तूंगभद्रा बांध: आसान जानकारी और यात्रा टिप्स
तूंगभद्रा बांध (Tungabhadra Dam) कर्नाटक के हस्पेट/हॉस्पेट के पास स्थित एक बड़ा जलाशय है जिसे स्वतंत्रता के बाद बड़े पैमाने पर बनाया गया था। यह बांध सिर्फ पानी रोकने का साधन नहीं है—यह आसपास के खेतों के लिए पानी, स्थानीय बिजली, मछली पालन और पर्यटन का भी जरिया है। अगर आप कभी हमने सुना होगा 'हैम्पी घूमने चलते हैं', तो तूंगभद्रा बांध अक्सर उसी ट्रीप का हिस्सा बन जाता है।
तूंगभद्रा बांध का महत्व
सबसे पहले यह साफ कहें कि बांध स्थानीय किसानों के लिए जीवनरेखा जैसा है। बड़े इलाके की सिंचाई इसी जलाशय से नियंत्रित होती है, जिससे फसलें समय पर पानी पाती हैं। साथ ही बांध के जल विद्युत स्टेशन से क्षेत्रीय ग्रिड को बिजली मिलती है, जिससे ग्रामीण इलाकों में रौशनी और छोटे उद्योग चलते हैं। पर्यटन के लिहाज से भी बांध आकर्षक है—सुबह और शाम के नज़ारे, सूर्यास्त के रंग और शांत पानी कई लोगों को खींच लाते हैं।
फायदे के साथ-साथ कुछ चुनौतियां भी हैं—सिल्ट जमा होना, मानसून में जल स्तर की तेज़ी से बढ़ोतरी और कभी-कभी जलवितरण को लेकर राज्यों के बीच मतभेद। इसलिए सरकारी अपडेट और जल रिलीज़ नोटिस पर नज़र रखना जरूरी होता है।
यात्रा और उपयोगी सुझाव
अगर आप तूंगभद्रा बांध देखने जा रहे हैं तो ये बातें ध्यान में रखें। सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के बीच होता है—मौसम ठंडा और सुखद रहता है। मानसून के दौरान बांध गज़ब दिखता है पर पानी रिलीज़ और सुरक्षा नियमों के कारण कुछ हिस्से बंद हो सकते हैं।
कैसे पहुंचें? निकटतम बड़ा स्टेशन हॉस्पेट (Hosapete) है, जो हंपी से भी काफ़ी पास है। बी अलटर्नेटिव: बेल्लारी जैसे शहर से सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। गाड़ी पर जा रहे हों तो स्थानीय मार्ग और पैम्फलेट देख लें—कभी-कभी छोटे रास्ते बंद रहते हैं।
क्या करें जब पहुँचे: बांध के किनारे टहलें, सूर्यास्त देखें, पास के मछली बाजार या छोटे ढाबों में लोकल फूड चखें। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए साइलेंट शॉट्स और ड्रोन (यदि अनुमति हो) अच्छे मिलते हैं। ध्यान रखें कि कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों से अंदर जाना मना हो सकता है—साइन बोर्ड और अधिकारी की बात मानें।
अंत में एक छोटा सुझाव: अगर आपकी यात्रा कृषि, विज्ञान या स्थानीय इतिहास में रुचि वाली है, तो पानी के प्रबंधन, सिंचाई नहरों और बांध के संचालन के बारे में स्थानीय अधिकारियों से जानकारी ले लें। इससे आप जगह को सिर्फ देख कर नहीं, समझ कर लौटेंगे।
तूंगभद्रा बांध न सिर्फ इंजीनियरिंग का एक नमूना है बल्कि उन हजारों लोगों की रोज़मर्रा ज़िंदगी से जुड़ा भी हुआ है जिन्हें यह पानी, बिजली और रोज़ी देता है। अगली बार जब आप हंपी या हॉस्पेट जा रहे हों, तो इस शांत लेकिन असरदार जगह को अपनी सूची में जरूर रखें।
11 अगस्त 2024
Rakesh Kundu
कर्नाटक के होस्पेट स्थित तूंगभद्रा बांध का गेट नंबर 19 शनिवार, 10 अगस्त को टूटकर बह गया, जिससे अचानक 35,000 क्यूसेक पानी बह निकला। इसके बाद बांध प्रशासन ने नीचे की ओर लोगों को सतर्क किया। पानी का बहाव एक लाख क्यूसेक तक बढ़ गया। 33 गेट खोले गए हैं और आसपास के निवासियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
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