क्राउडस्ट्राइक अपडेट से हुआ ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ
शुक्रवार को दुनियाभर में भारी संख्या में विंडोज यूजर्स को ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (BSOD) का सामना करना पड़ा, जिसे तकनीकी भाषा में 'ब्लू स्क्रीन' भी कहा जाता है। यह त्रुटि स्क्रीन सिस्टम को अस्थायी रूप से फ्रीज कर देती है और यूजर को कोई भी काम करने से रोक देती है। अक्सर यह समस्या सॉफ्टवेयर में आने वाली किसी गंभीर गलती के कारण होती है।
प्रारंभिक अनुमानों के विपरीत, यह समस्या माइक्रोसॉफ्ट द्वारा नहीं, बल्कि अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी क्राउडस्ट्राइक द्वारा जारी की गई एक हालिया अपडेट के कारण उत्पन्न हुई थी। इस अद्यतन में एक दोषपूर्ण फाइल शामिल थी, जिसने विंडोज सिस्टम को ब्लू स्क्रीन पर ला खड़ा किया।
माइक्रोसॉफ्ट और क्राउडस्ट्राइक ने दी जानकारी
माइक्रोसॉफ्ट ने इस मुद्दे की पुष्टि करते हुए कहा कि यह समस्या एक तीसरे पक्ष के सॉफ्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म द्वारा की गई अद्यतन के कारण हुई थी। क्राउडस्ट्राइक के अध्यक्ष और सीईओ जॉर्ज कर्ट्ज ने बताया कि कंपनी इस समस्या को सुलझाने के लिए प्रभावित ग्राहकों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई सुरक्षा घटना या साइबर अटैक नहीं है।
कंपनी ने बताया कि इस समस्या को सुलझाने के लिए यूजर्स को सिस्टम को सेफ मोड में रीबूट करके, क्राउडस्ट्राइक फाइल फोल्डर में जाकर, फाइल को हटाना होगा जिसका संख्यात्मक अंत 291 से होता है, और फिर सिस्टम को पुनः शुरू करना होगा। इसके अलावा, यूजर्स अपने सिस्टम को पिछली स्थिति में पुनः स्थापित करने के लिए 'पॉइंट-इन-टाइम रिस्टोर' फीचर का भी उपयोग कर सकते हैं।
एयरपोर्ट्स पर भी पड़ा असर
इस आउटेज का गंभीर असर एयरपोर्ट्स पर देखने को मिला। खासतौर पर मुंबई और दिल्ली के एयरपोर्ट्स पर एयरलाइंस जैसे स्पाइसजेट, इंडिगो और आकासा को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यात्रियों को कई घंटे इंतजार करना पड़ा और उड़ानों में देरी हुई।
साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञों ने इस घटना पर चिंता जताई है। PwC इंडिया के पार्टनर और लीडर - साइबर सुरक्षा, सुंदरश्वर के ने कहा कि इस प्रकार की अप्रत्याशित तकनीकी विफलताओं के चलते बिजनेस कंटिन्युटी सुनिश्चित करने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों की और अधिक आवश्यक होती है।
विशेषज्ञों का कहना
Quick Heal Technologies Limited के सीईओ विशाल साल्वी ने कहा कि ऐसे हालात सभी कंपनियों के लिए एक सबक हैं कि मजबूत सुरक्षा उपायों के बिना किसी भी समय बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिस्टम्स की वक्त-वक्त पर जांच और अपडेट बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।
इस घटना ने यह भी दिखाई दिया कि तकनीक की निर्भरता किस हद तक हमारी दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है। समय पर समाधान और संवेदनशीलता के साथ इसे हैंडल करना आवश्यक है।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
यह घटना सामने आने के बाद से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफ़ॉर्म्स पर यूजर्स की कई प्रतिक्रियाएं मिलीं। कई यूजर्स ने अपने अनुभव साझे करते हुए बताया कि ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ के कारण उन्हें कई महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावटें आईं। कुछ कर्मचारियों ने कंपनी के आईटी डिपार्टमेंट से मदद मांगी, जबकि अन्य ने अपने स्तर पर समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया।
कुल मिलाकर, यह घटना एक तकनीकी त्रुटि की जटिलताओं को उजागर करती है और हमें सिखाती है कि हम साइबर सुरक्षा और तकनीकी अपग्रेडेशन को कितना भी हल्के में नहीं ले सकते। हर समय सतर्कता और उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ ही हम इस प्रकार की समस्याओं का प्रभावी रूप से मुकाबला कर सकते हैं।
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