मुंबई में भारी बारिश का कहर: स्कूल बंद, सड़कें जलमग्न, पांच साल में सबसे भीगा अगस्त
19 अगस्त 2025 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

मुंबई: बारिश का नहीं थमा सैलाब

मुंबई ने वो देखा, जो पिछले पांच साल में कभी नहीं देखा था। अगस्त की तीसरी हफ्ते में लगातार चार दिन से झमाझम बारिश ने शहर को घुटनों पर ला दिया। सोमवार, 19 अगस्त 2025 को, 24 घंटे के भीतर ही 300 मिमी से ज्यादा बारिश हुई, जो मुंबई के लिए महीने भर के औसत 566 मिमी से कहीं ज्यादा है।

मौसम विभाग ने मुंबई बारिश को लेकर 'रेड अलर्ट' जारी किया। कुछ जगहों पर इतनी मूसलधार बारिश हुई कि अगस्त का कोटा एक ही हफ्ते में पूरा हो गया। यही बारिश आमतौर पर मुंबई में जुलाई महीने में पड़ती थी, लेकिन इस बार अगस्त में ही सारे रिकॉर्ड टूट गए।

बारिश का असर सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, शहर की रफ्तार पर साफ झलक रहा था। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन में हर स्कूल और कॉलेज को बंद कर दिया गया। सरकारी, अर्ध-सरकारी और बीएमसी के दफ्तरों में छुट्टी रही। प्राइवेट कंपनियों से कहा गया कि वर्क फ्रॉम होम करवाएं ताकि लोग बेवजह बाहर न निकलें।

शहर में अफरा-तफरी, आवाजाही ठप

शहर में अफरा-तफरी, आवाजाही ठप

ट्रांसपोर्टेशन ने पहली बार इतनी बुरी मार खाई। सेंट्रल रेलवे ने हार्बर लाइन पर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और कुर्ला के बीच लोकल सर्विस को ही बंद कर दिया। ट्रैक पर पानी इतना भर गया था कि 17 इंच ऊंचाई तक ट्रेनें डूबी नजर आईं। वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, खासकर विले पार्ले के पास, पूरी तरह जाम था। यहां गाड़ियां रेंगती रहीं। हर तरफ पानी, लोग परेशान।

बात सिर्फ ट्रेनों तक सीमित नहीं रही। हवाई यात्रियों की भी चिंता बढ़ गई। कम से कम आठ फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा। इंडिगो जैसी एयरलाइंस ने पहले ही यात्रियों को सलाह दे दी थी कि एयरपोर्ट पहुंचना मुश्किल है क्योंकि वहां तक रास्तों पर भी पानी भरा है। मुंबई मोनोरेल भी चल नहीं सकी। हालात ऐसे बने कि फायर ब्रिगेड को क्रेन से लोगों को बाहर निकालना पड़ा।

शहर के लिए सबसे डरावनी घंटी बजी जब निचले इलाकों में पानी भरने लगा। मीतठी नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 3.9 मीटर पर पहुंच गया। हाई टाइड और बरसात का पानी मिलकर शहर को डुबोने पर आमदा था। कुरला के क्रांतिनगर इलाके में 400 लोगों को घर छोड़कर मैगनलाल माथुराम स्कूल के ठिकाने पर शिफ्ट किया गया। बीएमसी ने वहीं खाना और जरूरत की चीजों का इंतजाम किया।

बीएमसी कमिश्नर भाषण गगरानी ने बताया कि कई इलाकों में 24 घंटे में 300 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज हुई। इतना पानी था कि शहर की नालियां भी जवाब दे गईं। अंधेरी सबवे पूरी तरह पानी में डूब गई। रूट बदलने के बाद ट्रैफिक उस तरफ भी रुक-रुक कर चलने लगा। बीईएसटी की बसें बुरी तरह प्रभावित हुईं और हजारों यात्री फंसे रहे।

इमरजेंसी रेस्पॉन्स के तौर पर पांच एनडीआरएफ टीमों को जगह-जगह तैनात किया गया। खुद पुलिस कमिश्नर और गार्डियन मिनिस्टर स्थिति की मॉनिटरिंग में जुटे दिखे। एक व्यक्ति की पेड़ गिरने से मौत हो गई।

हालात सिर्फ मुंबई तक नहीं सीमित थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 12-14 लाख हेक्टेयर खेतों में फसल का नुकसान हुआ है। नांदेड़ में बादल फटने से आठ लोगों की मौत हो गई।

अगर बारिश के आंकड़ों पर देखें तो सांताक्रूज़ में 85 मिमी, फोर्ट में 134 मिमी, कॉटन ग्रीन में 145 मिमी, ग्रांट रोड में 121 मिमी, लोअर परेल में 129 मिमी, जबकि दहिसर और कांदिवली जैसे उपनगरों में आंकड़ा 188 और 150 मिमी तक पहुंच गया। कोलाबा और सांताक्रूज़ वेदर स्टेशन पर इस सीजन में 1,000 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। मौसम वैज्ञानिकों ने साफ कहा है कि ऐसी बारिश मुंबई ने 5 साल में नहीं देखी। यह तस्वीर बस इतना बताती है कि मौसम का मिजाज अब पहले जैसा नहीं रहा।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।