तूंगभद्रा बांध का गेट नंबर 19 टूटा, बढ़ा पानी का बहाव
कर्नाटक के होस्पेट में स्थित तूंगभद्रा बांध का गेट नंबर 19 शनिवार, 10 अगस्त की रात अचानक टूट गया, जिससे बांध से करीब 35,000 क्यूसेक पानी तेजी से बहने लगा। घटना के पीछे की वजह गेट के चेन लिंक का टूटना बताया जा रहा है। इस कारण बांध प्रशासन को तुरंत अलर्ट जारी करना पड़ा और लोगों को हिदायत दी गई कि वे नदी के निचले हिस्से में न जाएं क्योंकि पानी का बहाव कभी भी 2 लाख क्यूसेक तक हो सकता है।
रविवार को पानी के बहाव में और वृद्धि
रविवार की सुबह, 11 अगस्त को, पानी का बहाव एक लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। इस बेकाबू स्थिति से निपटने के लिए बांध के 33 गेट खोल दिए गए ताकि टूटे हुए गेट पर दबाव कम किया जा सके और जलस्तर को कम किया जा सके। बांध प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि टूटे हुए गेट की मरम्मत के लिए आसान हो सके।
लोगों के लिए सतर्कता बरतने की सलाह
तूंगभद्रा नदी बेसिन और कृष्णा नदी के किनारे रहने वाले सभी लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। खासकर कर्नूल शहर और कोसिगी, मंट्रालयम, कौथालम और नंदवारम मंडल के निवासियों को हिदायत दी गई है कि वे नदी के किनारे न जाएं और न ही नदी से जुड़े किसी भी नहर को पार करें।
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, जो जल संसाधन विभाग का भी कार्यभार संभालते हैं, घटना के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय डिज़ाइन आयोग और इंजीनियरिंग डिवीजन की टीमों को बांध पर भेजा। कृष्णा नदी पर स्थित श्रीसैलम, नागार्जुन सागर और पुलिचिंटाला परियोजनाओं के अधिकारियों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
अस्थायी गेट लगाने की कोशिशें
मुख्यमंत्री नायडू ने राज्य के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव को तूंगभद्रा बांध के अधिकारियों से अस्थायी गेट लगाने के बारे में बात करने के निर्देश दिए। हालाँकि, अधिकारियों ने अस्थायी ताले लगाने में कठिनाइयों की जानकारी दी।
पानी के स्तर को बनाए रखने के उपाय
शनिवार को, जब कैचमेंट एरिया में बारिश थमी, तो बांध अधिकारियों ने पानी के स्तर को बनाए रखने के लिए पानी की निकासी को करीब 28,000 क्यूसेक कम कर दिया। इससे बांध का फुल रिज़रवॉयर लेवल (FRL) 1,633 फीट बनाए रखने में मदद मिली, जो कि कुल भंडारण के साथ 105.788 हजार मिलियन घन फीट (tmcft) है।
अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय निवासी सतर्क हैं।
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