Zomato के CEO दीपिंदर गोयल का वक्तव्य
भारत के जानी-मानी फूड डिलीवरी कंपनी Zomato के CEO दीपिंदर गोयल ने ईटी स्टार्टअप अवार्ड्स में एक बातचीत के दौरान यह बताया कि कैसे फटाफट कामर्स इकॉमर्स और आधुनिक रिटेल की बाजार हिस्सेदारी को चुनौती दे रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि Zomato भले ही फटाफट कामर्स के खेल में देर से आया हो, लेकिन उन्होंने अपनी उल्लेखनीय वृद्धि को देखा है। इस चर्चा के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि फटाफट कामर्स किराने की दुकानों की जगह नहीं ले रही है, बल्कि बड़े स्टोर्स जैसे Dmart और इकॉमर्स दिग्गज Amazon और Flipkart की हिस्सेदारी को प्रभावित कर रही है।
Zomato की यात्रा और चुनौतियाँ
दीपिंदर गोयल ने Zomato की यात्रा के दौरान कुछ चुनौतियों को साझा किया। उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि कंपनी के IPO के बाद कई वरिष्ठ अधिकारियों में प्रगति के प्रति उत्साह में कमी आई, जिससे Zomato को अपनी प्रगति बरकरार रखने के लिए कठोर कदम उठाने पड़े। उन्होंने कुछ अधिकारियों को हटाकर कंपनी को सही दिशा में लाने का कार्य किया। इन कठिन निर्णयों के कारण Zomato को अपने व्यवसाय में नई ऊर्जा प्राप्त हुई और वे नए अवसरों को समझने में सक्षम हुए।
जब उनसे प्रतिद्वंद्वी Swiggy के संभावित IPO पर सवाल पूछा गया, तो गोयल ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई चिंता नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि बाजार अपने तरीके से काम करेगा और उन्हें परिणामों की प्रतीक्षा करनी होगी।
फटाफट कामर्स और नियामकीय चुनौती
फटाफट कामर्स से संबंधित नियामकीय जांच के बारे में बात करते हुए, दीपिंदर गोयल ने स्पष्ट किया कि यह परीक्षा पारंपरिक रिटेल पर प्रभाव नहीं डाल रही है, बल्कि इकॉमर्स और आधुनिक रिटेल के व्यापारिक ढांचे को चुनौती दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि फटाफट कामर्स ने वस्त्रों की खपत को कुल मिलाकर बढ़ाया है, जो बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
फटाफट कामर्स का अद्वितीय प्रभाव
जब विभिन्न क्षेत्रों में फटाफट कामर्स की वृद्धि का आकलन किया जाता है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इसने पारंपरिक बाजार के ढांचे को बदल दिया है। बड़े शहरों में रहने वाले लोग तेजी से सेवा चाहते हैं, जो फटाफट कामर्स के माध्यम से संभव हो रहा है। इसके अतिरिक्त, इस प्रवृत्ति ने उपभोक्ताओं को ज्यादा विकल्प और लचीलापन प्रदान किया है, जिससे वे कहीं भी और कभी भी सामान प्राप्त कर सकते हैं। इस तरीके ने विशेष रूप से छोटे दुकानदारों या किराने की दुकानों के लिए एक सहारा का काम किया है क्योंकि अब वे भी अपनी बिक्री को डिजिटल तरीके से बढ़ा सकते हैं।
Zomato का फटाफट कामर्स में योगदान
Zomato का फटाफट कामर्स में आगमन उल्लेखनीय है। जहां एक ओर बड़े खिलाड़ी अपनी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने की कोशिश में जुटे हैं, वहीं Zomato ने पूरे व्यापारी तंत्र में अपनी पहचान स्थापित की है। उन्होंने ग्राहकों की बदलती जरूरतों को समझते हुए अपनी सेवाओं का विस्तार किया है, जो कंपनी की बिजनेस सूझबूझ को दर्शाता है। गोयल ने यह भी बताया कि किस तरह Zomato ने किफायती दरों पर तेज सेवा प्रदान करके ग्राहकों का विश्वास जीता है।
निष्कर्ष
यह चर्चा उस समय आई है जब फटाफट कामर्स प्लेटफार्मों ने तेजी से वृद्धि दर और पारंपरिक रिटेल और इकॉमर्स मॉडल को चुनौती देना शुरू कर दिया है। Zomato की इस बदलाव के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता ने यह प्रमाणित किया है कि अच्छा व्यवसाय उसी का होता है जो समय के साथ बदलता है। दीपिंदर गोयल की आधिकारिक सोच और Zomato की रणनीतिक योजना उनके व्यवसायिक सफलता की ओर बढ़ने के कदम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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