दिल्ली में महिलाओं से वादाखिलाफी का आरोप
दिल्ली की राजनीति इस समय गर्माई हुई है, क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी मार्लेना ने नया मुख्यमंत्री बनने पर रेखा गुप्ता और भाजपा पर कटाक्ष किया है। आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान जो ₹2,500 प्रतिमाह महिलाओं को देने का वादा किया था, उसका कोई अता-पता नहीं है। यह वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वयं किया था। आतिशी का कहना है कि यह योजना भाजपा के पहले कैबिनेट बैठक में शामिल भी नहीं की गई।
आतिशी का तर्क है कि महिलाओं ने यह उम्मीद की थी कि गुप्ता के शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद होने वाली पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को हरी झंडी मिलेगी। उन्होंने भाजपा की गारंटी को एक 'जुमला' करार दिया और सवाल उठाया कि सरकार पैसे को महिलाओं के खातों में स्थानांतरित करने के अपने वादे को भी भंग करेगी।
भाजपा की तरफ से जवाब
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरकार की योजनाओं का बचाव किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा ने अपने पहले दिन ही आयुष्मान भारत योजना की स्वीकृति दे दी, जिसे पूर्ववर्ती आप सरकार ने रोक रखा था। साथ ही उन्होंने 14 लंबित कैग रिपोर्टों को भी प्रस्तुत किया। भाजपा दावा कर रही है कि इस दिन ही आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से दिल्ली के लोगों को ₹10 लाख के लाभ दिए गए।
गुप्ता ने आप की आलोचना को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि आप ने 13 वर्षों तक दिल्ली पर शासन किया लेकिन उसने कोई जवाबदेही नहीं दिखाई। वह यह भी कहती हैं कि भाजपा सरकार का सबसे प्रमुख उद्देश्य केंद्र सरकार की योजनाओं का कार्यान्वयन करना और वित्तीय अनियमितताओं की जांच करना है। इस प्रकार की स्थिति ने दिल्ली की राजनीति में तनाव को और बढ़ा दिया है, क्योंकि भाजपा और आप दोनों ही अपने-अपने दृष्टिकोण को सही साबित करने के प्रयास में हैं।
5 टिप्पणि
Bikkey Munda
मार्च 11, 2025 AT 18:48आतिशी का बयान सुनके लगता है कि महिलाओं के वादे ढूंढे नहीं जा रहे। भाजपा को चाहिए कि वो अपने वादे को जल्दी से जल्द लागू करे।
BALAJI G
मार्च 12, 2025 AT 20:20रखो भरोसा, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए तो भरोसा घटता है। राजनीति में अक्सर वादे बढ़ा-चढ़ा कर कहे जाते हैं। अगर सरकार ₹2500 की योजना नहीं ला पाती तो उसे जवाबदेह बनना चाहिए। जनता को भी देखना चाहिए कि कौन सच में कार्य कर रहा है। आखिर में, सच्ची बदलाव तभी आएगा जब सभी मिलकर धीरज रखें।
Manoj Sekhani
मार्च 14, 2025 AT 00:06दिल्ली की राजनीति में इस तरह के वादे अक्सर चुनावी हवा में उड़ते रहते हैं।
जब तक उनका ठोस कार्यान्वयन नहीं दिखता, जनता का भरोसा कम होता ही रहता है।
आतिशी ने सही कहा कि ₹2500 का वादा महिलाओं के हक में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता था।
लेकिन यथार्थ में इस धनराशि तक पहुँच अभी तक नहीं हुई है।
भाजपा की ओर से यह कहना भी अजीब है कि वे इस योजना को पहली कैबिनेट बैठक में नहीं लाए।
सरकारी प्रक्रियाएँ कई बार जटिल होती हैं, पर जरूरी है कि शासक जनता को निराश न करें।
आयुष्मान भारत जैसे बड़े कार्यक्रमों को लागू करने में समय लगता है, यह सबको पता है।
फिर भी, छोटी सी सहायता के वादे को पूरा करने में देरी करना उचित नहीं है।
कई महिला समूह ने इस योजना को लेकर अपने अधिकारों की माँग की है।
अगर सरकार वास्तव में इन अधिकारों को मानती है, तो उन्हें जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
नहीं तो, यह सिर्फ चुनावी भाषण बनकर रह जाएगा।
विपक्ष की आलोचना को भी समझना चाहिए, क्योंकि यह लोकतंत्र के स्वस्थ भाग हैं।
लेकिन आलोचना के साथ साथ समाधान की भी पेशकश होनी चाहिए।
अंत में, राजनीतिक ध्रुवीकरण से ऊपर उठकर सभी को मिलकर काम करना ही फायदेमंद होगा।
इसलिए, दिल्ली की महिलाओं को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय रहना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठानी चाहिए।
Tuto Win10
मार्च 15, 2025 AT 03:53वाह, इतनी बड़ी बातें और फिर भी कोई ठोस कदम नहीं! 😱
Kiran Singh
मार्च 16, 2025 AT 07:40भाई, ये सब बातों को इतने दिल से मत ले लो, हर सरकार की अपनी योजना होती है। अभी तो बस देखना है कि कौन आगे बढ़ता है और कौन नहीं।