नवीकरणीय ऊर्जा: क्या है और क्यों अब ज़रूरी है

नवीकरणीय ऊर्जा से मेरा मतलब है वो ऊर्जा जो खत्म नहीं होती — जैसे सूरज, हवा, जल और बायोमास। ये न सिर्फ पर्यावरण के लिए बेहतर हैं बल्कि लंबे समय में बिजली बिल और निर्भरता दोनों घटाते हैं। भारत में प्रदूषण और महंगाई को देखते हुए नवीकरणीय ऊर्जा अपनाना आज स्मार्ट निवेश जैसा है।

यहाँ आसान भाषा में बताएँगे कि कौन-कौन सी टेक्नोलॉजी है, घर या संस्था के लिए क्या विकल्प हैं, और शुरू करने के लिए किन बातों का ध्यान रखें।

मुख्य विकल्प: सोलर, पवन, हाइड्रो और बायोएनर्जी

सौर ऊर्जा: सबसे सुलभ। छत पर रूफटॉप सोलर पैनल लगवाकर आप अपने घर का हिस्सा या पूरा बिजली जरिया चला सकते हैं। नेट-मीटरिंग से अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेची जा सकती है।

पवन ऊर्जा: गाँव और खुले इलाकों में छोटे टरबाइन घरेलू या सामुदायिक उपयोग के लिए अच्छे हैं। बड़े पैमाने पर पवन फार्म औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त हैं।

हाइड्रो (छोटे पैमाने पर): छोटे प्रवाह वाले जल विद्युत प्रोजेक्ट छोटे समुदायों के लिए निरंतर आपूर्ति दे सकते हैं। बड़े बाँध के पर्यावरणीय असर पर ध्यान दें।

बायोएनर्जी: कृषि अवशेष और जैविक कचरा गैस/बायोगैस बनाकर ऊर्जा पैदा कर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में यह सस्ती और स्थायी विकल्प है।

प्रैक्टिकल कदम — घर या व्यवसाय के लिए क्या करें

1) अपनी बिजली खपत जानिए: पहले बिजली बिल देखें और औसत इस्तेमाल मापें। इससे सिस्टम का साइज तय होता है।

2) रूफटॉप सोलर शुरू करने की प्रक्रिया: (a) सर्टिफाइड इंजीनियर से साइट सर्वे कराएं, (b) अनुमानित लागत और लोन/सब्सिडी जानें, (c) नेट-मीटरिंग नियम और कनेक्शन की जानकारी लें।

3) विक्रेता चुनते वक्त वॉरंटी, मॉड्यूल एफिसिएंसी, इनवर्टर ब्रांड और सर्विस नेटवर्क पर ध्यान दें। 5-10 साल की ऑपरेशन और मेंटेनेंस योजना ज़रूरी है।

4) बैटरी स्टोरेज: अगर कटौती से बचना हो या रात में भी आप स्वयं का बिजली इस्तेमाल करना चाहें तो लीथियम-आयन बैटरियाँ विकल्प हैं। लागत कम हो रही है पर अभी भी महंगी हैं।

चुनौतियाँ भी हैं — इंटरमिटेंसी (सूरज/हवा कब मिले ये बदलता रहता है), ग्रिड-इंटीग्रेशन, बैटरी लागत और भूमि उपयोग। पर टेक्नोलॉजी तेज़ी से सस्ती हो रही है और पॉलिसी सपोर्ट बढ़ रहा है।

सरकार की कई योजनाएँ और सब्सिडी उपलब्ध हैं; PM-KUSUM, नेट-मीटरिंग पॉलिसीज और राज्य स्तर पर रिबेट अक्सर मिलते हैं। अपने राज्य के नोडल एजेंसी से संपर्क करें।

शुरू करने का सबसे सरल तरीका: पहले एक छोटा रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाएँ, अनुभव लें और फिर आवश्यकता के हिसाब से स्केल बढ़ाएँ।

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आखिर में — नवीकरणीय ऊर्जा सिर्फ वातावरण के लिए नहीं, घर की बचत और ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। छोटे कदम आज लें, बड़ा फर्क कल दिखेगा।

28 नवंबर 2024 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

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TotalEnergies के सीईओ पैट्रिक पुइयाने ने यह स्पष्ट किया है कि अडानी ग्रीन एनर्जी परियोजना में निवेश को रोकने का निर्णय, एक अमेरिकी रिश्वतखोरी मामले के कारण लिया गया है, जिसका कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह निर्णय एहतियात के तौर पर लिया गया है और अडानी के खिलाफ किसी भी गलत काम का संकेत नहीं है। कंपनी का लक्ष्य 2030 तक 100 GW नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करना है।

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