क्यों किर्गिस्तान में भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी छात्रों पर हो रहा है हमला, जानिए पूरा मामला
18 मई 2024 19 टिप्पणि Rakesh Kundu

मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान में पिछले कुछ दिनों से विदेशी छात्रों, खासकर भारतीयों, पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों के खिलाफ हिंसा का माहौल है। राजधानी बिश्केक में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के हॉस्टलों पर हमलों की खबरें सामने आ रही हैं। यह स्थिति तब और बिगड़ गई जब किर्गिज और विदेशी छात्रों के बीच हुई झड़प का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें शामिल विदेशी राष्ट्रीयों के प्रति 'नरम रवैये' के आरोप लगाए गए।

इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने छात्रों को सुरक्षा के लिए घर में रहने की सलाह दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दूतावास के संपर्क में रहने के महत्व पर जोर दिया, जबकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चिंता जताते हुए तुरंत नागरिकों को निकालने की पेशकश की।

हिंसक भीड़ ने मेडिकल यूनिवर्सिटी हॉस्टलों को बनाया निशाना

हिंसक भीड़ ने मुख्य रूप से मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों को निशाना बनाया, जहां अंतरराष्ट्रीय छात्र रहते हैं। हालांकि सोशल मीडिया पर हताहतों और हमलों के दावे किए गए, लेकिन अभी तक ऐसी किसी घटना की पुष्टि नहीं हुई है।

किर्गिस्तान भारतीय मेडिकल छात्रों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। यहां शिक्षा की किफायती लागत और गुणवत्ता के कारण करीब 15,000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त डिग्री भी इन छात्रों को यहां आकर्षित करती है।

किर्गिस्तान में भारतीय छात्रों की संख्या

वर्ष छात्रों की संख्या
2019 12,000
2020 13,500
2021 15,000

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय दूतावास हालात पर करीबी नजर रख रहा है और मदद के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने छात्रों को सुरक्षित रहने और सतर्क रहने की सलाह दी।

छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि: भारत और पाकिस्तान

भारत और पाकिस्तान दोनों ने इस मामले में अपने छात्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। दोनों देशों ने अपने नागरिकों से सतर्क रहने और दूतावास के संपर्क में रहने को कहा है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्वीट किया, "हम किर्गिस्तान में पाकिस्तानी छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। हमारा दूतावास उनके संपर्क में है और हम जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत वापस लाने के लिए तैयार हैं।"

विदेशी छात्रों के साथ भेदभाव का आरोप

कुछ विदेशी छात्रों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय प्रशासन उनके साथ भेदभाव कर रहा है और उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं करा रहा। हालांकि किर्गिस्तान के अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज किया है।

किर्गिस्तान के शिक्षा मंत्री बोलोटबेक कुपेशेव ने कहा, "हम सभी विदेशी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

यह घटना एक बार फिर विदेशी छात्रों की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर करती है। भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों ने किर्गिस्तान सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी और छात्र अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

19 टिप्पणि

Krishna Saikia

Krishna Saikia

मई 18, 2024 AT 18:20

ऐसा नहीं हो सकता कि हमारी मिट्टी से दूर हो रहे हैं हमारे विद्यार्थियों को असुरक्षा की भावना। किसी भी रूप में विदेशी छात्र की सुरक्षा को लेकर असह्य स्थिति बनना हमें शर्मिंदा करता है। हमें मिलकर इस समस्या को सख्ती से रोकना चाहिए, नहीं तो और भी नतीजे बुरे हो सकते हैं। देश की गरिमा कायम रखने के लिए हमें तुरंत कदम उठाने चाहिए।

Meenal Khanchandani

Meenal Khanchandani

मई 22, 2024 AT 19:46

विदेशियों की सुरक्षा में ढिलाई हमारे मूल्यों के विरुद्ध है।

Anurag Kumar

Anurag Kumar

मई 27, 2024 AT 10:53

यह देखना दुखदायी है कि छात्र अपने पढ़ाई के दौरान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। दूतावास से लगातार संपर्क में रहना एक पहला कदम है। स्थानीय पुलिस के साथ सहयोग करके सुरक्षित रहने की व्यवस्था की जा सकती है। यदि कोई छात्र एस्कॉर्ट की जरूरत महसूस करता है तो विश्वविद्यालय प्रशासन को तुरंत सूचित करना चाहिए। इस प्रकार हम मिलकर छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते हैं।

