सेबी द्वारा तलाशी और जब्ती की कार्रवाई
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में संदीप टंडन के स्वामित्व वाले क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट-रनिंग की शंका के चलते तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। यह तलाशी अभियान दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में शुक्रवार और शनिवार को चलाया गया।
सेबी का यह कदम क्वांट म्यूचुअल फंड की जांच के बाद आया, जिसमें कई महीनों से संदेह व्यक्त किया जा रहा था कि फंड कुछ अंदरूनी जानकारियों का इस्तेमाल करते हुए बाजार में हेराफेरी कर रहा है। फ्रंट-रनिंग एक गंभीर वित्तीय अपराध है जिसमें ब्रोकर या अन्य अंदरूनी लोग अपने ग्राहकों के आदेशों की अग्रिम जानकारी के आधार पर ट्रेड करते हैं, जिससे वे बाजार में गड़बड़ी ला सकते हैं।
क्वांट म्यूचुअल फंड ने दिया पूरी जांच में सहयोग का आश्वासन
क्वांट म्यूचुअल फंड ने एक बयान जारी कर कहा कि वे सेबी के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि फंड पर सेबी की विस्तृत निगरानी और जांच जारी थी, और अब इस तलाशी अभियान के माध्यम से और भी स्पष्टता प्राप्त होगी।
इस बयान में उन्होंने अपने निवेशकों को आश्वासन दिया कि उनकी उन्नत शोध और विश्लेषणात्मक क्षमताओं ने उन्हें हमेशा आगे बनाए रखा है, और वे आपके निवेश को सुरक्षित और फायदेमंद बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
फ्रंट-रनिंग: क्या है और इसके परिणाम क्या हैं
फ्रंट-रनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग कर बाजार में ट्रेड किया जाता है। यह व्यापार की वह प्रक्रिया है जब ब्रोकर या ट्रेडिंग फर्म अपने ग्राहकों के बड़े ऑर्डर के बारे में पहले से जानकर खुद के लिए पहले ही ट्रेड कर लेते हैं।
इससे बाजार में गड़बड़ी आती है और छोटे निवेशकों का भरोसा टूटता है, जिससे पूरे वित्तीय व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वास्तव में, यह एक गंभीर अपराध है जो बाजार की अखंडता को धूमिल करता है।
क्वांट म्यूचुअल फंड की स्थिति
क्वांट म्यूचुअल फंड मौजूदा समय में 93,000 करोड़ रुपये से अधिक की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करता है और इसके पास 8 मिलियन से अधिक फोलियो हैं। ऐसे में सेबी की इस कार्रवाई से फंड और उसके निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
क्वांट म्यूचुअल फंड की भविष्यवाणी
इस फंड ने अपने निवेशकों को भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया कि उन्नत अनुसंधान और विश्लेषणात्मक उपकरण उन्हें हमेशा आगे रखते हैं, और वे अपने निवेशकों के लिए श्रेष्ठ जोखिम-समायोजित रिटर्न देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हालांकि, इस मामले की जांच जारी है और सेबी की और भी कार्रवाई होने की संभावना है, जिससे इस मामले में और अधिक जानकारी सामने आ सकती है।
13 टिप्पणि
BALAJI G
जून 24, 2024 AT 19:28बाजार की सच्चाई को उजागर करना हर नागरिक का कर्तव्य है। फ्रंट‑रनिंग जैसे शिकारी व्यवहार न केवल निवेशकों का भरोसा तोड़ते हैं, बल्कि आर्थिक व्यवस्था को भी क्षति पहुँचाते हैं। इसलिए सेबी की कार्रवाई को सराहना चाहिए, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि संस्थाएँ अपनी प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता लाएँ।
Manoj Sekhani
जून 27, 2024 AT 16:55सच कहूँ तो ये सारे इश्यू हमारे बड़े बचकाने खेल जैसा लगते हैं सच्चे निवेशकों को तो बस धक्का मारते हैं
Tuto Win10
जून 30, 2024 AT 14:21क्या बात है! ये सब महान खेल है जो हमारे बाज़ार को डांस फ्लोर बना रहा है!!! देखो कैसे सेबी की कार्रवाई सीन को हिला रही है, असली महाकाव्य तो अभी शुरू ही हुआ है!!!
