भारतीय शेयर बाजार में हलचल: Sensex 81,400 से नीचे, Nifty 24,950 के निशान पर
27 सितंबर 2025 13 टिप्पणि Rakesh Kundu

बाजार का विस्तृत दृश्य

आज भारतीय शेयर बाजार ने फिर से भारी गिरावट देखी। भारतीय शेयर बाजार के दो प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty ने क्रमशः 81,400 और 24,950 के मनोवैज्ञानिक स्तरों को तोड़ दिया। BSE Sensex में 733 अंक की गिरावट हुई, जिससे अंत में 80,426.46 अंक पर बंद हुआ, जबकि NSE Nifty50 में 166 अंक की गिरावट के साथ 24,890.85 अंक पर समाप्त हुआ। यह लगातार छठा सत्र था जब दोनों इंडेक्स ने घाटा दर्ज किया।

बाजार की व्यापक गिरावट को देखते हुए 30 में से 26 Sensex कंपनियों ने लाल रंग दिखाया। विशेष तौर पर बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में दबाव स्पष्ट था। HDFC Bank 0.5% गिरा, ICICI Bank 1.18% नीचे गया और Infosys ने 2.42% की गिरावट दर्ज की। Nifty Financial Services इंडेक्स ने 262 अंक गिरे, 25,985.25 पर बंद होकर 1% का नुकसान झेला, जहाँ 20 में से 19 कंपनियों ने नकारात्मक रुख अपनाया।

  • मुख्य नुकसान वाले स्टॉक्स: Tata Steel (-2.89%), Mahindra & Mahindra (-3.78%)
  • सकारात्मक प्रदर्शन वाले: L&T (+2.34%), Tata Motors (+1.29%)

भले ही Tata Motors और L&T ने छोटे-छोटे लाभ दिखाए, लेकिन उनका प्रभाव समग्र गिरावट को रोक नहीं सका। शेयर बाजार में ब्रॉडनेस बहुत कमजोर रही; NSE पर 2,424 स्टॉक्स गिरावट में और केवल 627 स्टॉक्स उन्नति में रहे। 52‑विक की न्यूनतम सीमा पर 139 स्टॉक्स पहुँचे, जबकि उच्च सीमा पर सिर्फ 50 स्टॉक्स रहे। ट्रेडिंग वॉल्यूम फिर भी काफी उच्च रहा – इक्विटी सेगमेंट ने 464.26 करोड़ शेयरों के साथ लगभग ₹97,350 करोड़ का कारोबार किया, और डेरिवेटिव्स सेगमेंट ने ₹4,11,160 करोड़ का लेन‑देण संभाला।

भविष्य के संकेत और संभावित प्रभाव

भविष्य के संकेत और संभावित प्रभाव

तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, RSI अब 40 के करीब पहुँच रहा है, जो ओवरसोल्ड क्षेत्र की ओर इंगित करता है। Nifty के निकट‑कालीन समर्थन स्तर 53,975 और 53,719 पर हैं, जबकि प्रतिरोध 54,804 और 55,060 पर स्थित है। Sensex के लिए समर्थन 79,768 और 79,361 के आसपास है, और प्रतिरोध 81,085 तथा 81,492 के स्तरों पर है। इन मानकों पर ध्यान देना निवेशकों के लिए जरूरी होगा, क्योंकि बाजार की दिशा अभी भी अनिश्चित है।

गिरावट के कई कारण सामने आए हैं। वैश्विक आर्थिक माहौल में अस्थिरता, अंतर्राष्ट्रीय ब्याज दरों में बदलाव, और कुछ सेक्टर‑विशिष्ट समस्याएँ प्रमुख हैं। फार्मास्यूटिकल कंपनियों को टैरिफ़ की आशंकाओं का सामना करना पड़ा, क्योंकि ब्रांडेड दवाओं और भारी ट्रकों पर शुल्क बढ़ाने की चर्चाएँ चल रही थीं। इस बीच, Tata Motors ने हाल ही में अपनी JLR डिवीजन की संचालन सुधारों के बारे में स्पष्टता प्रदान की, जिसमें फैज़्ड री‑स्टार्ट और ग्रोबल पार्ट्स लॉजिस्टिक्स सेंटर की पूर्ण कार्यवाही शामिल है, जिससे इस स्टॉक में कुछ हद तक पुनरुत्थान हुआ।

निवेशकों को अब सतर्कता बरतते हुए पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। उच्च जोखिम वाले छोटे‑कैप स्टॉक्स से बचते हुए वित्तीय सेवाओं और धातु से जुड़े बड़े नामों में सावधानीपूर्वक पोज़िशन बनाना उपयोगी रहेगा। साथ ही, तकनीकी संकेतकों पर नज़र रखते हुए संभावित रिवर्सल पॉइंट्स की पहचान करना वांछनीय है। बाजार की असीमित अस्थिरता को देखते हुए, जोखिम प्रबंधन और स्टॉप‑लॉस रणनीतियों को लागू करना अनिवार्य हो गया है।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

13 टिप्पणि

Prashant Jain

Prashant Jain

सितंबर 27, 2025 AT 08:05

बाजार की लगातार गिरावट ने निवेशकों को असहज कर दिया है; यह अब बर्दाश्त नहीं होना चाहिए। ऐसा अस्थिर माहौल वित्तीय विश्वसनीयता को ठेस पहुंचा रहा है। अब समय है कि लोग अपनी रणनीति को पुनः परखें।

