जब यशस्वी जयसवाल, यशस्वी जयसवाल ने 173* का unbeaten पारिख किया, तो यह केवल एक पारी नहीं, बल्कि इतिहास बन गया। वही दिन, 10 अक्टूबर 2025 को, भारत बनाम वेस्ट इंडीज़ 2nd टेस्टअरुण जयतली स्टेडियम, दिल्ली पर शुरू हुआ, जहाँ शुबमन गिल ने टॉस जीत कर भारत को पहले बल्लेबाज़ी का अधिकार दिया। इस जीत के साथ गिल की छह लगातार टॉस हार की पंक्तियों का अंत हुआ, और भारत ने पहले दिन 318/2 की मजबूत पोजीशन बनाई।
पहला दिन: स्कोरकार्ड और प्रमुख मोड़
पहले 90 ओवरों में भारत ने कुल 318 रन बनाये, जिसमें दो विकेट गिरे – 1-58 पर के.एल. राहुल (17.3 ओवर) और 2-251 पर बी. साई सुधर्सन (68.3 ओवर)। सुधर्सन ने 87 रन बनाकर अपना अब तक का सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर बनाया, जबकि वह सिर्फ 13 रन दूर थे अपनी पहली शतक से।
बॉलिंग में जॉमेल वारिकन ने 20 ओवर में 2 विकेट लिए (60 रन), जिसमें वह राहुल को स्टम्पिंग के माध्यम से भी ले गया था। एंडरसन फिलिप ने 13 ओवर बिना नहीं लिया, लेकिन उनका निरर्थक नहीं रहा क्योंकि उन्होंने गति बनाए रखी।
यशस्वी जयसवाल की शाही पारी
इकरे 173* की पारी में जयसवाल ने 253 गेंदों पर 34 चौके और 6 छक्के लगाए। इस पारी ने उन्हें भारत के उन अद्भुत युवा सितारों में जोड़ दिया जो 24 साल से पहले सात या उससे अधिक टेस्ट सेंचुरी कर चुके हैं – इस डेज़र्ट में सिर्फ सचिन तेंदुलकर ही पहले थे।
जयसवाल ने कहा, "मैं सिर्फ टीम को बड़ा स्कोर देना चाहता था, व्यक्तिगत माइलस्टोन नहीं।" यह बयान उनके शांत स्वभाव को दर्शाता है, जबकि स्टेडियम में दर्शकों की जयकाऱे गोंज रही थीं।
अन्य प्रमुख योगदान एवं भारतीय टीम की स्थिति
कैप्टन शुबमन गिल ने 20* बनाकर अपना खुद का शांति बनाए रखा, जिससे वह अपने पहले सफल टॉस निर्णय का जश्न मना रहे थे। के.एल. राहुल का शुरुआती बाहर होना एक चौंकाने वाला मोड़ था, लेकिन उनकी टीम की रणनीति में अब भी लचीलापन है।
ऑफ़र्ड-शोल्डर ध्रुज जेरल (विकेटकीपर) ने गेंदबाजों को समर्थन दिया, जबकि रविंद्र जडेजा ने मध्यक्रम में 15* का छोटा लेकिन फोकस्ड योगदान दिया। बॉलिंग सेक्शन में जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और मोहम्मद सिराज की अंग्रेज़ी माँगी हुई वैरिएबिलिटी अब तक नहीं देखी गई।
वेस्ट इंडीज़ की गेंदबाज़ी और प्रतिक्रिया
वेस्ट इंडीज़ कप्तान रोस्टन चैस ने बल्लेबाज़ी में कठिनाइयों को स्वीकारा, "भविष्य में स्पिन का सामना करने के लिए हमें अधिक अभ्यास चाहिए।" वारिकन की दो विकेट के साथ मिश्रित प्रदर्शन ने दिखाया कि उनका फेज़ अभी तैयार नहीं है। फिलिप ने अनुकूल परिस्थितियों में शॉर्ट शॉर्ट क्लॉज़ में कोशिशें कीं, लेकिन रैफर ने उन्हें फाइल्डिंग एरर बताया।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली की पिच पर धीरे-धीरे ग्रास कम होगी और फिर धीरे-धीरे किक‑ऑफ़ का असर बढ़ेगा, इसलिए स्पिनर राविंद्र जडेजा के आगे के ओवर काफी निर्णायक हो सकते हैं।

आगे की संभावनाएँ और विशेषज्ञों की राय