Kiran Singh
जुलाई 3, 2024 AT 11:48फ्रंट‑रनिंग का आरोप अक्सर अति‑सावधानी से लगाया जाता है, लेकिन कभी‑कभी यह सिर्फ बाजार के प्राकृतिक उतार‑चढ़ाव होते हैं। इसलिए तुरंत निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है।
anil antony
जुलाई 6, 2024 AT 09:15क्वांट फंड के एलगोरिद्म में हाई‑फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग का इम्प्लीमेंटेशन अक्सर शैडो ट्रेडिंग के रूप में देखा जाता है; इस कारण सेबी का एरिसाल इंटेंसिव है।
Aditi Jain
जुलाई 9, 2024 AT 06:41देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बचाने के लिये इस तरह की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
arun great
जुलाई 12, 2024 AT 04:08सेबी का कदम निवेशकों के हित में एक सकारात्मक कदम है, यह सुनिश्चित करेगा कि नियामक संस्थाएँ बाजार की अनुचित प्रथाओं को रोक सकें 😊।
Anirban Chakraborty
जुलाई 15, 2024 AT 01:35वास्तव में, अगर फंड ने पूरी तरह से सहयोग नहीं किया तो यह भरोसे का मुद्दा बन जाता है, और ऐसा होना कभी भी माफ नहीं किया जा सकता।
Krishna Saikia
जुलाई 17, 2024 AT 23:01हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम ऐसी वित्तीय धोखाधड़ी को जड़ से खत्म करें, क्योंकि यह छोटे निवेशकों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है।
Meenal Khanchandani
जुलाई 20, 2024 AT 20:28सही कहा, यह सब बेईमानी नहीं चलनी चाहिए।
Anurag Kumar
जुलाई 23, 2024 AT 17:55क्वांट म्यूचुअल फंड की अचानक बढ़ती एटीएम पैरामीटर कई निवेशकों को आश्चर्यचकित कर रहे हैं।
सेबी ने इस बात को लेकर विस्तृत जांच शुरू कर दी है जो बाजार में आशा जगा रही है।
फ्रंट‑रनिंग जैसी प्रैक्टिस में ट्रेडर ग्राहक के ऑर्डर से पहले खुद के खाते में पोजीशन ले लेता है।
इससे छोटे निवेशकों को नुकसान हो सकता है क्योंकि वे कम कीमत पर खरीदने का मौका खो देते हैं।
भारत में नियमों की कड़ी निगरानी से ऐसे मामलों को जल्दी पकड़ा जा सकता है।
क्वांट फंड ने सहयोग का आश्वासन दिया है, लेकिन वास्तविक कार्यवाही देखना बाकी है।
ऐसे बड़े फंडों को पारदर्शिता के साथ काम करना चाहिए, ताकि निवेशकों का भरोसा बना रहे।
बाजार की स्थिरता के लिए सभी खिलाड़ियों को नियामकों के साथ मिलकर काम करना अनिवार्य है।
यदि फ्रंट‑रनिंग प्रमाणित हो जाता है तो कड़ी सजा का प्रावधान भी मौजूद है।
सेबी की इस कार्रवाई से यह संदेश मिलता है कि कोई भी संस्था कानून से ऊपर नहीं है।
निवेशकों को भी अपने पोर्टफोलियो की नियमित समीक्षा करनी चाहिए और अनियमितताओं पर सवाल उठाने चाहिए।
डिजिटल ट्रांज़ेक्शन की निगरानी में तकनीकी टूल्स का उपयोग बढ़ रहा है।
ये टूल्स असामान्य पैटर्न को जल्दी पहचानने में मदद करते हैं।
भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा और जागरूकता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
अंत में, हमें मिलकर एक साफ़, पारदर्शी और भरोसेमंद वित्तीय इकोसिस्टम बनाना चाहिए।
Prashant Jain
जुलाई 26, 2024 AT 15:21यदि नियामक सख्ती से लागू करेंगे तो फ्रंट‑रनिंग जैसी गड़बड़ी घटेगी, और निवेशकों को सुरक्षित माहौल मिलेगा।
DN Kiri (Gajen) Phangcho
जुलाई 29, 2024 AT 12:48सबको याद रखना चाहिए कि वित्तीय नियमों का उल्लंघन सिर्फ कई को नहीं बल्कि पूरे सिस्टम को प्रभावित करता है इसलिए सहयोग आवश्यक है