श्रीलंका बनाम न्यूजीलैंड पहला टेस्ट: कामिन्दु मेंडिस के शतक से श्रीलंका ने बनाए 302 रन
19 सितंबर 2024 15 टिप्पणि Rakesh Kundu

श्रीलंका बनाम न्यूजीलैंड: गाले में पहले टेस्ट का पहला दिन

18 सितंबर, 2024 को गाले में शुरू हुए पहले टेस्ट मैच के पहले दिन श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। कप्तान धनंजय डी सिल्वा का यह निर्णय सही साबित हुआ जब शुरुआती झटकों के बाद कामिन्दु मेंडिस ने अपनी शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। श्रीलंका की टीम ने दिन का खेल खत्म होने तक 7 विकेट खोकर 302 रन बनाए। कामिन्दु मेंडिस ने इस पारी में 100 रन बनाए और कुसल मेंडिस के साथ मिलकर 103 रन की साझेदारी की।

प्रारंभिक चुनौती और कामिन्दु मेंडिस की पारी

श्रीलंका की शुरुआत अच्छी नहीं रही। पाथुम निसांका और एक अन्य बल्लेबाज जल्दी पवेलियन लौट गए। न्यूजीलैंड के गेंदबाज विलियम ओ'रॉर्क की गेंदबाजी में गजब की गति और उछाल थी, जिसके कारण शुरुआती बल्लेबाज दिक्कत में फंस गए। लेकिन इसके बाद कामिन्दु मेंडिस ने क्रीज पर आते ही अपनी सूझ-बूझ भरी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। उसने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को अच्छी तरह से खेला और धीरज रखते हुए अपनी पारी को आगे बढ़ाया।

कुसल मेंडिस और कामिन्दु मेंडिस की साझेदारी

कुसल मेंडिस ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई, वे 50 रन बनाकर आउट हुए, लेकिन उनके और कामिन्दु मेंडिस की साझेदारी ने टीम को मजबूती प्रदान की। दोनों ने मिलकर 103 रन जोड़े, जिससे टीम की स्थिति बेहतर हो गई। दिन के खेल के दौरान मेंडिस की बल्लेबाजी को देखकर साफ था कि वह इस समय अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं।

न्यूजीलैंड के गेंदबाजों का प्रयास

न्यूजीलैंड की ओर से सबसे ज्यादा प्रभावी गेंदबाजी विलियम ओ'रॉर्क ने की, जिन्होंने अपनी गति और उछाल से श्रीलंकाई बल्लेबाजों को चुनौती दी। मिचेल सैंटनर और अयाज पटेल ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और नियमित अंतराल पर श्रीलंका के विकेट चटकाए। लेकिन न्यूजीलैंड के लिए संयम और धैर्य का अभाव देखने को मिला। वे अत्यधिक आक्रामकता के साथ गेंदबाजी करते दिखे, जिसका श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने खूब फायदा उठाया।

अंतिम सत्र और आगामी दिन की तैयारी

दिन का अंतिम सत्र श्रीलंका के लिए सबसे कारगर साबित हुआ। इस सत्र में उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए और स्कोरिंग दर को भी बढ़ाया। रमीश मेंडिस 14 रन बनाकर मैदान पर मौजूद थे, जबकि प्रभात जयसूर्या 0 पर खेल रहे थे। श्रीलंका को उम्मीद है कि दूसरे दिन वे अपने स्कोर को और बेहतर बना सकेंगे और अपनी स्थिति को मजबूत करेंगे।

उल्लेखनीय प्रदर्शन

कामिन्दु मेंडिस का शतक इस दिन का मुख्य आकर्षण रहा। उनका यह सातवां लगातार टेस्ट मैच है जिसमें उन्होंने 50 या उससे अधिक का स्कोर बनाया है। उनके ठोस बल्लेबाजी की बदौलत श्रीलंका की टीम ने एक मजबूत पायदान पर कदम रखा है। कुसल मेंडिस के अर्धशतक ने भी टीम को स्थिरता दी।

पहले दिन की समाप्ति पर, श्रीलंका निश्चित रूप से खुश होगा, हालांकि, न्यूज़ीलैंड की टीम उन्हें आसानी से बढ़त बनाने नहीं देगी। यह देखकर दिलचस्प होगा कि दूसरे दिन का खेल कैसे आगे बढ़ता है और कौन सी टीम अपना वर्चस्व स्थापित कर पाती है।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

