ट्रांसफॉर्मर निर्माण – पावर ट्रांसफॉर्मर कैसे बनता है?
जब हम ट्रांसफॉर्मर निर्माण, विद्युत शक्ति को उच्च वोल्टेज से कम वोल्टेज में या उलटा बदलने वाले उपकरण को तैयार करने की प्रक्रिया. इसे अक्सर ट्रांसफॉर्मर उत्पादन कहा जाता है, तो उसे समझना जरूरी है कि कौन‑से घटक और किस क्रम में जोड़े जाते हैं। साथ ही पावर ट्रांसफॉर्मर, उच्च क्षमता वाले औद्योगिक और ग्रिड ट्रांसफॉर्मर और वोल्टेज नियामक, वोल्टेज को स्थिर रखने वाला नियंत्रण यंत्र इस निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। इन तीनों के बीच का कनेक्शन – ‘ट्रांसफॉर्मर निर्माण ⟹ पावर ट्रांसफॉर्मर ⟹ वोल्टेज नियामक’ – इसे आप एक बड़े विद्युत नेटवर्क का मूलभूत ब्लॉक समझ सकते हैं।
मुख्य घटक और उत्पादन प्रक्रिया
ट्रांसफॉर्मर के कोर में सिलिकॉन स्टील की प्लेटिंग होती है, जो चुम्बकीय लेस को कम करती है। इस कोर के चारों ओर कॉपर या एल्युमिनियम की विंडिंग्स लपेटी जाती हैं; विंडिंग की घनत्व और टर्न्स सीधे ट्रांसफॉर्मर की क्षमता को तय करते हैं। अगला कदम है टैंक या केसिंग, जो तेल या वैक्यूम से भरकर इन्सुलेशन प्रदान करता है। निर्माण के दौरान वैद्युत अभियांत्रिकी (वैद्युत अभियांत्रिकी, विद्युत उपकरणों की डिजाइन और परीक्षण का विज्ञान) की मानकों का पालन अनिवार्य है—जैसे IEC या ISO 9001। परीक्षण चरण में लोड टेस्ट, थर्मल इमेजिंग और इन्सुलेशन रेजिस्टेंस जांच शामिल होती है, जिससे भरोसेमंद ऑपरेशन सुनिश्चित होता है। यह पूरी श्रृंखला ‘ट्रांसफॉर्मर निर्माण ⟹ कोर ⟹ विंडिंग ⟹ टैंक ⟹ टेस्टिंग’ का स्पष्ट क्रम दिखाती है।
उद्योग में अब स्मार्ट ग्रिड तकनीक का उदय हुआ है, जिससे ट्रांसफॉर्मर को डिजिटल नियंत्रण सिस्टम के साथ इंटीग्रेट किया जाता है। स्मार्ट ग्रिड (स्मार्ट ग्रिड, सेंसर और संचार तकनीक से सुसज्जित विद्युत नेटवर्क) के साथ जुड़ने वाले ट्रांसफॉर्मर में रिमोट मॉनिटरिंग, फॉल्ट डिटेक्शन और ऑटोमैटिक री-कन्फ़िगरेशन की सुविधाएँ होती हैं। यह परस्परता ‘स्मार्ट ग्रिड ⟹ ट्रांसफॉर्मर ⟹ रिमोट मॉनिटरिंग’ को दर्शाती है, जो ऊर्जा उत्पादन और वितरण की दक्षता को बढ़ाती है। भारत में हाल ही में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती हिस्सेदारी को देखते हुए, इन हाई‑एफिशिएंसी ट्रांसफॉर्मरों की माँग तेज़ी से बढ़ रही है।
अब आप समझ गए होंगे कि ट्रांसफॉर्मर निर्माण केवल धातु और तेल का काम नहीं, बल्कि यह एक जटिल इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट है जिसमें सामग्री विज्ञान, विद्युत सिद्धांत और डिजिटल तकनीक का मेल है। नीचे की सूची में आपको विभिन्न लेख मिलेंगे—जैसे कोर सामग्री चयन, विंडिंग डिज़ाइन, परीक्षण मानक और स्मार्ट ग्रिड इंटेग्रेशन—जो इस व्यापक विषय को और गहराई से समझाते हैं। इन लेखों को पढ़कर आप अपना खुद का पावर ट्रांसफॉर्मर प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं या मौजूदा सिस्टम को अपडेट करने के लिए बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
25 सितंबर 2025
Rakesh Kundu
Atlanta Electricals Limited ने 22-24 सितम्बर 2025 को 687 करोड़ रुपये का IPO लॉन्च किया। शेयर की कीमत 718‑754 रुपये के बीच तय हुई, जिसमें 400 करोड़ का नयी इस्यू और 287 करोड़ का OFS शामिल है। कंपनी 1988 में गुजरात में स्थापित, 5‑200 MVA/220 kV ट्रांसफॉर्मर में 12% बाजार हिस्सेदारी रखती है। IPO के बाद मार्केट कैपिटल 5 797 करोड़ रुपये और 12% डायल्यूशन होगा। सूचीबद्धता 29 सितम्बर 2025 को तय है।
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