बाजार का विस्तृत दृश्य
आज भारतीय शेयर बाजार ने फिर से भारी गिरावट देखी। भारतीय शेयर बाजार के दो प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty ने क्रमशः 81,400 और 24,950 के मनोवैज्ञानिक स्तरों को तोड़ दिया। BSE Sensex में 733 अंक की गिरावट हुई, जिससे अंत में 80,426.46 अंक पर बंद हुआ, जबकि NSE Nifty50 में 166 अंक की गिरावट के साथ 24,890.85 अंक पर समाप्त हुआ। यह लगातार छठा सत्र था जब दोनों इंडेक्स ने घाटा दर्ज किया।
बाजार की व्यापक गिरावट को देखते हुए 30 में से 26 Sensex कंपनियों ने लाल रंग दिखाया। विशेष तौर पर बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में दबाव स्पष्ट था। HDFC Bank 0.5% गिरा, ICICI Bank 1.18% नीचे गया और Infosys ने 2.42% की गिरावट दर्ज की। Nifty Financial Services इंडेक्स ने 262 अंक गिरे, 25,985.25 पर बंद होकर 1% का नुकसान झेला, जहाँ 20 में से 19 कंपनियों ने नकारात्मक रुख अपनाया।
- मुख्य नुकसान वाले स्टॉक्स: Tata Steel (-2.89%), Mahindra & Mahindra (-3.78%)
- सकारात्मक प्रदर्शन वाले: L&T (+2.34%), Tata Motors (+1.29%)
भले ही Tata Motors और L&T ने छोटे-छोटे लाभ दिखाए, लेकिन उनका प्रभाव समग्र गिरावट को रोक नहीं सका। शेयर बाजार में ब्रॉडनेस बहुत कमजोर रही; NSE पर 2,424 स्टॉक्स गिरावट में और केवल 627 स्टॉक्स उन्नति में रहे। 52‑विक की न्यूनतम सीमा पर 139 स्टॉक्स पहुँचे, जबकि उच्च सीमा पर सिर्फ 50 स्टॉक्स रहे। ट्रेडिंग वॉल्यूम फिर भी काफी उच्च रहा – इक्विटी सेगमेंट ने 464.26 करोड़ शेयरों के साथ लगभग ₹97,350 करोड़ का कारोबार किया, और डेरिवेटिव्स सेगमेंट ने ₹4,11,160 करोड़ का लेन‑देण संभाला।

भविष्य के संकेत और संभावित प्रभाव
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, RSI अब 40 के करीब पहुँच रहा है, जो ओवरसोल्ड क्षेत्र की ओर इंगित करता है। Nifty के निकट‑कालीन समर्थन स्तर 53,975 और 53,719 पर हैं, जबकि प्रतिरोध 54,804 और 55,060 पर स्थित है। Sensex के लिए समर्थन 79,768 और 79,361 के आसपास है, और प्रतिरोध 81,085 तथा 81,492 के स्तरों पर है। इन मानकों पर ध्यान देना निवेशकों के लिए जरूरी होगा, क्योंकि बाजार की दिशा अभी भी अनिश्चित है।
गिरावट के कई कारण सामने आए हैं। वैश्विक आर्थिक माहौल में अस्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय ब्याज दरों में बदलाव, और कुछ सेक्टर‑विशिष्ट समस्याएँ प्रमुख हैं। फार्मास्यूटिकल कंपनियों को टैरिफ़ की आशंकाओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि ब्रांडेड दवाओं और भारी ट्रकों पर शुल्क बढ़ाने की चर्चाएँ चल रही थीं। इस बीच, Tata Motors ने हाल ही में अपनी JLR डिवीजन की संचालन सुधारों के बारे में स्पष्टता प्रदान की, जिसमें फैज़्ड री‑स्टार्ट और ग्रोबल पार्ट्स लॉजिस्टिक्स सेंटर की पूर्ण कार्यवाही शामिल है, जिससे इस स्टॉक में कुछ हद तक पुनरुत्थान हुआ।
निवेशकों को अब सतर्कता बरतते हुए पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। उच्च जोखिम वाले छोटे‑कैप स्टॉक्स से बचते हुए वित्तीय सेवाओं और धातु से जुड़े बड़े नामों में सावधानीपूर्वक पोज़िशन बनाना उपयोगी रहेगा। साथ ही, तकनीकी संकेतकों पर नज़र रखते हुए संभावित रिवर्सल पॉइंट्स की पहचान करना वांछनीय है। बाजार की असीमित अस्थिरता को देखते हुए, जोखिम प्रबंधन और स्टॉप‑लॉस रणनीतियों को लागू करना अनिवार्य हो गया है।