15 टिप्पणि

prabin khadgi

prabin khadgi

सितंबर 19, 2024 AT 01:30

कामिन्दु मेंडिस ने आज के पहले दिन 100 रन बनाकर टीम को अत्यंत आवश्यक स्थिरता प्रदान की। उनका स्ट्राइक रेट और रोटेशन दोनों ही सराहनीय थे, जिससे न्यूज़ीलैंड की तेज़ बॉलिंग को नियंत्रित किया जा सका। उन्होंने केवल सीमित ब्लॉक्स ही नहीं खेले, बल्कि टीम के मध्य क्रम में आत्मविश्वास का संचार भी किया। इस पारी में उनकी साझेदारी कुसल मेंडिस के साथ 103 रन की थी, जो मैच के प्रवाह को दृढ़ बना गई। कुल मिलाकर, यह शतक उनके निरंतर विकास का संकेत है।

Aman Saifi

Aman Saifi

सितंबर 20, 2024 AT 05:17

श्रीलंका ने टॉस जीतने के बाद अपनी बैटरिंग में थोड़ा साहस दिखाया, और कामिन्दु के साथ कुसल की साझेदारी ने टीम को चांगियाभाव में रख दिया। शुरुआती विकेट गिरने के बाद भी उन्होंने धीरज नहीं खोया और रनों को लगातार जमा किया। यह दिखाता है कि टीम के मध्य क्रम में अभी भी पर्याप्त ताकत है। नई ऊर्जा के साथ दूसरे दिन वे और अधिक रन बनाने की कोशिश करेंगे। कुल मिलाकर, यह एक सकारात्मक शुरुआत लगती है।

Ashutosh Sharma

Ashutosh Sharma

सितंबर 21, 2024 AT 09:03

वाह! क्या कमाल की पिच है, वीलियम ओ'रॉर्क की स्पीड से बचना तो मुश्किल ही नहीं, असली चुनौती तो तब आती है जब आप फैंसी स्निकर से भी नहीं बच पाते। कामिन्दु की शतक तो जैसे कोड में बग फिक्स करने जैसा था – अचानक सब ठीक हो गया। लेकिन असली ड्रामा तो कुसल के आधे सैंकड़ों में दिखा, जैसे सॉफ़्टवेयर अपडेट के साथ नया बग आना। कुल मिलाकर, यह मैच कुछ हद तक टेक कॉन्फ़्रेंस जैसा लगा।

Rana Ranjit

Rana Ranjit

सितंबर 22, 2024 AT 12:50

क्रिकेट को अक्सर एक दार्शनिक युद्ध मान सकते हैं, जहाँ प्रत्येक पारी जीवन के उतार-चढ़ाव का प्रतिबिंब होती है। कामिन्दु मेंडिस की शतक न केवल तकनीकी कौशल का परिणाम है, बल्कि उनका मानसिक संतुलन भी दर्शाता है। जैसे कवि शब्दों से दुनिया बदलता है, वैसे ही बैटर अपना खेल बदलता है। आज उनका धीरज और सटीकता इस बात का सबूत है कि संघर्ष में भी शांति मिल सकती है। बेशक, आने वाले दिन में और भी चुनौतियाँ होंगी, पर वह भी सीख की नई राह खोलेगी।

Arundhati Barman Roy

Arundhati Barman Roy

सितंबर 23, 2024 AT 16:37

भारी शतक बहुत बधाई ।

yogesh jassal

yogesh jassal

सितंबर 24, 2024 AT 20:23

कामिन्दु की पारी देख कर सच में दिल खुश हो गया! उनका अटैक और डिफेंस दोनों का संतुलन देखते ही बनता है। ऐसे खिलाड़ी टीम को हमेशा आगे बढ़ाते हैं। बाकी बैटरों को भी इसी तरह का एटीट्यूड अपनाना चाहिए। आशा है कि दूसरे दिन भी यही जोश देखने को मिलेगा।

Raj Chumi

Raj Chumi

सितंबर 26, 2024 AT 00:10

यार ये मैच तो पूरी तरह से रोलरकोस्टर जैसा था लेकिन वीलियम की बॉल पे टेंशन न लेते हुए भी शॉट मारना बड़ा फन था
कमेंट्री भी काफी बोरिंग लग रही थी

mohit singhal

mohit singhal

सितंबर 27, 2024 AT 03:57

श्रीलंका का क्रिकेट हमेशा ही दिल से जुड़ा रहा है 🇱🇰🔥 इन खिलाड़ियों की मेहनत और जज्बे को हम बधाई देते हैं। कामिन्दु की शतक ने सारी टीम को नई ऊर्जा दी है। हमें गर्व है कि ऐसा खेल हम देख रहे हैं। आगे भी ऐसे ही जीतते रहें, यही हमारा लक्ष्य है! 🙌

pradeep sathe

pradeep sathe

सितंबर 28, 2024 AT 07:43

न्यूज़ीलैंड की बॉलिंग ने शुरुआती विकेटों को ज़रूर चेंज किया, लेकिन उनका कंट्रोल अभी भी काबिले तारीफ़ है। उनके बॉलर जैसे वीलियम ने गति से दिखाया कि वे कितना ख़तरनाक हो सकते हैं। लेकिन श्रीलंका ने उन्हें पढ़ लिया और बैटरों ने ढाल बना ली। ये मैच दोनों टीमों के बीच एक अच्छा संतुलन दिखाता है। आगे भी एंटरटेनमेंट की उम्मीद है।