Prashant Jain

Prashant Jain

मई 30, 2024 AT 22:13

किरगीस्तान की भीड़ के इस अराजक व्यवहार को कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसे कृत्य केवल शांति व शिष्टाचार को ध्वस्त करते हैं।

DN Kiri (Gajen) Phangcho

DN Kiri (Gajen) Phangcho

जून 1, 2024 AT 02:00

दिल से कहूँ तो हम सबको एकसाथ खड़े होना चाहिए। छात्रों को आश्वासन देना हमारा कर्तव्य है। इस कठिन समय में हम सबका सहयोग बहुत ज़रूरी है।

Yash Kumar

Yash Kumar

जून 4, 2024 AT 13:20

सब कहते हैं कि स्थिति गंभीर है लेकिन वास्तविकता में कई बार मामला उतना बड़ा नहीं होता जितना दिखाया जाता है। सरकार का कहना है कि उन्होंने उपाय कर लिये हैं पर असली कार्रवाई देखी नहीं गई। नज़रिए को बदलना भी ज़रूरी है।

Aishwarya R

Aishwarya R

जून 5, 2024 AT 17:06

दरअसल इस समस्या का मूल कारण स्थानीय प्रशासन की लापरवाही है। ऐसी लापरवाही का असर छात्रों की पढ़ाई और भविष्य पर गहरा पड़ता है।

Vaidehi Sharma

Vaidehi Sharma

जून 6, 2024 AT 20:53

सुरक्षा का मुद्दा हल्के में नहीं ले सकते 😊। तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए 🙏।

Jenisha Patel

Jenisha Patel

जून 10, 2024 AT 08:13

विदेशी छात्रों की सुरक्षा, जो कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण है, को सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित पक्षों, अर्थात् सरकार, विश्वविद्यालय प्रशासन, तथा स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों, को समन्वित रूप से कार्य करना अनिवार्य है। यह सहयोग, यदि समय पर और प्रभावी ढंग से किया गया, तो स्थिति में शीघ्र सुधार सम्भव हो सकता है।

Ria Dewan

Ria Dewan

जून 11, 2024 AT 12:00

अरे, ऐसे दुर्भाग्य को देख कर तो लगता है कि विश्वशांति का सफर सड़क के खराबों जैसा है-खराब और कभी‑कभी घुँघराले। यदि हम इसे हल्के में लेते, तो शायद हमें और भी मज़ा आएगा। क्या कहा जाए, अभी तक कोई बड़ी समस्या नहीं हुई तो क्या बात है।

rishabh agarwal

rishabh agarwal

जून 12, 2024 AT 15:46

समस्या की जड़ को समझना और फिर उपाय ढूँढना ही सबसे कारगर कदम है। हम सभी को मिलकर इस विषय पर विचार-विमर्श करना चाहिए, ताकि एक प्रभावी योजना तैयार की जा सके। तभी छात्र安心 से पढ़ाई जारी रख सकेंगे।

Apurva Pandya

Apurva Pandya

जून 16, 2024 AT 03:06

देश के बच्चों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं हो सकता 😠। सभी को मिलकर इस स्थिति का समाधान खोजना होगा।

Nishtha Sood

Nishtha Sood

जून 17, 2024 AT 06:53

हमें आशा नहीं छोड़नी चाहिए कि समय के साथ सब कुछ सामान्य हो जाएगा। सकारात्मक सोच और सामुदायिक समर्थन इस कठिनाई को दूर कर सकता है। चलिए हम सब मिलकर इस चुनौती को पार करते हैं।

