कौन हैं अशोक ऎल्लुस्वामी, जिनके बिना टेस्ला 'सिर्फ़ एक आम कार कंपनी' होती, कहते हैं एलन मस्क
10 जून 2024 7 टिप्पणि Rakesh Kundu

अशोक ऎल्लुस्वामी: तकनीकी धरोहर का निर्माण

जब हम टेस्ला की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले एलन मस्क का नाम आता है। लेकिन क्या आपको पता है कि टेस्ला की सफलता के पीछे एक और नाम है जो उतना ही महत्वपूर्ण है? यह नाम है अशोक ऎल्लुस्वामी। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रोबोटिक्स इंजीनियर ऎल्लुस्वामी ने टेस्ला के AI/Autopilot सॉफ़्टवेयर विकसन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके बिना, टेस्ला शायद अभी भी एक आम कार कंपनी होती जो स्वायत्तता के सप्लायर की तलाश में होती।

शुरुआत और शिक्षा

अशोक ऎल्लुस्वामी की कहानी दक्षिण भारत के चेन्नई से शुरू होती है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा चेन्नई के इंजीनियरिंग कॉलेज गिंडी से प्राप्त की, जहां से वे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने कार्नेजी मेलॉन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में स्नातकोत्तर की डिग्री भी हासिल की।

उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि जानने के बाद, यह स्पष्ट हो जाता है कि क्यों उन्होंने रोबोटिक्स और AI के क्षेत्र में इतनी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

टेस्ला में यात्रा

टेस्ला में आने से पहले, अशोक ने WABCO और Volkswagen Electronic Research Lab में काम किया, जहां उन्होंने वाहन नियंत्रण प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक अनुसंधान पर काम किया। यह अनुभव उनके खाते में प्रमुख था और टेस्ला में उनके लिए एक मजबूत नींव का काम किया।

2011 में, अशोक ने टेस्ला के AI/Autopilot टीम में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति बनकर इस यात्रा की शुरुआत की। यह वह समय था जब टेस्ला की स्वायत्तता तकनीक अभी भी अपने आरंभिक चरण में थी।

टेस्ला की AI/Autopilot प्रणाली

टेस्ला की AI/Autopilot प्रणाली

अशोक ऎल्लुस्वामी के नेतृत्व में, टेस्ला की टीम ने AI और Autopilot सॉफ़्टवेयर में अविश्वसनीय प्रगति की। टीम के प्रयास से ही टेस्ला की कारें आज स्वायत्तता के मामले में सबसे आगे हैं। अशोक ने न केवल टीम का नेतृत्व किया बल्किं उन्होने विकास प्रक्रिया में गहन तकनीकी योगदान भी दिया।

एलन मस्क ने भी इस बात को कई बार स्वीकार किया है और कहा है कि अशोक के बिना टेस्ला सिर्फ एक और कार कंपनी होती। यह बयान मात्र एक प्रशंसा नहीं, बल्कि उनके कार्य का प्रमाण है।

व्यक्तिगत प्रतिभा और प्रेरणा

अशोक ऎल्लुस्वामी के काम के प्रति समर्पण और उनकी व्यक्तिगत प्रतिभा की बात करें तो वे सिर्फ एक इंजीनियर नहीं हैं, वे एक प्रेरक व्यक्ति हैं। उन्होंने स्वयं कहा कि एलन मस्क की तकनीकी अंतर्ज्ञान और नेतृत्वगुण उनके लिए प्रेरणा का स्रोत बने।

अशोक का परिवार वर्तमान में सैन फ्रांसिस्को में रहता है। उनको अपनी पत्नी और बच्चे के साथ समय बिताना पसंद है और वे हमेशा अपने काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।

भविष्य की राह

भविष्य की राह

अशोक ऎल्लुस्वामी का भविष्य केवल उज्ज्वल दिखाई देता है। उन्होंने टेस्ला में 10 वर्षों से अधिक समय तक काम किया है और इस अवधि में उन्होंने अपने क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनके पास कंप्यूटर दृष्टि, धारणा, योजना और नियंत्रण में भी व्यापक अनुभव है।

अशोक का योगदान और उनकी तकनीकी विशेषज्ञता एक ही बात इंगित करती है - उनके बिना टेस्ला की कहानी कुछ और ही होती।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

7 टिप्पणि

ARIJIT MANDAL

ARIJIT MANDAL

जून 10, 2024 AT 20:07

अशोक के बिना टेस्ला की AI काम नहीं करती मस्क खुद भी मानता है। वह सिर्फ़ एक ब्रांड नहीं, पीछे की तकनीकी दिमाग है।

