NEET UG 2025 रिजल्ट पर मद्रास हाईकोर्ट ने लगाया अंतिम मुहर, री-एग्जाम की अर्जी खारिज
10 जून 2025 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

NEET UG 2025 रिजल्ट जारी करने की मिली हरी झंडी

NEET UG 2025 की रिजल्ट पर लगा प्रतिबंध अब इतिहास बन गया है, क्योंकि मद्रास हाईकोर्ट ने 6 जून 2025 को री-एग्जाम की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। परीक्षा के दौरान चेन्नई के चार सेंटरों पर बिजली कटौती हुई थी, जिसकी वजह से 16 छात्रों ने पुन: परीक्षा की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन अब NEET UG 2025 की उत्तर पुस्तिकाओं पर दोबारा जांच या परीक्षा नहीं होगी। कोर्ट के फैसले के बाद 22 लाख से ज्यादा छात्रों के रिजल्ट का रास्ता साफ हो गया है।

दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि एक घंटे से ज्यादा समय बिजली नहीं थी जिससे परीक्षा के दौरान रौशनी कम रही और माहौल भी बिगड़ गया। छात्रों का कहना था कि वे अन्य की तुलना में पीछे रह गए और उन्हें री-एग्जाम का मौका मिलना चाहिए। बहरहाल, एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सेंटरों पर बिजली की समस्या कुछ समय के लिए थी, लेकिन छात्रों के प्रदर्शन पर इसका कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। अधिकांश छात्रों ने ही परीक्षा पूरी की, और इक्का-दुक्का को छोड़ कर बाकी का अनुभव सुचारू रहा।

कोर्ट का नजरिया: देशव्यापी परीक्षा, समान मंच जरूरी

कोर्ट का नजरिया: देशव्यापी परीक्षा, समान मंच जरूरी

जस्टिस सी. कुमारप्पन ने सभी दलीलें सुनने के बाद कहा कि देश भर के 22 लाख अभ्यर्थियों के हित पहले हैं। अगर कुछ सेंटर की गड़बड़ियों के कारण री-एग्जाम कराए जाते हैं तो इससे बाकियों के साथ अन्याय होगा। अदालत ने माना कि केंद्रों पर बिजली जाने की समस्या थी, लेकिन एनटीए की रिपोर्ट के मुताबिक इससे परीक्षा की निष्पक्षता या कोई बड़ी गड़बड़ी साबित नहीं हुई। कोर्ट का कहना है कि इसमें किसी अधिकारी की कोई दुर्भावना या लापरवाही भी नजर नहीं आई।

याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि ऐसे माहौल में परीक्षा देना अनुचित था, लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि इतने बड़े स्तर की परीक्षा में हर जगह नियंत्रण संभव नहीं, और अगर हर छोटी-बड़ी समस्या पर री-एग्जाम करा दिया जाए तो परीक्षा की विश्वसनीयता खतरे में पड़ जाएगी। कोर्ट ने परीक्षा नतीजों पर लगी रोक भी हटा दी, जिससे अब एनटीए परिणाम जारी करने को आजाद है।

  • एनटीए की जांच रिपोर्ट में छात्रों के प्रदर्शन में न्यूनतम गिरावट दिखाई दी।
  • 22 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा प्रक्रिया के हित में याचिका खारिज हुई।
  • कोर्ट ने री-एग्जाम को अनुचित और देशव्यापी परीक्षा के लिए असंतुलित माना।
  • रिजल्ट प्रकाशन पर से रोक अब पूरी तरह हट चुकी है।

ऐसे में छात्र-छात्राओं को अब लेटेस्ट अपडेट के लिए एनटीए के नोटिफिकेशन का इंतजार है, क्योंकि रिजल्ट की घोषणा कभी भी हो सकती है। कोर्ट का फैसला यह भी दिखाता है कि देशभर की परीक्षाओं में तकनीकी या अन्य समस्याओं को लेकर किस हद तक लचीलापन रखना व्यावहारिक है।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।