क्वांट म्यूचुअल फंड क्या हैं और क्यों देखें?
क्या आपने कभी सोचा है कि 'क्वांट' नाम वाले म्यूचुअल फंड सामान्य फंडों से अलग कैसे होते हैं? असल में क्वांट फंड निवेश के फैसलों में सांख्यिकीय मॉडल, एल्गोरिदम और नियमों का इस्तेमाल करते हैं। यानी मानवीय निर्णय कम और डेटा‑आधारित नियम ज्यादा। इससे भावनात्मक त्रुटियाँ घट सकती हैं, पर साथ ही मॉडल की सीमाएँ भी होती हैं।
किस तरह काम करते हैं क्वांट फंड?
क्वांट फंड पहले डेटा और नियम तय करते हैं — जैसे वैल्यू, मोमेंटम, वॉल्यूम, वोलैटिलिटी इत्यादि। फिर नियमों के आधार पर स्टॉक्स चुनते या रिआलोकेट करते हैं। मैनेजर मन से लगातार ट्रेड नहीं करते; वे मॉडल के संकेतों पर चलते हैं। इसका मतलब है कि रिटर्न मॉडल की ताकत पर निर्भर करेगा, और मार्केट का हर समय व्यवहार बदलना मॉडल को प्रभावित कर सकता है।
क्वांट फंड चुनते वक्त इन्हें ध्यान में रखें: expense ratio (खर्च अनुपात), AUM (कुल संपत्ति), पिछला प्रदर्शन (पर फिक्स्ड वॉरनिंग: पिछला प्रदर्शन भविष्य की गारंटी नहीं), टॉप होल्डिंग्स, पोर्टफोलियो टर्नओवर, और फंड मैनेजर/टीम का अनुभव।
निवेश कैसे करें — आसान स्टेप्स
1) KYC पूरी करें: पैसा डालने से पहले केवाईसी वेरिफाई करें। 2) गोल तय करें: लॉन्ग‑टर्म कैपिटल ग्रोथ है या शॉर्ट‑टर्म ट्रेडिंग? क्वांट फंड अक्सर लंबी अवधि के लिए बेहतर होते हैं। 3) SIP बनाम लम्पसम: मार्केट की अनिश्चिन्ता में SIP बेहतर विकल्प है; लम्पसम तब सोचें जब मार्केट डिप हो और आपकी रिस्क एपेटाइट हाई हो। 4) अमाउंट और अवधि तय करें: कम से कम 3‑5 साल की सोच रखें। 5) मैट्रिक्स पर रेगुलर चेक: हर 6‑12 महीने पर फंड की रिपोर्ट, खर्च और होल्डिंग देखें।
टैक्स की बात: इक्विटी‑ऑधारित क्वांट स्कीम्स पर 1 साल से कम पर शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है; 1 साल से ज्यादा हो तो लाँग‑टर्म और अलग नियम लागू होते हैं। ELSS जैसी टैक्स‑सेविंग स्कीम्स में लॉक‑इन होता है; सामान्य इक्विटी फंड में लॉक‑इन नहीं होता।
खतरे और सावधानियाँ: मॉडल पर पूरी तरह निर्भर होना जोखिम बढ़ा सकता है—बैकटेस्टिंग में अच्छा दिखना वास्तविक मार्केट में हर बार काम नहीं करता। चार्ट‑इन्स और सेंटीमेंट चेंज भी असर डालते हैं। इसलिए क्वांट फंड के साथ पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन रखें।
तेज़ सुझाव (Quick Checklist): 1) खर्च कम हो। 2) AUM और लिक्विडिटी ठीक हो। 3) मॉडल का समय‑अवधि समझें। 4) होल्डिंग्स बहुत ज्यादा सिमित न हों। 5) सिप से शुरुआत करके ट्रैक रखें।
अगर आप मिश्रित रणनीति चाहते हैं तो पारंपरिक सक्रिय/पैसिव फंड के साथ क्वांट फंड जोड़कर जोखिम संतुलित कर सकते हैं। पढ़ते रहें, छोटी‑छोटी नियमित जाँच करते रहें और अपनी रिस्क‑लव के हिसाब से निर्णय लें। इसमें धैर्य महत्वपूर्ण है—क्वांट मॉडल को भी समय चाहिए प्रदर्शन दिखाने के लिए।
और हाँ, किसी भी फंड में निवेश करने से पहले आधिकारिक फंड फैक्टशीट और AMFI/CAMS जैसे स्रोतों से जानकारी जरूर देख लें।
24 जून 2024
Rakesh Kundu
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संदीप टंडन के स्वामित्व वाले क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट-रनिंग की शंका के चलते तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। यह तलाशी दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में शुक्रवार और शनिवार को की गई। मामले की विस्तृत जांच के बाद सेबी ने यह कार्रवाई की। क्वांट म्यूचुअल फंड ने आश्वासन दिया कि वे नियामक के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे और पारदर्शिता बनाए रखेंगे।
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