स्कॉलरशिप का विस्तृत विवरण
अज़ीम प्रेम जी फाउंडेशन ने 2025 की शैक्षणिक सत्र के लिए एक विशेष अज़ीम प्रेम जी फाउंडेशन स्कॉलरशिप लॉन्च की है, जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की सरकारी स्कूलों की छात्राओं को उठाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इस योजना के तहत चयनित छात्रा को प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में ₹30,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो दो बराबर किस्तों में उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी। यह राशि कोर्स की पूरी अवधि के दौरान जारी रहेगी, चाहे वह दो साल का डिप्लोमा हो या पाँच साल का स्नातक कार्यक्रम।
स्कॉलरशिप का मुख्य लक्ष्य उन लड़कियों को उच्च शिक्षा तक पहुँच प्रदान करना है, जो अपने स्कूल की शिक्षा समाप्त करने के बाद आर्थिक बोझ के कारण आगे नहीं बढ़ पातीं। इस पहल से न केवल उनकी पढ़ाई जारी रहेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिलेगा।
स्कॉलरशिप के लाभार्थी को केवल सरकारी या मान्य निजी कॉलेज/विश्वविद्यालय में प्रथम वर्ष के लिये प्रवेश प्राप्त होना चाहिए। प्रवेशित कोर्स को मान्य मानदंडों के तहत दो से पाँच वर्ष के अंतराल में होना चाहिए।
- भुगतान: ₹15,000 प्रति किस्त, दो किस्तें वार्षिक रूप से
- अवधि: कोर्स की पूरी अवधि (2‑5 वर्ष)
- डेटा: छात्रा का बैंक खाता, शैक्षणिक प्रमाणपत्र आदि
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता मानदंड
छात्रा को दो मुख्य शैक्षणिक मानदंड पूरे करने हैं: क्लास 10 और क्लास 12 दोनों को नियमित रूप से सरकारी स्कूल या कॉलेज से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने 2025‑26 शैक्षणिक सत्र में मान्य संस्थान में प्रथम वर्ष का प्रवेश ले रखा होना चाहिए।
पात्रता के लिये निम्नलिखित राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश शामिल हैं:
- अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड
आवेदन दो राउंड में खुलेगा:
- राउंड 1 – 10 सितंबर 2025 से 30 सितंबर 2025 तक
- राउंड 2 – 10 जनवरी 2026 से 30 जनवरी 2026 तक
आवेदन प्रक्रिया सरल है: इच्छुक छात्रा को आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन एप्लिकेशन फ़ॉर्म भरना है, आवश्यक दस्तावेज़ (जैसे मार्कशीट, प्रवेश पत्र, बैंक जानकारी) अपलोड करना है और सबमिट करना है। फाउंडेशन की समिति प्रारंभिक स्क्रीनिंग के बाद योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। चयनित छात्रा को स्क्रीनिंग के बाद पहेली किस्तों में भुगतान किया जाएगा, और कोर्स के मान्यताप्राप्ती के दौरान निरंतर प्रगति की निगरानी की जाएगी।
भुगतान के बाद भी छात्रा को अंक, उपस्थिति एवं कोर्स की अवधि के दौरान निरंतर अध्ययन का प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक होगा, जिससे स्कॉलरशिप की निरंतरता सुनिश्चित की जा सके। यह प्रक्रिया फाउंडेशन की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की नीति के अनुरूप है।
अज़ीम प्रेम जी फाउंडेशन ने शिक्षा में समानता लाने के लिए कई अन्य पहल भी शुरू की हैं, लेकिन इस छात्रवृत्ति को विशेष महत्व इसलिए मिला है क्योंकि यह सीधे आर्थिक बाधाओं को हटाकर लड़कियों को उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर करता है। सरकारी स्कूलों की बहुसंख्यक छात्राएँ अक्सर संसाधन की कमी, सामाजिक दबाव और वित्तीय तंगी का सामना करती हैं; इस स्कॉलरशिप से उन्हें एक स्थायी समाधान मिल रहा है।
भली-भांति तैयार किए गए इस प्रोग्राम के जरिए फाउंडेशन का उद्देश्य सिर्फ वित्तीय सहायता ही नहीं, बल्कि छात्रों के सीखने के माहौल को भी सुदृढ़ बनाना है। इस दिशा में, फाउंडेशन समय‑समय पर मेंटरशिप, कौशल विकास कार्यशालाओं और करियर काउंसलिंग सत्र भी आयोजित करेगा, जिससे छात्राएँ अपने भविष्य को स्पष्ट रूप से देख सकें।
यदि आप या आपके परिचित इस पात्रता को पूरा करते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर तुरंत आवेदन करें। समय की सीमा दो राउंड में विभाजित है, इसलिए देर न करें। इस अवसर का लाभ उठाकर आर्थिक बोझ से मुक्त होकर अपनी शैक्षणिक यात्रा को आगे बढ़ाएँ।
5 टिप्पणि
Jenisha Patel
सितंबर 28, 2025 AT 02:50अज़ीम प्रेम जी फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत यह छात्रवृत्ति योजना अत्यंत सराहनीय है, विशेष रूप से सरकारी स्कूलों की छात्राओं के लिए; यह आर्थिक बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के माध्यम से पात्र विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जिससे उनकी शैक्षणिक यात्रा सुगम होगी। योजना की शर्तें स्पष्ट रूप से वर्णित हैं, जैसे कि दो किस्तों में भुगतान और कोर्स की अवधि के दौरान निरंतर निगरानी। इसके अतिरिक्त, मेंटरशिप और कौशल विकास कार्यशालाओं की व्यवस्था भी उल्लेखनीय है, जो छात्रों के समग्र विकास में सहायक होगी। कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम समानता और सशक्तिकरण के सिद्धांतों के अनुरूप है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।
Ria Dewan
अक्तूबर 3, 2025 AT 21:43वाह, आखिरकार अब हमारे देश में उन लड़कियों को भी पढ़ाई की राह में सामान्य बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा, है न?
