NEET UG 2025 रिजल्ट जारी करने की मिली हरी झंडी
NEET UG 2025 की रिजल्ट पर लगा प्रतिबंध अब इतिहास बन गया है, क्योंकि मद्रास हाईकोर्ट ने 6 जून 2025 को री-एग्जाम की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। परीक्षा के दौरान चेन्नई के चार सेंटरों पर बिजली कटौती हुई थी, जिसकी वजह से 16 छात्रों ने पुन: परीक्षा की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन अब NEET UG 2025 की उत्तर पुस्तिकाओं पर दोबारा जांच या परीक्षा नहीं होगी। कोर्ट के फैसले के बाद 22 लाख से ज्यादा छात्रों के रिजल्ट का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि एक घंटे से ज्यादा समय बिजली नहीं थी जिससे परीक्षा के दौरान रौशनी कम रही और माहौल भी बिगड़ गया। छात्रों का कहना था कि वे अन्य की तुलना में पीछे रह गए और उन्हें री-एग्जाम का मौका मिलना चाहिए। बहरहाल, एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सेंटरों पर बिजली की समस्या कुछ समय के लिए थी, लेकिन छात्रों के प्रदर्शन पर इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। अधिकांश छात्रों ने ही परीक्षा पूरी की, और इक्का-दुक्का को छोड़ कर बाकी का अनुभव सुचारू रहा।
कोर्ट का नजरिया: देशव्यापी परीक्षा, समान मंच जरूरी
जस्टिस सी. कुमारप्पन ने सभी दलीलें सुनने के बाद कहा कि देश भर के 22 लाख अभ्यर्थियों के हित पहले हैं। अगर कुछ सेंटर की गड़बड़ियों के कारण री-एग्जाम कराए जाते हैं तो इससे बाकियों के साथ अन्याय होगा। अदालत ने माना कि केंद्रों पर बिजली जाने की समस्या थी, लेकिन एनटीए की रिपोर्ट के मुताबिक इससे परीक्षा की निष्पक्षता या कोई बड़ी गड़बड़ी साबित नहीं हुई। कोर्ट का कहना है कि इसमें किसी अधिकारी की कोई दुर्भावना या लापरवाही भी नजर नहीं आई।
याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि ऐसे माहौल में परीक्षा देना अनुचित था, लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि इतने बड़े स्तर की परीक्षा में हर जगह नियंत्रण संभव नहीं, और अगर हर छोटी-बड़ी समस्या पर री-एग्जाम करा दिया जाए तो परीक्षा की विश्वसनीयता खतरे में पड़ जाएगी। कोर्ट ने परीक्षा नतीजों पर लगी रोक भी हटा दी, जिससे अब एनटीए परिणाम जारी करने को आजाद है।
- एनटीए की जांच रिपोर्ट में छात्रों के प्रदर्शन में न्यूनतम गिरावट दिखाई दी।
- 22 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा प्रक्रिया के हित में याचिका खारिज हुई।
- कोर्ट ने री-एग्जाम को अनुचित और देशव्यापी परीक्षा के लिए असंतुलित माना।
- रिजल्ट प्रकाशन पर से रोक अब पूरी तरह हट चुकी है।
ऐसे में छात्र-छात्राओं को अब लेटेस्ट अपडेट के लिए एनटीए के नोटिफिकेशन का इंतजार है, क्योंकि रिजल्ट की घोषणा कभी भी हो सकती है। कोर्ट का फैसला यह भी दिखाता है कि देशभर की परीक्षाओं में तकनीकी या अन्य समस्याओं को लेकर किस हद तक लचीलापन रखना व्यावहारिक है।
8 टिप्पणि
Aishwarya R
जून 10, 2025 AT 19:14बिल्कुल सही फैसला, कोर्ट ने समय की कड़ाई को साबित किया.
