मकर संक्रांति: तिथि, महत्व और मनाने के तरीके
मकर संक्रांति हर साल जनवरी में आती है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। आम तौर पर यह 14 जनवरी को पड़ती है, कभी-कभी 15 जनवरी भी हो सकती है। यह त्योहार सर्दियों के खत्म होने और दिन बढ़ने की शुरुआत का प्रतीक है। किसान, परिवार और तीर्थयात्री सब इसे अलग ढंग से मनाते हैं।
मकर संक्रांति का महत्व
हिंदू कैलेंडर में मकर संक्रांति का वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दोनो मायने हैं। ज्योतिषीय रूप से सूर्य का मकर में आना दर्शाता है कि दिन लंबे होने लगते हैं और प्रकृति का फेर बदल शुरू होता है। सामाजिक मायने में यह फसल कटाई के बाद आभार और नए मौसम का स्वागत करने का समय है। कई जगहों पर लोग गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं ताकि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि मिल सके।
क्षेत्रीय विविधता भी मज़ेदार है। तमिलनाडु में इसे पोंगल कहा जाता है, गुजरात में उत्तरायण के रूप में पतंग त्यौहार मनाया जाता है, असम में मां भोगी और बिहू से जुड़ा 'माघ बिहू' मनाया जाता है। हर जगह का ठेका एक जैसा है: आभार, उत्सव और नई शुरुआत।
कैसे मनाएं: रीति-रिवाज और उपयोगी टिप्स
रोजमर्रा की भाषा में कहें तो मकर संक्रांति मनाने के आसान तरीके ये हैं—सुबह जल्दी उठें, हल्का उपवास या विशेष पूजा करें, और तिल-गुड़ जैसे मीठे व्यंजन बनाएं। तिल और गुड़ का मेल खाने का मतलब है गर्मी देना और रिश्तों में मिठास बनाए रखना। सादा तिल-गुड़ लड्डू या चिवड़ा घर पर तुरंत बन जाता है।
अगर आप बाहर जा रहे हैं तो यह पतंग उड़ाने का सबसे अच्छा समय है। ध्यान रखें: कांच या फिसलन वाला मनजा इस्तेमाल न करें—यह लोगों और पक्षियों के लिए खतरनाक है। सड़क पर चलते समय पतंग के धागे से सावधान रहें; खासकर मोटरसाइकिल सवार जोखिम में आते हैं।
तीर्थयात्रियों के लिए: नदी में स्नान करते वक्त किसी भी अचानक गहरे हिस्से से बचें और केवल अधिकृत घाटों पर ही उतरें। भक्तों के साथ बढ़ती भीड़ में निजी सामान सुरक्षित रखें।
गिफ्ट और खाने-पिने का छोटा आइडिया: घर पर बने तिल-गुड़ के लड्डू, मूंगफली भुनी हुई पैकेट में दें—ये सस्ते और स्नेहभरे होते हैं। गांव में जाएं तो स्थानीय किसान से ताजा अनाज या गुड़ लेकर आना अच्छा रहता है।
अंत में एक काम की बात: मकर संक्रांति सिर्फ रिवाज नहीं, ये मौसम और जीवन में बदलाव का संकेत है। अपने परिवार के साथ समय बिताइए, लोगों को मिठाई खिलाइए और सेल्फी के साथ यादें बनाइए—लेकिन सुरक्षा पहले रखें। शुभ मकर संक्रांति!
14 जनवरी 2025
Rakesh Kundu
मकर संक्रांति का पर्व नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हर साल जनवरी में मनाया जाने वाला यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का अवसर होता है, जो पूरे भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। यह समय होता है जब परिवार और मित्रगण शुभकामनाएं और आनंद साझा करते हैं, साथ ही विशेष रूप से तैयार किए गए व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
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