पहले टेस्ट में अहमदाबाद में भारत ने 3 दिन में जीत हासिल की थी, जिससे सीरीज़ का स्कोर 1-0 हो गया। अब यह दूसरा टेस्ट है, जहाँ भारत के लिए लक्ष्य है कि वह पहले दिन से ही मैनिंग बना कर वेस्ट इंडीज़ को दबाव में रखे। क्रिकेट विशेषज्ञ रवींद्र जैन ने कहा, "यदि भारत फलना-फूलना चाहते हैं, तो उन्हें शतक के बाद भी रनों का निरंतर प्रवाह बनाकर ही आगे बढ़ना होगा।"
वेस्ट इंडीज़ के लिए मुख्य चुनौती होगी स्पिन की प्रभावी प्रयोग। पिछले मैच में उन्होंने स्पिन के खिलाफ झुकाव दिखाया था, और इस बार उन्हें अपनी लाइन और लँथ को सुदृढ़ करना होगा। दूसरा दिन की शुरूआत 11 अक्टूबर 2025 को सुबह 9:30 बजे निश्चित है, और सभी आँकड़े इस मोड़ पर ही बदलेंगे।
मुख्य तथ्य
- भारत ने पहले दिन 318/2 बनाकर पोजीशन मजबूत की।
- यशस्वी जयसवाल ने 173* बनाकर 24 साल से पहले सातवीं टेस्ट सेंचुरी हासिल की।
- शुबमन गिल ने टॉस जीत कर अपना पहला सफल निर्णय लिया।
- वेस्ट इंडीज़ ने वारिकन को 2 विकेट लेकर पहले दो विकेट उठाए।
- सीरीज़ अभी 1-0 की बढ़त पर भारत के पक्ष में है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यशस्वी जयसवाल की इस पारी का भारत की भविष्य की टास्क पर क्या असर होगा?
जयसवाल की 173* ने न केवल स्कोरबोर्ड को सशक्त किया, बल्कि मध्यक्रम में आने वाले खिलाड़ियों के लिए आत्मविश्वास का स्तम्भ भी बन गया। अगर वह इस रफ़्तार को बनाए रखते हैं तो भारत के अगले टेस्ट में पहले विकेट को गिराकर तेज़ी से बड़े स्कोर बनाने की संभावना बढ़ती है।
वेस्ट इंडीज़ की स्पिन गेंदबाज़ी को क्या चुनौतियां सामने हैं?
दिल्ली की पिच धीरे-धीरे सख़्त हो रही है, जिससे गेंदों की ग्रिप कम होती है। वेस्ट इंडीज़ को रेंज-अप, लैंडिंग पॉइंट और बॉउन्स कंट्रोल पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा, नहीं तो भारतीय स्पिनरों की डौफिल्डिंग और बाउंस पर दबाव असरदार नहीं रहेगा।
शुबमन गिल की टॉस जीतने की नई श्रृंखला टीम को कैसे बदलती है?
टॉस जीतने से गिल को रणनीतिक विकल्प चुनने का भरोसा मिला। अब वह बेतरतीब फील्डिंग प्लेसमेंट या बॉलिंग विकल्प चुन सकते हैं, जिससे विरोधी टीम पर अनिश्चितता बढ़ेगी। यह उनकी कप्तानी में एक सकारात्मक बदलाव है।
पहले टेस्ट में भारत की जीत ने इस सीरीज़ की दिशा कैसे तय की?
अहमदाबाद में 3 दिनों में जीत ने भारत को मनोवैज्ञानिक रूप से भारी बढ़त दी। अब वेस्ट इंडीज़ को केवल बराबरी करने की कोशिश करनी होगी, जबकि भारत को जीत को दोहराने के लिए निरंतर दबाव बनाए रखना होगा।
क्या इस पारी से भारतीय युवा क्रिकेटर प्रेरित होंगे?
निश्चित ही। 24 साल से कम उम्र में सात टेस्ट सेंचुरी हासिल करने वाले जयसवाल का उदाहरण युवा खिलाड़ियों को दिखाता है कि निरंतर मेहनत और टेक्निकल परफॉर्मेंस से बड़े मुकाम हासिल किए जा सकते हैं। कई अकादमी ने इस पर चर्चा कर अपने प्रशिक्षण मॉड्यूल में बदलाव की घोषणा की है।
1 टिप्पणि
Chandan kumar
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:22जेएसवाल का 173* तो देखी, पर बाकी बॉलिंग में क्या चल रहा है?