ब्रायन जॉनसन की प्रयोगात्मक एंटी-एजिंग यात्रा
बायोहैकिंग की दुनिया में, 47 वर्षीय करोड़पति ब्रायन जॉनसन की 'प्रोजेक्ट ब्लूप्रिंट' को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। उनका उद्देश्य उम्र के प्रभावों को उलट देना है, जिसमें 'बेबी फेस' प्राप्त करने की महत्वाकांक्षी योजना शामिल है। जॉनसन की भव्य योजना के हिस्से में उनका हालिया एंटी-एजिंग प्रयोग शामिल था, जिसे उन्होंने यह सोचकर अपनाया कि यह उनके चेहरे की वसा को बहाल कर सकते हैं और उनकी युवा रूपी दिखावटी लुक को वापस ला सकते हैं।
इस प्रक्रिया में एक दानकर्ता से चेहरे में वसा का इंजेक्शन लगाना शामिल था, जो कि उनके लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बदल गया। जॉनसन ने इस प्रयोजन के लिए बाहरी कोशिकामृतक्स (extracellular matrix) का उपयोग किया ताकि उनका शरीर स्वाभाविक रूप से वसा का विकास करे। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह था कि उनके शरीर की प्राकृतिक वसा को सुधारने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिले। हालांकि, इसके विपरीत, इंजेक्शन के 30 मिनट के भीतर, उनके चेहरे में सूजन और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया उत्पन्न हो गई, जिससे उनकी दृष्टि अस्थायी रूप से प्रभावित हो गई।
एक खतरे का संभावनावाला हास्य
इस हादसे के बाद, जॉनसन ने ब्लूमबर्ग के एक रिपोर्टर के साथ एक निर्धारित बैठक में भाग लिया, जिसे उन्होंने अंधेरे जौलिक रूप से मजाक के साथ संबोधित किया कि शायद वे पहचान में नहीं आएंगे। उनका चेहरा सूजन की वजह से इतना बिगड़ चुका था कि वह शायद ही पहचाने जाते। सात दिनों के बाद, उनकी चेहरे की स्थिति सामान्य हो गई और फिर से उन्होंने और उनकी टीम ने आगे का प्रयास करने की योजना बनाई। जॉनसन वार्षिक $2 मिलियन खर्च करते हैं डॉक्टरों की एक टीम के लिए जो उनके एंटी-एजिंग उपचारों में मदद करती है, जिससे उम्र को उलटने और मृत्यु को विकल्प बनाने का प्रयास किया जाता है।
निर्माण परिस्थितियों की कठोरता
जॉनसन का यह प्रयोग उनकी 'प्रोजेक्ट ब्लूप्रिंट' पहल के हिस्से के रूप में था, जिसमें उनके बेटे से रक्त संक्रमण और जीन थेरेपी इंजेक्शन जैसी असाधारण विधियों का भी समावेश है। उनका यह कठोर यात्रा दर्शाता है कि वे किस वैकल्पिक उपायों की तलाश कर रहे हैं, जिससे वे पुराना होना हटा सकें और युवावस्था प्राप्त कर सकें।
वहीं, जॉनसन की घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि इस तरह के प्रयोग कितने जोखिमपूर्ण हो सकते हैं। किसी भी प्रयोग के परिणाम हमेशा वांछित नहीं होते और कभी-कभी वे ऐसे जटिलताओं को उत्पन्न कर सकते हैं जिनकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। जब तक विज्ञान इस दिशा में पर्याप्त प्रगति नहीं कर लेता, तब तक इस तरह के प्रयोग व्यक्तिगत जोखिम के साथ ही करने चाहिए।
भविष्य की योजनाएं और आत्मविश्लेषण
इस आपदा के बाद, जॉनसन और उनकी शोध टीम ने जल्द ही नए प्रयोगों की योजना बनानी शुरू कर दी है। हालांकि उनकी दृष्टि वापसी हो गई है, लेकिन इस बात को उन्होंने एक सबक के रूप में लिया है। यह स्पष्ट संकेत है कि बायोहैकिंग और प्रोद्योगिकी में कोई भी गलत कदम भयावह परिणाम ला सकता है। यह घटना न केवल विज्ञान की सीमाओं को दर्शाती है, बल्कि मानव जिज्ञासा और खुद को सुधारने की आकांक्षा का भी परिचायक है।
अंततः, जॉनसन का यह अनुभव एक बड़ी चेतावनी के तौर पर देखा जा सकता है कि अत्यधिक प्रयोगात्मक दृष्टिकोणों को अपनाने के पहले सुरक्षा और संभावित जोखिमों का गंभीर विचार होना चाहिए। उन्होंने प्रिस्क्रिप्शन से बाहर जाकर अपने शरीर में बदलाव करने का प्रयास किया, जो कि अन्य के लिए एक उदाहरण के रूप में भी खड़ा है कि कोई भी प्रायोगिक कदम स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है।
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