात बेहद दर्दनाक हो गए थे।

आधिकारिक प्रतिक्रियाएं

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह एक सिग्नल की अनदेखी का मामला लगता है। उन्होंने यह भी बताया कि बंगाल में 'कवच' प्रणाली की आवश्यकता और विस्तार की योजना पर जोर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि बचाव टीमों, जिनमें डीएम, एसपी, डॉक्टर, एम्बुलेंस और आपदा प्रबंधन टीम शामिल हैं, को घटनास्थल पर तत्काल भेजा गया है। मुख्यमंत्री खुद भी वहां के हालात का जायजा लेने वाली हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं और रेलवे, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीम मिलकर काम कर रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये सहायत राशि देने की घोषणा की। केंद्रीय रेल मंत्री ने भी प्रत्येक मृतक को 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 2.5 लाख रुपये, और मामूली रूप से घायल व्यक्तियों को 50,000 रुपये की सहायता देने की बात कही।

बचाव और राहत कार्य

घटना के बाद तुरंत ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए थे। सभी घायल यात्रियों को निकटतम अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इस दौरान रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों ने मिलकर युद्धस्तर पर कार्य किया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दुर्घटना स्थल का दौरा करने के लिए दार्जिलिंग रवाना हो गए।

इस घटना ने रेल सुरक्षा की ओर सरकारी व्यवस्थाओं की स्थिति पर फिर से सवाल उठाए हैं। घटना के तुरंत बाद, राहत और बचाव कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को मलबे से निकालने का काम शुरू किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट करके कहा कि उन्होंने सभी आवश्यक साधनों को घटनास्थल पर रवाना किया है ताकि जल्द से जल्द लोगों को सहायता पहुंचाई जा सके।

रेलवे की प्रतिक्रिया

रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने सिग्नल अनदेखी की पुष्टि करते हुए कहा कि यह मानवीय गलती हो सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली को तुरंत लागू करना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हो।

रेल मुख्यालय ने भी इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। घटना के बाद संपर्क संचार व्यवस्था बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं और कुछ हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। सियालदह से सहायता के लिए 033-23508794 और 033-23833326 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है, जबकि गुवाहाटी के लिए हेल्पलाइन नंबर 03612731621, 03612731620, और 03612731623 हैं।

इस दुर्घटना ने फिर से रेलवे सुरक्षा की स्थिति और संबंधित मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों ने यह भी उल्लेख किया कि सिग्नल प्रणाली के सही तरीके से काम करने के बावजूद मानवीय त्रुटियाँ बनी रहती हैं। कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या रेलवे सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहा है और यात्रियों की जान खतरे में डाल रहा है।

इस भयानक घटना से उबरने में हमें समय लगेगा। लेकिन हमें उम्मीद है कि सरकार और रेलवे प्रशासन इस हादसे से सीख लेकर भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। फिलहाल, तो सभी की नज़र राहत और बचाव कार्यों पर टिकी है, जिसका संचालन दिन-रात चल रहा है।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।