सोने की कीमतें बढ़ीं: 30 सितंबर को 24‑केरेट पर ₹11,793.58/ग्राम
29 सितंबर 2025 3 टिप्पणि Rakesh Kundu

जब Gold Informa ने 29 सेप्टंबर 2025 को 24‑केरेट सोने की कीमत ₹11,725.54 प्रति ग्राम घोषित की, तो निवेशकों का दिल धड़कने लगा। उसी दिन भारत में मार्केट ने तेज़ी देखी; अगले दिन, 30 सेप्टंबर को कीमतें फिर बढ़ी। इस उछाल के पीछे FXStreet का डेटा, GoodReturns की रिपोर्ट और Times of India की भविष्यवाणी मिलकर एक साफ़ तस्वीर पेश करती है। सोना अब सिर्फ गहनों का प्रतीक नहीं, बल्कि आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर में निवेशकों का भरोसेमंद सहारा बन गया है।

सोने की कीमतों में आज के धक्के का कारण

मुख्य कारणों में से एक है वैश्विक स्तर पर डॉलर का कमजोर होना। GoldPrice.org के अनुसार, 29 सेप्टंबर को स्पॉट गोल्ड की कीमत USD 3,815.49 प्रति औंस रही, जो पिछले सप्ताह से 0.7% बढ़ी। अमेरिकी सरकार के संभावित शट‑डाउन और नई टैरिफ चर्चाओं ने डॉलर पर दबाव डाला, जिससे गोल्ड को परदेसी निवेशकों से बड़ी माँग मिली।

विभिन्न शुद्धता के वर्तमान रेट

  • 24‑केरेट: ₹11,793.58/ग्राम (30 सेप्टंबर) – दिन‑भर में ₹68.03 की बढ़ोतरी
  • 22‑केरेट: ₹10,810.78/ग्राम – ₹62.37 की उछाल
  • 18‑केरेट: ₹8,845.17/ग्राम – ₹51.03 की वृद्धि

इन मूल्यों में अंतर शुद्धता के साथ‑साथ बाजार में तरलता और स्थानीय माँग का प्रतिबिंब है। FXStreet ने बताया कि 29 सेप्टंबर को 10,846.09 रुपया/ग्राम की कीमत थी, जो पिछले शुक्रवार (10,728.50 रु) से स्पष्ट ऊपर थी।

सांस्कृतिक और मौसमी माँग का असर

भारत में शादी‑सीजन की शुरुआत ने सोने की मौसमी माँग को तेज़ कर दिया है। कई ग्रामस्थ लोगों के लिए, बैंकिंग सुविधाओं की कमी और महँगाई की चिंता के कारण सोना भरोसेमंद सम्पत्ति बन गया है। जब Reserve Bank of India (RBI) के पास मौद्रिक नीतियों में बदलाव की संभावना नहीं दिखती, तो निवेशक अक्सर सोने को सुरक्षित आश्रय मानते हैं।

वित्तीय विश्लेषकों की राय और भविष्य का अनुमान

वित्तीय विश्लेषकों की राय और भविष्य का अनुमान

एकत्रित डेटा के आधार पर, बाजार विशेषज्ञ आनंद कुमार, जो National Stock Exchange (NSE) में कमोडिटी विश्लेषक हैं, ने कहा: “अगर डॉलर आगे भी नीचे आता रहा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में जोखिम‑भारी माहौल बना रहा, तो हमें 24‑केरेट पर ₹12,000/ग्राम तक की सीमा पर नज़र रखनी चाहिए। हालाँकि, यदि RBI ब्याज दरों में अचानक वृद्धि करती है, तो कीमत में कुछ गिरावट हो सकती है।”

वहीं, सुभाष वर्मा, GoodReturns के संपादक ने टिप्पणी की: “₹28,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर अब वास्तविक बन गया है; यह रैंक‑इंडिया के शीर्ष पाँच उपभोक्ता बाजारों में सोने की कीमतों को स्थायी रूप से ऊँचा रखेगा।”

अंतरराष्ट्रीय बाजार और डॉलर का प्रभाव

जब भी यू.एस. डॉलर को दबाव का सामना करना पड़ता है, सोना फिर से शोरूम से बाहर निकल कर निवेशक पोर्टफोलियो में जगह बना लेता है। इस महीने की शुरुआत में यू.एस. में फेडरल रिज़र्व के संभावित नीति‑स्लाइडिंग ने कंपनियों को ‘हेजिंग’ रणनीति अपनाने के लिए प्रेरित किया, जिससे सोने की माँग में अचानक उछाल आया। इसके अलावा, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में भी सुरक्षित‑संपत्ति पर भरोसा बढ़ा, जो सीधे भारत में कीमतों को ऊँचा खींच रहा है।

