पुणे पोर्श दुर्घटना मामला: डीएनए विश्लेषण से सच्चाई उजागर
पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब ससून जनरल अस्पताल के तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें डॉक्टर डॉ. अजय तवारे, डॉ. श्रीहरी हलनोर और एक कर्मचारी, अतुल घाटकंबले शामिल हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने दुर्घटना में शामिल नाबालिग चालक के रक्त नमूने के साथ छेड़छाड़ की। यह तथ्य राज्य संचालित फॉरेंसिक प्रयोगशाला में किए गए डीएनए विश्लेषण से उजागर हुआ, जिसमें बताया गया कि एक 'गुप्त' रक्त नमूना, जो खुफिया सूचनाओं के अनुसार एकत्रित किया गया था, में परिवर्तन किया गया था।
गुप्त रक्त नमूना और डीएनए विश्लेषण
खुफिया सूचनाओं के आधार पर, एक गुप्त रक्त नमूना एकत्रित किया गया था जो ससून जनरल अस्पताल से लिया गया था। यह नमूना 19 मई को नाबालिग चालक से प्राप्त किया गया था और इसके बाद इसे बदला गया था। डीएनए विश्लेषण से पुष्टि हुई कि 19 मई से 20 मई के बीच, नमूने में अंतर था। इसके परिणामस्वरूप प्राप्त दूसरा नमूना, जो 19 मई को औंध के जिला अस्पताल में लिया गया था, नाबालिग चालक के पिता के डीएनए से मेल खाता था।
वित्तीय लेन-देन और गिरफ्तारी
इस खुलासे के बाद जांच शुरू की गई और पुलिस को संदेह है कि इस छेड़छाड़ के पीछे वित्तीय लेन-देन शामिल है। डॉक्टर्स और कर्मचारियों को सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके घरों की तलाशी भी ली जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं धन का इस्तेमाल रिश्वत के रूप में तो नहीं हुआ था।
नाबालिग के पिता पर भी आरोप
इस मामले में नाबालिग चालक के पिता को भी आरोपी के रूप में नामित किया गया है। तकनीकी साक्ष्यों से यह भी पता चला है कि उनका सीधा संपर्क डॉ. तवारे से था। पुलिस मामले की हर संभव एंगल से जांच कर रही है, जिसमें ससून जनरल अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच शामिल है।
आगे की जांच और संभावित संलिप्तता
पुलिस को संदेह है कि इस मामले में और भी व्यक्तियों की संलिप्तता हो सकती है। इस छेड़छाड़ को अंजाम देने में और कौन-कौन शामिल था, इसकी जांच की जा रही है। आगामी जांच के परिणामस्वरूप और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
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