GST कटौती – क्या बदल रहा है और इसका असर कौनसे क्षेत्र में?

जब हम GST कटौती, वस्तु एवं सेवा कर में प्रतिशत घटाने की प्रक्रिया को कहते हैं की बात करते हैं, तो सबसे पहले दो चीज़ें दिमाग में आती हैं – कीमत में कमी और कर बोझ में राहत। यही कारण है कि हर महीने इस बदलाव को लेकर बाजार की खबरें तीव्रता से घूमती रहती हैं। अब बात करते हैं उन प्रमुख क्षेत्रों की, जहाँ ये कटौती सीधे असर डाल रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम कैसे घटेगा?

इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरियों से चलने वाले कार, स्कूटर और रिक्शे पर लागू नई GST दर 12% से घट कर 5% हो गई है। इसका मतलब है कि महिंद्रा e-Verito जैसी कारों की कीमत में अब तक 80,000 रुपये तक की कटौती देखी जा रही है। ग्राहक जब कम कीमत पर इलेक्ट्रिक विकल्प चुनते हैं, तो पेट्रोल‑डिज़ल पर घटा खर्च भी साथ में बचता है। इस प्रकार, GST कटौती सीधे तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन की अपनाने की दर को बढ़ावा देती है।

इसी तरह, ई‑रिक्शा जैसे छोटे साधनों की कीमत भी लगभग 20,000 रुपये घट गई है। छोटे व्यवसायी अब इस लागत को कम करके अपनी सेवा रेंज को बढ़ा सकते हैं। इस बदलाव ने कई राइड‑हेलिंग कंपनियों को भी कम लागत पर फ्लीट विस्तार करने का भरोसा दिया है।

जब इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होते हैं, तो चार्जर और बैटरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश की भी दिशा बदलती है। चार्जिंग सेट‑अप पर भी GST 18% से घट कर 5% किया गया है, जिससे स्टेशनों की स्थापना खर्च में उल्लेखनीय कमी आती है। ये सब मिलकर भारत में इको‑फ़्रेंडली ट्रांसपोर्ट को तेज़ी से बढ़ावा दे रहे हैं।

अब बात करते हैं कर नीति, सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स नियम और दरें की, क्योंकि GST कटौती इसका एक अहम हिस्सा है। नई दरें लागू करने से पहले वित्त मंत्रालय ने कई सेक्टरों की लागत‑लाभ विश्लेषण किया, ताकि कमी से राजस्व पर अधिक असर न पड़े। परिणामस्वरूप, कुछ उच्च‑मूल्य वाले लक्ज़री आइटम पर GST वही रखा गया, जबकि व्यापक उपयोग वाले उत्पादों पर कटौती की गई। इस तरह की संतुलित नीति उद्योग में स्थिरता बनाये रखती है।

कर नीति के बदलाव से न केवल अंतिम उपभोक्ता, बल्कि निर्माताओं को भी फायदा मिलता है। उत्पादन लागत नीचे आती है, जिससे कंपनियां कम कीमत पर प्रोडक्ट लॉन्च कर सकती हैं या मौजूदा प्रोडक्ट पर मार्जिन सुधार सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अब प्रीमियम मॉडल की कीमत घटा कर ज्यादा ग्राहक आकर्षित करने की योजना बनाई है।

जब हम उत्पाद मूल्य की बात करते हैं, तो GST कटौती का सीधे संबंध है। सोने जैसे स्थायी निवेश विकल्प के लिए GST नहीं लगता, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े और घरेलू उपकरणों पर दर घटाने से इन वस्तुओं की बाजार कीमतें तेज़ी से नीचे आई हैं। यह उपभोक्ता के लिए बड़ी राहत है, खासकर शादी‑सीजन या दीपावली शॉपिंग के दौरान।

एक और महत्वपूर्ण बिंदु है कि GST कटौती से कंपनियों की नकदी प्रवाह में सुधार होता है। टैक्स देनदारी कम होने से फंडिंग की जरूरत घटती है, और वही फंड नई उत्पादन लाइनों या एक्सपोर्ट में लगाया जा सकता है। इससे भारतीय उत्पादों की विदेशों में प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ती है।

इन सभी पहलुओं को देखते हुए, यह साफ़ है कि GST कटौती केवल एक संख्यात्मक बदलाव नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था के कई हिस्सों को जोड़ने वाला पुल है। आगे आप देखेंगे कि हमारे नीचे सूचीबद्ध लेखों में इस कटौती के विभिन्न पहलुओं – इलेक्ट्रिक वाहन से लेकर शेयर बाजार तक – कैसे परिलक्षित हो रहे हैं। इन लेखों को पढ़कर आप अपने व्यवसाय या व्यक्तिगत खर्चों को अनुकूलित करने के ठोस कदम उठा सकते हैं।

1 अक्तूबर 2025 7 टिप्पणि Rakesh Kundu

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