Hiren Patel

Hiren Patel

जून 21, 2024 AT 22:00

किरगीस्तान के इस अंधेरे दौर में विदेशी छात्रों को झेलनी पड़ रही परेशानी कोई छोटी बात नहीं है।
हर सुबह जब वो अपने हॉस्टल के दरवाजे खोलते हैं तो एक अनिश्चितता का साया उनका स्वागत करता है।
ऐसे में उनके दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है, और पैर जमीन से निकल जाते हैं।
हमारा राष्ट्रीय भावना कहती है कि हम अपने छात्रों को कोई भी खतरा नहीं सहने देंगे।
दूर-दराज़ की धरती पर हमारे युवा मेहनत कर रहे हैं, और उनका भविष्य हमारे हाथों में है।
जब सरकार की ओर से सुरक्षा के उपाय कहते‑कहते हाथ खाली रह जाएँ, तो हमें स्वयं कदम उठाने पड़ते हैं।
विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे तुरंत एक सुरक्षित क्षेत्र स्थापित करें, जहाँ छात्र बिना डर के रह सकें।
स्थानीय पुलिस को भी इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि सुरक्षा का अभाव सामाजिक ताना‑बाना तोड़ देता है।
समुदाय के लोग, स्थानीय नागरिक, और विदेशियों के बीच भरोसा बनाना अनिवार्य है, नहीं तो असहजता बढ़ेगी।
हम सबको मिलकर इस समस्या को एकजुटता से सुलझाना चाहिए, क्योंकि अकेले हम कुछ नहीं कर पाएँगे।
आपसी सहयोग के बिना यह संघर्ष अनिश्चित काल तक चल सकता है, और इसका असर केवल छात्र ही नहीं, पूरे देश की छवि पर पड़ेगा।
इसीलिए मैं सभी को आग्रह करता हूँ कि हम अपने दिलों में एक सकारात्मक ऊर्जा जगा कर इस चुनौती को मात दें।
जैसे ही हम इस सिलसिले को खत्म करेंगे, छात्रों के चेहरे पर फिर से मुस्कान आएगी।
हमारी युवा शक्ति, उनकी मेहनत, और हमारी राष्ट्रीय भावना मिलकर इस अंधेरे को रोशन कर देगी।
आइए, हम सब मिलकर एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और सीखने‑लायक माहौल बनाएँ।
इस दिशा में छोटे‑छोटे कदम भी बड़ी जीत की नींव रखेंगे 😊।

Heena Shaikh

Heena Shaikh

जून 22, 2024 AT 11:53

सुरक्षा की समस्या को हल्के में लेना, मानो हम अपने ही भविष्य को नज़रअंदाज़ कर रहे हों। ऐसी उदासीनता को अब और नहीं सहा जा सकता।

Chandra Soni

Chandra Soni

जून 23, 2024 AT 01:46

आज के ग्रोथ‑ड्रिवन एजुकेशन इकोसिस्टम में स्टेकहोल्डर्स को एनालिटिकली रिस्पॉन्स देना आवश्यक है। सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स को इम्प्लीमेंट करके हम रिस्क मैनेजमेंट को ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं। इसको मिल्कते हुए, यूनिवर्सिटी ने एक इमरजेंसी एस्केलेशन फ्रेमवर्क तैयार किया है। इससे छात्रों की प्रेडिक्टेबल सिक्योरिटी में एन्हांसमेंट होगा।

Kanhaiya Singh

Kanhaiya Singh

जून 27, 2024 AT 16:53

विदेशी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राष्ट्रीय कर्तव्य है। त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा है 😊।

prabin khadgi

prabin khadgi

जून 28, 2024 AT 20:40

क्या यह पर्याप्त है कि केवल सार्वजनिक बयान ही जारी किए जाएँ, जबकि वास्तविक सुरक्षा उपायों का क्रियान्वयन अनिश्चित बना रहे? इस संदर्भ में, हमे विस्तृत जाँच, स्पष्ट प्रोटोकॉल, एवं निगरानी तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है। अतः, संबंधित पक्षों को शीघ्रता से ठोस कदम उठाना अनिवार्य है।

Aman Saifi

Aman Saifi

जून 30, 2024 AT 00:26

हम सभी को मिलकर इस मुद्दे की जड़ पर विचार करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे संकट दोहराएँ नहीं। सहयोग और संवाद ही समाधान की कुंजी हैं।

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