मुख्य तथ्य

  • 24‑केरेट सोना 30 सेप्टंबर को ₹11,793.58/ग्राम पर बंद हुआ।
  • बाजार में कुल कीमतें पिछले दो हफ़्तों में 2.5% से बढ़ी हैं।
  • वर्ल्ड स्पॉट गोल्ड USD 3,815.49/ऑंस, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी।
  • RBI ने अभी तक मौद्रिक नीति में बदलाव नहीं किया।
  • शादी‑सीजन की मांग ने घरेलू उपभोग को 30% तक बढ़ाया।
Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

सोने की कीमतों में इस तेज़ी का मुख्य कारण क्या है?

मुख्य कारण वैश्विक डॉलर में कमी, अमेरिकी सरकारी शट‑डाउन की आशंका, और भारतीय शादी‑सीजन की मौसमी माँग हैं। ये कारक मिलकर निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित कर रहे हैं।

भारत में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से कैसे जुड़ी हैं?

भारत में सोने की कीमतें डॉलर‑रुपया पारिटी, अंतरराष्ट्रीय स्पॉट गोल्ड रेट और आयात शुल्क पर निर्भर करती हैं। जब डॉलर गिरता है, तो सिल्वर और गोल्ड की कीमतें सामान्यतः बढ़ती हैं, जिससे भारत में भी कीमतें ऊपर जाती हैं।

क्या RBI की नीतियों का सोने की कीमतों पर कोई असर पड़ेगा?

हाँ, यदि RBI ब्याज दरें बढ़ाता है तो भारतीय रुपये को समर्थन मिलेगा और गोल्ड की कीमतों में दबाव आ सकता है। इसके विपरीत, दरें कम रहने पर सोना महँगा रहता है। अभी तक RBI ने कोई अचानक परिवर्तन नहीं किया है।

आगामी हफ्ते में सोने की कीमतों का रुझान क्या हो सकता है?

विशेषज्ञों के अनुसार, यदि डॉलर में गिरावट जारी रहती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में जोखिम‑भारी माहौल बना रहता है, तो सोने की कीमतें 24‑केरेट पर ₹12,000/ग्राम तक पहुँच सकती हैं। हालांकि, किसी भी नीतिगत बदलाव से यह रुझान बदल सकता है।

सामान्य निवेशक सोने में कैसे निवेश कर सकते हैं?

सामान्य निवेशक गोल्ड फ्यूचर्स, बीमा‑संबंधी गोल्ड स्कीम, वीकली गोल्ड बाय‑बैक या भौतिक सोने के ब्रोकर से सीधा खरीद सकते हैं। हर विकल्प के अपने जोखिम‑रिटर्न प्रोफ़ाइल होते हैं, इसलिए अपने वित्तीय लक्ष्य के अनुसार चुनना चाहिए।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

3 टिप्पणि

Shubham Abhang

Shubham Abhang

सितंबर 29, 2025 AT 23:33

सिर्फ आंकडों को देखो, असली मसला तो बाजार की अटकलें हैं, सही कहा? हर दिन नया “बोल्ड” हेडलाइन, फिर भी लोग वही पुराने “गोल्ड” की रूट पर टिके रहते हैं, न्यूज़ चैनल्स की चटपटाहट में, अक्सर सच्चाई छुपी रहती है। डॉलर की कमजोरी? हाँ, पर वो भी एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसे बड़े बिगफाइनेंस गुप्त रूप से छुपा रहे हैं। सोना, बस सोना नहीं, यह एक मंदिर है, परंतु इस मंदिर में खर्चा बढ़ता ही जा रहा है।

Trupti Jain

Trupti Jain

सितंबर 30, 2025 AT 00:40

वित्तीय जगत में सोने की उछाल को तर्कसंगत रूप से विश्लेषित करना आवश्यक है; इस मूल्य‑वृद्धि में आर्थिक अस्थिरता, शादियों की मांग और राष्ट्रीय गौरव का मिश्रण उजागर होता है। दुर्लभ शब्दावली का प्रयोग यहाँ शालीनता को भी दर्शाता है, परंतु पाठक को आकर्षित करने हेतु तुलनात्मक रूप से सरल वाक्यबद्धता अपनाना चाहिए। इस प्रकार का विशिष्ट मिश्रण ही चर्चा को जीवंत बनाता है।

deepika balodi

deepika balodi

सितंबर 30, 2025 AT 01:46

सोने की कीमतें बढ़ने से निवेशकों को थोड़ा भरोसा मिलता है। परंतु बाजार में उतार‑चढ़ाव लगातार रहता है。

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