प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्छ में भारतीय सेना के सैनिकों के साथ मनाई दिवाली 2024
1 नवंबर 2024 0 टिप्पणि राहुल तनेजा

प्रधानमंत्री का दिवाली का अनोखा अंदाज

हर साल दिवाली का पर्व आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक खास परंपरा ध्यान में आती है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग करती है। मोदी का दिवाली का त्योहार सेनाओं के साथ मनाने का तरीका भारतीय समाज के उस पक्ष को दिखाता है जिसमें वे सेना के जवानों के साथ अपने मजबूत बंधन को उजागर करते हैं। इस बार उन्होंने 2024 की दिवाली कच्छ, गुजरात के बीएसएफ के जवानों के साथ मनाई। यह स्थल ऐतिहासिक और सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। मोदी का यह प्रयास भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति उनकी कटिबद्धता और उनका सम्मान दर्शाता है।

सैनिकों के साथ जश्न का अनुभव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कच्छ में बीएसएफ जवानों के संग दिवाली मनाने का दृश्य अद्वितीय था। जवानों को अपने हाथों से मिठाइयाँ खिलाकर उन्होंने उनकी बहादुरी की प्रशंसा की। यह कोई साधारण मिठाई बांधने का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह सैनिकों के साथ उस गहरे और आत्मीय संबंध को दर्शाने का माध्यम था। जब प्रधानमंत्री स्वयं उनके बीच आते हैं, तो यह सैनिकों के लिए एक बड़ा संदेश होता है, जो उनके मनोबल को बढ़ाता है।

दिवाली का संदेश

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों के बीच त्योहार की खुशियाँ बिताईं, तब उन्होंने उन्हें न केवल मिठाइयों से बल्कि उनके समर्पण और देशभक्ति की जमकर सराहना कर, उनका मनोबल और ऊंचा किया। प्रधानमंत्री की यह परंपरा समाज और सशस्त्र बलों के बीच संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास होता है। यह घटना केवल एक आंतरिक मामला नहीं, बल्कि इसका सामरिक महत्व भी होता है।

प्रधानमंत्री की परंपरा और उसके प्रभाव

यह मोदी की प्रधानमंत्री बनने के बाद से चली आ रही परंपरा है कि वह हर वर्ष दिवाली के मौके पर अलग-अलग स्थानों पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के साथ समय बिताते हैं। इस प्रकार वे उन लाखों जवानों के प्रति देश का आभार व्यक्त करते हैं, जो अपने परिवार से दूर सीमा पर हमारी सुरक्षा में तत्पर रहते हैं। ऐसा कदम सैनिकों के मनोबल को और बढ़ाता है और उनके परिवारों को गर्व महसूस करवाता है।

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो देश के चुने गए नेता हैं, जवानों के बीच सीधे पहुँचते हैं, तो यह उनके नेतृत्व के मर्म को बताता है और यह भी कि कैसे वे हर नागरिक को, विशेषकर वह जो देश की सुरक्षा में तैनात हो, नैतिक जबावदेही के साथ अपनी ओर खींचते हैं।

राहुल तनेजा

राहुल तनेजा

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

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