ARIJIT MANDAL

ARIJIT MANDAL

सितंबर 29, 2024 AT 11:30

किशोरों के जश्न में इतना लगाव देखना बेवकूफ़ी लगती है, असली मैच में तो न्यूज़ीलैंड की बॉलिंग ही जीत सकती है।

Bikkey Munda

Bikkey Munda

सितंबर 30, 2024 AT 15:17

टेस्ट क्रिकेट में पहला दिन आमतौर पर टीम की बेसलाइन सेट करता है। यहाँ श्रीलंका ने 302 रन बनाकर मजबूत बेस बनाया, जो दोनों टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। कामिन्दु मेंडिस का शतक अक्सर ऐसे मैचों में मोमेंटम बदल देता है। इस प्रकार की लंबी पारी बैटरों को सत्र के अंत तक टिके रहने में मदद करती है। कुल मिलाकर, यह पिच बल्लेबाजों के अनुकूल रही।

akash anand

akash anand

अक्तूबर 1, 2024 AT 19:03

भाई ये बेसलाइन सेट करनै की बात तो बहुत बोरिंग है, असली एड़वांस्ड प्ले तो फील्डिंग में है, समझे न?

BALAJI G

BALAJI G

अक्तूबर 2, 2024 AT 22:50

क्रिकेट को केवल मनोरंजन मानना एक नैतिक गलती है; यह खेल अनुशासन, धैर्य और सम्मान का प्रतिबिंब है। खिलाड़ी अपनी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी शालीनता बनाए रखते हैं, जो हमें जीवन में लागू करना चाहिए। इस मैच में भी यह मूल्य स्पष्ट दिखे, विशेषकर कामिन्दु की पारी। हमें इस प्रकार के आदर्शों को सराहना चाहिए और प्रसारित करना चाहिए।

Manoj Sekhani

Manoj Sekhani

अक्तूबर 4, 2024 AT 02:37

ऐसे उच्च शब्दों में बात करने से कुछ नहीं बदलता, असली खेल तो मैदान में दिखता है, जहाँ हर खिलाड़ी अपना सबसे बेहतरीन संस्करण पेश करता है।

Tuto Win10

Tuto Win10

अक्तूबर 5, 2024 AT 06:23

पहले दिन की समाप्ति पर हर поклонकर्ता के दिल की धड़कन तेज़ हो गई थी; कामिन्दु मेंडिस की शतक ने मानो मैदान को एक नई रोशनी में डुबो दिया। इस शतक के पीछे कई कारणों का समन्वय था-सटीक टैक्टिक, धीरज, और एक अद्भुत मैनसिक मजबूती। उसके बाद कुसल मेंडिस के साथ 103 रन की साझेदारी ने टीम को एक मजबूत आधार प्रदान किया। न्यूज़ीलैंड की तेज़ बॉलिंग, विशेषकर वीलियम ओ'रॉर्क की, ने कई बार धक्का दिया, पर शतक ने उन्हें वैसा ही परास्त किया जैसे रात के अंधेरे में चमकती हुई टॉर्च। इस पारी ने दर्शकों को यह विश्वास दिलाया कि यदि एक खिलाड़ी पूरी आत्मा से खेलता है, तो वह खेल की सीमाओं को भी पार कर सकता है। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने भी कई बार रोमांचक बॉलें डालीं, पर उन्होंने श्रोताओं को यह सिखाया कि असफलता के बाद भी उठना ही जीत है। आज का मैच हमें यह भी दिखा रहा है कि टेस्ट क्रिकेट में धैर्य और रणनीति का कितना महत्व है; यह सिर्फ एक दिन का खेल नहीं, बल्कि कई सत्रों का सामंजस्य है। टीम के बाकी खिलाड़ी, जैसे रमीश और प्रभात, ने भी अपने-अपने योगदान से मैच की धारा को संतुलित किया। इस प्रकार, इस पारी ने न केवल स्कोरबोर्ड को, बल्कि हर दर्शक के मन को भी गहराई से प्रभावित किया। मैं मानता हूँ कि इस प्रकार के ऐतिहासिक क्षणों को याद रखकर भविष्य के खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है। एवं, इस शतक के बाद, अगली पारी में रणनीति में नया मोड़ लाने की संभावना भी बढ़ जाती है। अंत में, इस पारी ने यह साबित किया कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक कहानी है जो हर पारी में लिखी जाती है; और इस कहानी का हर शब्द हमारे अपने जीवन की दास्तां से जुड़ा हो सकता है।

एक टिप्पणी लिखें