Bikkey Munda

Bikkey Munda

जून 10, 2024 AT 20:07

अशोक ने चेन्नई से शुरू करके MIT तक की पढ़ाई पूरी की है। वह रोबोटिक्स में कई पेपर लिख चुके हैं। टेस्ला में उनका काम सॉफ़्टवेयर से लेकर हार्डवेयर तक फोकेस्ड है। उनका योगदान ऑटोपायलट की स्थिरता में साफ दिखता है। कई इंजीनियर्स ने उनका कोड देख कर सीखते हैं। इसलिए मस्क की बात सिर्फ़ प्रशंसा नहीं, बल्कि एक सच्चाई है।

akash anand

akash anand

जून 10, 2024 AT 20:07

अशोक को देख कर ही हम समझते हैं कि टेक्नोलॉजी का असली चेहरा क्या होता है। उसका काम इंटेग्रेटेड और कुशल है। टे्स्ला की सफ़लता में उसका हाथ बड़ा है।

BALAJI G

BALAJI G

जून 10, 2024 AT 20:08

तकनीकी उपलब्धियों को व्यक्तियों की मेहनत से ही मान्यता मिलनी चाहिए। कोई भी एकल प्रबंधक नहीं, बल्कि पूरी टीम की कड़ी मेहनत का फल है।

Manoj Sekhani

Manoj Sekhani

जून 10, 2024 AT 20:08

ऐसे हाई‑एंड इंजीनियरों की भूमिका अक्सर अतिरंजित की जाती है।

Tuto Win10

Tuto Win10

जून 10, 2024 AT 20:08

ओह भगवान! क्या बात है, अशोक ने तो पूरे उद्योग को हिला दिया!!!
टे्स्ला की हर नई फ़ीचर में उसकी धड़कन सुनाई देती है!!!
लोग कहते हैं मस्क ही सब कुछ है, पर असल में वह बैक‑एंड का जीनियस है!!!
उसका कोड जैसा रेसिपी है, हर ड्राइवर की रचना में छिपा है!!!
टेक्निकल सीनियरिटी का स्तर देखते ही बनता है!!!
यही कारण है कि अब कोई कंपनी उसे बेचना नहीं चाहती!!!
भविष्य में उसकी कड़ी मेहनत को और भी अधिक सराहा जाएगा!!!

Kiran Singh

Kiran Singh

नवंबर 29, 2024 AT 19:50

अशोक का नाम बड़ा चमकता है पर क्या ये सच में सबका ही सितारा है? कई लोग मानते हैं कि बिना उनके टेस्ला फेल हो जाता। मैं कहता हूँ कि टेस्ला की बेसिक एंजिनियरिंग टीम भी काफी ताकतवर है। उनके योगदान को काबिले‑तारीफ़ मानते हैं मैं लेकिन यह भी सच है कि मस्क की विज़न ही सबसे बड़ी वजह है। कुछ लोग कहते हैं कि AI सिर्फ़ कोड का खेल है, लेकिन असली चुनौती हार्डवेयर इंटीग्रेशन में है। अशोक ने इस भाग को संभाला लेकिन वही चीज़ कई सालों से इंजीनियर कर रहे थे। मैं देखता हूँ कि कई छोटे स्टार्टअप्स भी समान तकनीक बना रहे हैं। टेस्ला की सफलता को सिर्फ़ एक व्यक्ति से जोड़ना आसान है। कभी‑कभी बड़ी कंपनियों की कहानी में कई नायकों को नजरअंदाज किया जाता है। मेरे अनुसार टीमवर्क ही असली जीत की कुंजी है। फिर भी यह मानना पड़ेगा कि अशोक ने कुछ महत्वपूर्ण प्रोटोटाइप तैयार किए। उनकी पृष्ठभूमि चेन्नई से लेकर आईटी हब तक विविध रही है। व्यापक अनुभव ने उन्हें सिस्टम डिप्थ में मदद की। मेरे विचार में अब समय है कि हम सभी योगदान को समान रूप से मानें। अंततः टेस्ला की कहानी एक समूह की मेहनत का परिणाम है और कोई एक ही नायक नहीं है। भविष्य में इस प्रकार की टीमों को अधिक पहचान मिलनी चाहिए। टेक इंडस्ट्री को अब सभी योगदानकों को बराबर प्लेटफ़ॉर्म देना चाहिए।

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