मोहिनी एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो प्रत्येक वर्ष वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष मोहिनी एकादशी 19 मई 2024 को पड़ रही है। यह दिन भगवान विष्णु और उनके विभिन्न अवतारों की पूजा के लिए समर्पित है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने एक बार मोहिनी नामक एक सुंदर स्त्री का रूप धारण किया था। मोहिनी का रूप इतना आकर्षक था कि उसने देवताओं और असुरों दोनों को मोहित कर दिया। माना जाता है कि मोहिनी के पास नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करने की अद्भुत क्षमता है।
मोहिनी एकादशी के दिन भक्त कई तरह के अनुष्ठान और विधि-विधान करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- व्रत रखना: भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और दिन भर उपवास करते हैं। कुछ लोग निर्जल व्रत भी रखते हैं।
- मंत्रों का जाप: भगवान विष्णु के विभिन्न मंत्रों जैसे की "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप इस दिन किया जाता है।
- पवित्र स्नान: भक्त किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं और नए वस्त्र धारण करते हैं।
- दान-पुण्य: इस दिन गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है।
- तुलसी पूजा: हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है। मोहिनी एकादशी पर तुलसी की विशेष पूजा की जाती है।
इन अनुष्ठानों और उपायों को करने से भक्तों का मानना है कि वे भगवान विष्णु के करीब पहुंच सकते हैं और अपने जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं। यह त्योहार पूरे भारत में, विशेष रूप से वैष्णव मंदिरों में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
मोहिनी एकादशी व्रत कथा
मोहिनी एकादशी से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है। कथा के अनुसार एक समय देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था। इस मंथन से अमृत निकला जिसे पीने से अमरता प्राप्त होती थी। लेकिन समस्या यह थी कि अमृत को देवता और असुर दोनों चाहते थे।
तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और अपनी माया से सभी को मोहित कर दिया। मोहिनी ने अमृत का वितरण इस प्रकार किया कि सारा अमृत देवताओं को मिल गया और असुरों को खाली हाथ रह गए। इस प्रकार मोहिनी के कारण देवताओं को अमरता प्राप्त हुई।
इसी कथा की याद में हर साल मोहिनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और मोहिनी अवतार की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मकता दूर होती है।
मोहिनी एकादशी पूजा विधि
मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मोहिनी की पूजा करने के लिए कुछ खास विधि-विधान बताए गए हैं:
- सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर पवित्र वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करके वहां भगवान विष्णु और मोहिनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- प्रतिमा या चित्र को केसर मिश्रित जल से स्नान कराएं।
- इसके बाद पुष्प, अक्षत, कुमकुम, हल्दी, चंदन आदि से पूजा करें।
- भगवान को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) का भोग लगाएं।
- धूप, दीप जलाएं और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद भगवान को नैवेद्य अर्पित करें और प्रसाद ग्रहण करें।
इस प्रकार मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मोहिनी की पूजा-अर्चना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
मोहिनी एकादशी व्रत के लाभ
मोहिनी एकादशी का व्रत रखने और इस दिन पूजा-अर्चना करने से कई लाभ बताए गए हैं:
- इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।
- यह व्रत जीवन से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करने में मदद करता है।
- इस व्रत से मन की शांति और एकाग्रता बढ़ती है।
- इस दिन दान-पुण्य करने से पुण्य का भंडार बढ़ता है और पापों का नाश होता है।
- मोहिनी एकादशी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
कुल मिलाकर, मोहिनी एकादशी का व्रत और इस दिन की पूजा-अर्चना करना हमारे आध्यात्मिक और भौतिक जीवन दोनों के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे हमारे जीवन में सकारात्मकता और खुशियां आती हैं। हमारा मन शांत और प्रसन्न रहता है। इसलिए हर साल मोहिनी एकादशी के शुभ अवसर पर इस व्रत को अवश्य करना चाहिए।
एक टिप्पणी लिखें