ऑस्ट्रेलिया महिला टीम की विस्फोटक पारी
तिसरे और निर्णायक ओडीआई में टॉस जीतकर Australia Women ने पहला मौका चुना। 47.5 ओवर में 412 रन का जबरदस्त लक्ष्य बनाना इस सीजन की सबसे बड़ी टीम स्कोर में से एक रहा। शुरुआती जोड़ी जॉर्जिया वोल और एलिसा हेले ने 43 रनों का स्थिर शुरुआत दी, फिर वोल ने एलिस पेर्री के साथ 107 रन का दूसरा विकेट साझेदारी जोड़ी। पेर्री और बेथ मुनि ने क्रमशः गति बढ़ाते हुए 9 रनों का छोटा लेकिन महत्वपूर्ण तिसरा विकेट साझेदारी किया। मुनि ने 140 से अधिक रन बनाकर टीम को मार्गदर्शन किया, लेकिन दूसरे रन लेने की कोशिश में उन्हें स्टंप के पास उलझन में धकेल दिया गया और वह रन आउट हो गईं।
ऑस्ट्रेलिया की इस पारी में दो-तीन शट्टी-फोर्जिंग ब्लास्ट दिखे, जहाँ हर बैट्समैन ने तेज़ गति से खुद को साबित किया। एलीस पेर्री ने अपने अनुभव से टीम को वॉल्यूम दिया, जबकि मध्य क्रम में निकोलस बेनेट की देर से स्ट्राइक ने स्कोर बोर्ड को चमका दिया। कुल मिलाकर टीम ने आक्रमणात्मक खेल दिखाते हुए सभी सीमाओं को धक्का दिया।

भारत महिला टीम का संघर्षपूर्ण जवाब
विपरीत पारी में भारत ने 47 ओवर में 369 रन बनाकर अपने लक्ष्यों के करीब पहुंचा। इस पारी की शान स्मृति मंदाना रही, जिन्होंने 50 गेंदों में शतक बनाया – यह महिला ओडीआई में दूसरा तेज़तम शतक था। मंदाना का यह शतक उनका 13वां ओडीआई शतक बन गया, जो उनके निरंतर फ़ॉर्म का सबूत है। उनके साथ डीप्टी शर्मा ने 42 गेंदों पर 50 रन बनाकर टीम को स्थिर किया, जिसमें चार चौके और एक छह शामिल थे।
भारत ने कई महत्वपूर्ण साझेदारियाँ बनाई, खासकर आठवें विकेट के लिए स्नैह राणा और डीप्टी शर्मा ने 39 गेंदों में 50 रन जोड़े। इस साझेदारी ने भारत को बड़े लक्ष्य के करीब लाने में मदद की। अन्य बैट्समैन जैसे श्वेता शर्मा और मीरा जैन ने भी तेज़ गति से रन बनाए, जिससे भारत का स्कोर 369 पर पहुँच गया। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया की विशाल लक्ष्य के सामने भारत को 43 रन से पीछे रहना पड़ा।
गेंदबाज़ी की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया की दार्सी ब्राउन ने तीन विकेट लेकर टीम को झटके में डाला। एश गार्डनर ने दो महत्वपूर्ण विकेट ले कर समर्थन दिया, जबकि मेगन शट, एन्नाबेल सथरलैंड और तेलिया मैग्रेथ ने प्रत्येक ने एक‑एक विकेट हासिल किया। भारत की गेंदबाज़ी में रेणुका सिंह ठाकुर, क्रांति गौड़, स्नैह राणा, अरुंधति रेड्डी, राधा यादव और डीप्टी शर्मा ने मिलकर आठ विकेट लिए, जिससे वे भी आक्रमणात्मक खेल दिखा पाए।
सीरीज़ का अंत इस जीत से हुआ, जहाँ ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से सीरीज़ जीती। बेथ मुनि को श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया, उनके निरंतर प्रदर्शन और अटूट स्थिरता के कारण। यह सीरीज़ दोनों टीमों के लिए विश्व कप के पहले महत्त्वपूर्ण परीक्षा का काम कर रही थी, जहाँ उच्च दबाव वाले परिदृश्य ने खिलाड़ियों को वास्तविक प्रतियोगिता की तैयारी करवाई।