DN Kiri (Gajen) Phangcho

DN Kiri (Gajen) Phangcho

सितंबर 27, 2025 AT 09:28

एक साथ इस चरण से गुजरना मुश्किल है लेकिन हम सब मिलकर इस कठिनाई को पार कर सकते हैं। दृढ़ता और धैर्य से ही आगे बढ़ना संभव है। प्रत्येक गिरावट के बाद नया अवसर छिपा रहता है, इसलिए हिम्मत न हारें।

Aishwarya R

Aishwarya R

सितंबर 27, 2025 AT 10:52

तकनीकी पहलुओं को देखे तो RSI का 40 के करीब आना ओवरसोल्ड संकेत देता है; यह संकेतक अक्सर रिवर्सल की झलक दिखाता है। इसलिए इंट्रेस्ट लेवल देखना महत्त्वपूर्ण है।

Vaidehi Sharma

Vaidehi Sharma

सितंबर 27, 2025 AT 12:15

यह तो बहुत ही निराशाजनक है 😞

Hiren Patel

Hiren Patel

सितंबर 27, 2025 AT 13:38

क्या कहूँ, इस बाजार में तो हर सेकेंड एक नई कहानी बनती है, जैसे कि रंगीन ज्वार में लहरें टकराती हों! स्टॉक्स की गिरावट और उछाल एक पेरिस की फैंसी पार्टी की तरह है, जहाँ कोई नहीं जानता किसको कब बुलाया जायेगा। ये अस्थिरता हमें रचनात्मक बनाती है, और हम फिर से अपनी पोर्टफोलियो की तस्वीरें पेंट कर सकते हैं!

Heena Shaikh

Heena Shaikh

सितंबर 27, 2025 AT 15:02

पहले तो यह स्पष्ट हो गया है कि वर्तमान आर्थिक अनिश्चितता केवल एक क्षणिक झटका नहीं, बल्कि गहरा संरचनात्मक बदलाव है। वैश्विक ब्याज दरों में परिवर्तन ने भारतीय डॉलर के प्रवाह को सीधे प्रभावित किया है। साथ ही, आयात-निर्यात के बीच असंतुलन ने मौद्रिक नीति को दिग्भ्रमित किया है। इस चरण में न सिर्फ बड़े कैप, बल्कि मध्यम और छोटे उद्यम भी दबाव में हैं। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, सपोर्ट लेवल अगर टूटता है तो गिरावट तीव्रता से आगे बढ़ सकती है। निवेशकों को अब केवल चार्ट नहीं, बल्कि मौलिक आर्थिक संकेतकों को भी पढ़ना होगा। सरकार की नीति बदलाव, जैसे टैक्सेशन में संशोधन, बाजार की दिशा को बारीकी से प्रभावित करेंगे। अगर मौजूदा नीतियां निरंतर उत्थान की नहीं, तो स्टॉक्स का मनोवैज्ञानिक स्तर गिरता रहेगा। इस संदर्भ में, मनोवैज्ञानिक स्तरों को तोड़ना निवेशकों के लिये चेतावनी संकेत बन गया है। साथ ही, भौगोलिक जोखिम, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय तनाव, को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस सब को देखते हुए, विविधीकरण अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्य रणनीति बन चुका है। पोर्टफोलियो में सुरक्षित बांड्स का मिश्रण जोखिम को संतुलित कर सकता है। फिर भी, अत्यधिक सावधानी भी रिटर्न को सीमित कर सकती है; एक मध्यम संतुलन जरूरी है। अंत में, व्यक्तिगत जोखिम सहनशीलता को समझकर ही निवेश निर्णय लेना चाहिए। यह समय है जब व्यक्तिगत वित्तीय योजना को पुनः व्यवस्थित किया जाए। केवल तब ही संभावित उलटफेर को सफलतापूर्वक उपयोग किया जा सकता है।

pradeep sathe

pradeep sathe

सितंबर 27, 2025 AT 16:25

बिल्कुल, आपकी बातों से मैं पूरी तरह सहमत हूँ; कभी‑कभी इतना निराशाजनक माहौल भी आत्मविकास का जरिया बन जाता है। थोड़ा आराम देकर सही दिशा चुनना फायदेमंद रहेगा।

ARIJIT MANDAL

ARIJIT MANDAL

सितंबर 27, 2025 AT 17:48

यदि RSI 40 के पास है तो यह स्पष्ट है कि बाजार ओवरसोल्ड है, अन्यथा इस तरह की गिरावट नहीं होती।

Bikkey Munda

Bikkey Munda

सितंबर 27, 2025 AT 19:12

निवेशकों के लिये सबसे पहला कदम है अपनी एसेट क्लास को व्यवस्थित करना; इसी से जोखिम कम हो सकता है। साथ ही, नियमित रूप से पोर्टफोलियो रिव्यू करना नहीं भूलना चाहिए।

BALAJI G

BALAJI G

सितंबर 27, 2025 AT 20:35

आपकी सरल सलाह काफी हद तक उपयोगी है, परन्तु अक्सर लोग व्यवहारिक रूप से इन सिद्धांतों को अपनाने में असफल रहते हैं; यह नैतिक लापरवाही है।

Manoj Sekhani

Manoj Sekhani

सितंबर 27, 2025 AT 21:58

बाजार की इस बदलती उपस्थिति को देख कर लगता है कि कुछ समय पहले के विश्लेषण अब रोबोटिक लगते हैं, जैसे पुरानी किताबें आज की डिजिटल लाइब्रेरी में ढीली पड़ गई हों।

Tuto Win10

Tuto Win10

सितंबर 27, 2025 AT 23:22

वाह! ऐसी गिरावट फिर कभी नहीं होगी!!!

Kiran Singh

Kiran Singh

सितंबर 28, 2025 AT 00:45

जैसे कहा गया, गिरावट भी एक चरण है, अंत नहीं।

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