हीटवेव: गर्मी की लहर से कैसे सुरक्षित रहें
गर्मियों में अचानक ज्यादा गर्मी का दौर, यानी हीटवेव, हर साल ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है। क्या करें ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहें? नीचे सीधे, आसान और उपयोगी कदम दिए हैं जो तुरंत लागू किए जा सकते हैं।
हीटवेव की पहचान: संकेत और गंभीर लक्षण
सबसे पहले संकेत पहचानिए। सिरदर्द, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना या उल्टा—पसीना बंद होना—इनमें फर्क है। हल्की परेशानी में थकान, प्यास बढ़ना और मांसपेशियों में ऐंठन होती है। अचानक उल्टी, बेहोशी, तेज़ पत्तल (बगल या गले का तेज़ पसीना बंद होना), बहुत तेज़ या धीमी धड़कन और भ्रम हों तो यह हीट स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। ऐसे मामले में तुरंत मेडिकल मदद लें।
तुरंत करने योग्य बचाव कदम और रोज़मर्रा के टिप्स
घर पर क्या करें? घर को ठंडा रखें: खिड़कियाँ सुबह-शाम खुली रखें और दोपहर में पर्दे बंद रखें। अगर एयर कंडीशनर नहीं है तो पंखा + गीला तौलिया चेहरे व गर्दन पर रखें — ये असर दिखाता है। ठंडी—पर पर्याप्त—मात्रा में पानी पिएं; सामान्य वयस्क हर 1–2 घंटे में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी लें, लगातार बहुत ज्यादा एक बार में पीने से बचें।
बाहर निकलना जरूरी हो तो दोपहर 11 बजे से 4 बजे के बीच कोशिश करें बचने की। हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें और टोपी या छाता इस्तेमाल करें। सीधी धूप में ज्यादा काम न करें; अगर काम करना ही पड़ता है तो हर 30–45 मिनट पर ब्रेक लें और छाँव में बैठें।
खास समूह — बच्चे, बुज़ुर्ग, गर्भवती और लंबी बीमारी वाले लोग — इन्हें खास ध्यान दें। बुज़ुर्गों में प्यास कम लग सकती है, इसलिए पानी याद दिलाना ज़रूरी है। बच्चे को कभी भी गाड़ी में अकेला न छोड़ें, यहां तापमान तेजी से खतरनाक हो जाता है।
अगर किसी को हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखें तो तुरंत ठंडी जगह पर ले जाएँ, कपड़े ढीले करें, ठंडे पानी से शरीर पर मलें या ठंडा शॉवर कराएं। अगर उपलब्ध हो तो फैन के साथ ठंडे पैक सिर और गर्दन पर रखें और तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुँचाएँ।
दवाइयों का ध्यान रखें: कुछ दवाइयाँ (जैसे डाइयुरेटिक्स, कुछ एंटीसाइकोटिक या एंटिकलिनर्जिक्स) शरीर की गर्मी नियंत्रित करने की क्षमता घटा सकती हैं। ये दवियाँ ले रहे हों तो डॉक्टर से सलाह लें।
स्थानीय अलर्ट और अपडेट चेक करते रहें। मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन अक्सर हीटवेव की चेतावनी और कूलिंग सेंटर्स की जानकारी देते हैं। ऐसी सूचनाएँ फॉलो करके आप समय पर कदम उठा सकते हैं।
छोटी तैयारी बड़े फायदे देती है: पानी की बोतल हमेशा साथ रखें, घर में ठंडी जगह बनाइए और बुज़ुर्ग-अनाथ परिवार के सदस्यों पर नजर रखें। थोड़ी सावधानी से हीटवेव को खतरनाक होने से रोका जा सकता है।
अगर कुछ तुरंत पूछना है या अपने इलाके की गर्मी संबंधी खबर चाहिए तो स्थानीय समाचार अपडेट देखें और जरूरत पड़ने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
31 मई 2024
Rakesh Kundu
नागपुर में गर्मी का कहर अपने चरम पर है, जहाँ तापमान 56 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, यह नगरी अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज कर चुकी है। जल्द ही मानसून की उम्मीद से राहत की संभावनाएँ हैं।
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