ऐसी योजनाएं तो हम सब ने बहुत पहले देखी थीं, पर अब ये वास्तविकता में उतनी ही प्रभावी लगती हैं, जितनी हम कल्पना करते थे।
सरकारी स्कूलों की छात्राएँ, जो अक्सर संसाधन की कमी और सामाजिक दबाव से जूझती हैं, अब इस स्कॉलरशिप से थोड़ी राहत पा सकती हैं।
पर क्या यह पर्याप्त है, या फिर यह सिर्फ एक सतह पर चमकती हुई सहायता है, जो गहराई में समस्याओं को नहीं छूती?
अगर फाउंडेशन वास्तव में अपने लक्ष्य को साकार करना चाहता है, तो इसे केवल वित्तीय मदद तक सीमित नहीं रखना चाहिए।
उन्हें निरंतर मेंटरशिप, करियर काउंसलिंग, और वास्तविक दुनिया की स्किल्स प्रदान करनी चाहिए, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
ऐसे कदम अक्सर कागज़ी बुनियादी काम लगते हैं, पर अगर सही ढंग से लागू किए जाएँ तो उनका प्रभाव बहुत अधिक हो सकता है।
सरकारी नीतियों की बात करें तो, इस तरह की पहलें अक्सर बजट की कमी या राजनीतिक खेलों से बाधित होती हैं।
फाउंडेशन को चाहिए कि वह सरकारी संस्थानों के साथ मिलकर इस स्कॉलरशिप को स्थायी बनाये, न कि केवल दो साल की छोटी ख़ुशी।
आख़िरकार, शिक्षा का अधिकार एक सार्वभौमिक सिद्धांत है, जिसे आर्थिक स्थिति के आधार पर बांटने का कोई औचित्य नहीं है।
जब तक हम इस बात को नहीं समझते कि लड़कियों का सशक्तिकरण पूरे समाज को ऊँचा उठाता है, तब तक ऐसी योजनाएं केवल अस्थायी उपाय ही रहेंगी।
तो चलिए, इस स्कॉलरशिप को न केवल एक आर्थिक मदद के रूप में देखें, बल्कि एक सामाजिक बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में भी मानें।
यदि सभी को इस बात का एहसास हो कि हर लड़की को पढ़ाई का अवसर मिलना चाहिए, तो हम एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ेंगे।
समय अभी है, जब हम इस पहल का समर्थन करें, न कि केवल सराबोर बोलें।
आख़िर में, अगर हम अपनी इंटेलेक्टुअल बेकरारी को कार्य में बदल दें, तो शायद यह स्कॉलरशिप सच में एक क्रांतिकारी कदम बन सके।
rishabh agarwal
अक्तूबर 9, 2025 AT 16:37मैं देख रहा हूँ कि इस योजना से कई छात्राएँ वास्तव में लाभ उठा सकती हैं, और यह बात बहुत प्रेरणादायक है। वित्तीय सहायता के साथ-साथ निरंतर निगरानी भी योजना की सफलता को सुनिश्चित करेगी। जैसा कि उल्लेख किया गया है, मेंटरशिप और कार्यशालाएँ छात्रों को व्यावहारिक कौशल प्रदान करेंगी। कुल मिलाकर, यह पहल शिक्षा में समानता लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जिससे सामाजिक विकास को गति मिल सकती है।
Apurva Pandya
अक्तूबर 15, 2025 AT 11:30यह ज़रूरी है कि हम ऐसी पहल को नैतिक दायित्व मानें, क्योंकि हमारी समाज की प्रगति का मूलभूत आधार शिक्षा है :)। केवल वित्तीय मदद ही नहीं, बल्कि छात्राओं के नैतिक और सामाजिक विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। फाउंडेशन को चाहिए कि वह सतत समर्थन प्रदान करे, जिससे लड़की का आत्मविश्वास बढ़े और वह सामाजिक रूप से सशक्त बन सके। ऐसे उद्यम हमें नैतिक रूप से ऊँचा उठाते हैं, और यह हमें एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाता है।
Nishtha Sood
अक्तूबर 21, 2025 AT 06:23आप सबको इस अवसर का भरपूर लाभ उठाने की शुभकामनाएँ।