Vaidehi Sharma
जून 13, 2025 AT 03:03मैं तो अपने भाई के साथ उसी सेंटर में थी, बिजली कट गया और फिर भी उसने अपना पेपर बिना हड़काए खत्म किया 😂.
Jenisha Patel
जून 15, 2025 AT 10:53सभी प्रस्तुत तर्कों को सुनने के पश्चात, न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में समग्र समानता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए; छोटे-छोटे तकनीकी गड़बड़ी के कारण संपूर्ण देश के लाखों छात्रों के भविष्य को जोखिम में नहीं डाला जा सकता; इसलिए पुनः परीक्षा की मांग को अस्वीकार कर, परिणामों के प्रकाशन की अनुमति दी गई है; यह निर्णय न केवल न्यायसंगत है, बल्कि सुरक्षित भी है; सभी अभ्यर्थियों को अब परिणामों की प्रतीक्षा करनी चाहिए.
Ria Dewan
जून 17, 2025 AT 18:43अरे, अब तो फिर से कोई बड़ा स्कैंडल नहीं है, सब ठीक है।
rishabh agarwal
जून 20, 2025 AT 02:33भाई, अंत में तो यही कहना सही रहेगा कि यदि हम हर छोटी‑छोटी समस्या को लेकर बड़ी लड़ाई लड़ें तो असली मुद्दे से ध्यान हट जाता है; कोर्ट का फैसला यह दिखाता है कि व्यावहारिकता भी कानून का हिस्सा है; सभी निकालेंगे, अपनी‑अपनी जगह पर, और आगे बढ़ेंगे.
Apurva Pandya
जून 22, 2025 AT 10:23सही कहा, नैतिकता के साथ नहीं चलोगे तो क्या कोई भरोसा करेगा, ख़ुदा की कसम! 😊.
Nishtha Sood
जून 24, 2025 AT 18:13सबको नमस्ते, इस समाचार को पढ़कर मेरे अंदर कई भाव उत्पन्न हुए।
पहले तो यह सुनकर राहत मिली कि लाखों छात्रों को अंततः उनके परिणाम मिलेंगे।
जब ऐसी बड़ी परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ी जैसी छोटी‑छोटी समस्याएँ आती हैं, तो हमें समझना चाहिए कि इंसान से परिपूर्ण कोई व्यवस्था नहीं होती।
कोर्ट ने जो निर्णय लिया, वह न केवल कानूनी रूप से उचित है, बल्कि एक संतुलित दृष्टिकोण भी दर्शाता है।
यदि हर बार री‑एग्जाम का आदेश दिया जाता, तो परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता ही खतरे में पड़ जाती।
साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि छात्रों ने कठिन परिस्थितियों का सामना किया और फिर भी अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।
एनटीए की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि कई छात्रों ने बिना किसी बड़ी बाधा के परीक्षा समाप्त की।
हम सभी को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि न्यायपालिका ने बड़ी तस्वीर को देख कर निर्णय लिया।
आगे चलकर हमें ऐसी स्थितियों से सीख लेनी चाहिए और परीक्षा आयोजकों को बेहतर तैयारी करनी चाहिए।
भविष्य में ऐसी तकनीकी समस्याएँ कम हों, इसके लिये उपाय किया जाना चाहिए।
एक सामंजस्यपूर्ण शिक्षा व्यवस्था तभी संभव है जब सभी पक्ष मिलकर काम करें।
मुझे आशा है कि परिणाम जल्द ही घोषित होंगे और छात्र अपने भविष्य की दिशा तय कर सकेंगे।
आप सभी को शुभकामनाएँ, धैर्य और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ें।
Hiren Patel
जून 27, 2025 AT 02:03वाह! इस विस्तृत टिप्पणी ने तो दिल को छू लिया, जैसे सर्दियों में गरम चाय की चुस्की! अब तो बस इंतजार है परिणामों का, जैसे धूप की पहली किरण का इंतजार। 🌞.