प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के पी शर्मा ओली को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के पी शर्मा ओली को नेपाल का प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बधाई संदेश में कहा कि उन्हें ओली के साथ निकटता से काम करने औऱ भारत-नेपाल के दीर्घकालिक मित्रता और सहयोग को और मजबूत करने की उम्मीद है। नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में यह अहम भूमिका निभा सकता है।
नेपाल के नए प्रधानमंत्री के लिए चुनौतियां
के पी शर्मा ओली को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त करना उस समय हुआ है जब दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। ओली, जो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के नेता हैं, ने शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस के साथ मिलकर एक गठबंधन सरकार बनाई है। इस गठबंधन सरकार के उद्देश्यों में नेपाल के विकास और समृद्धि के लिए ठोस कदम उठाना प्रमुख है।
भारत-नेपाल संबंधों का नया अध्याय
मोदी के इस सकारात्मक संदेश का उद्देश्य साफ है - भारत अपने पुराने संबंधों को और मजबूत करने का इच्छुक है। भारत-नेपाल संबंध ऐतिहासिक रूप से बहुत गहरे रहे हैं और दोनों देशों ने समय-समय पर एक-दूसरे का सहयोग किया है। यह गठबंधन सरकार नेपाल के विदेश नीति मार्ग में नई दिशा दे सकती है, विशेष रूप से ओली के इतिहास को देखते हुए, जब उन्होंने नेपाल के चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयास किए थे।
मोदी का उम्मीद भरा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ओली को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें एक साथ काम करने और दोनों देशों के लिए विकास और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने में बहुत उम्मीदें हैं। इस कदम से भारत और नेपाल के बीच ठोस सहयोग और मित्रता को नई ऊँचाई मिल सकती है।
नेपाल और चीन के बढ़ते संबंध
नेपाल के पहले के प्रधानमंत्री के रूप में ओली ने चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने के अनेक प्रयास किए थे। इससे भारत-नेपाल संबंधों में थोड़ी खटास आई थी। मगर इस बार की नियुक्ति और मोदी के सकारात्मक संदेश से संभावना है कि दोनों देश पूर्व की समस्याओं को भुलाकर नए अध्याय की शुरुआत कर सकें।
भारत का नेपाल के प्रति दृष्टिकोण
भारत का हमेशा से ही नेपाल के साथ घनिष्ठ और मित्रतापूर्ण संबंध रहा है। फिर भी ओली की इस नई नियुक्ति से भारत की विदेश नीति में कुछ बदलाव और सतर्कता देखी जा सकती है। भारत सरकार नेपाल की नई गठबंधन सरकार की नीति और कार्यों पर बारीकी से नज़र रखेगी, विशेष रूप से विदेश नीति के संदर्भ में।
संस्कृति और परंपराओं का साझा श्रृंखला
भारत और नेपाल के बीच संस्कृति, परंपरा और धर्म की साझा श्रृंखला है। दोनों देशों के लोग एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और यह संबंध हमेशा से ही दोनों देशों के बीच मधुरता की भावना को बढ़ावा देता है। मोदी का संदेश यही बताता है कि भारत नेपाल के साथ अपने इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध को और प्रगाढ़ बनाने में पूरे मनोबल से जुटा हुआ है।
आर्थिक सहयोग और विकास
भारत और नेपाल का आर्थिक सहयोग भी वर्षों से मजबूत रहा है। दोनों देशों ने व्यापार, निवेश और अन्य विकासात्मक मुद्दों पर एक-दूसरे का साथ दिया है। नए गठबंधन सरकार से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश मिलकर इन क्षेत्रों में और प्रगति करेंगे।
नई सरकार, नई उम्मीदें
ओली की नई सरकार की नियुक्ति के साथ ही कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन निश्चय ही मोदी का संदेश यह बयान करता है कि भारत इस मुश्किल वक्त में भी नेपाल के साथ है। साझा भूगोल, संस्कृति, और परंपरा के साथ-साथ नया जोश दोनों देशों को और नजदीक लाने में मदद करेगा।
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