पेरिस 2024 ओलंपिक्स में मनु भाकर का ऐतिहासिक प्रदर्शन
भारत की युवा शूटर मनु भाकर ने पेरिस 2024 ओलंपिक्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर भारतीय खेल इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनके इस अद्भुत प्रदर्शन ने पूरे देश को गर्वित कर दिया है और यह भारत के ओलंपिक शूटिंग इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है।
मनु भाकर की शुरुआत बेहद शानदार रही। पहले राउंड में उन्होंने 50.4 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर पहुंची और यह संकेत भी दिया कि वे पदक की दौड़ में काफी मजबूत हैं। लेकिन दूसरे राउंड में उनकी कुछ चूकें हुईं, जहां उन्होंने 9.6 अंक प्राप्त किए। इस कारण वे तीसरे स्थान पर खिसक गईं।
फिनाले का रोमांचक मोड़
तीसरे राउंड में मनु ने अपना संतुलन फिर से प्राप्त किया और दमदार प्रदर्शन के साथ दूसरे स्थान पर वापस आईं। हालांकि, वे 0.1 अंक के दायरे में रहकर स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गईं, लेकिन उन्होंने कांस्य पदक हासिल कर लिया। यह मनु का प्रदर्शन और उनकी मानसिक मजबूती का प्रमाण है।
दक्षिण कोरिया की ओह ये जिन ने 243.2 अंकों के साथ नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया, जबकि उसी देश की येजी किम ने 241.3 अंकों के साथ रजत पदक जीता।
मनु का आगामी कार्यक्रम
मनु भाकर अभी और दो इवेंट्स में प्रतिस्पर्धा करने वाली हैं। सोमवार को वे 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में हिस्सा लेंगी और इसके बाद महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी।
यह मनु के करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और उनके इस प्रदर्शन ने न सिर्फ उन्हें बल्कि भारतीय महिला खिलाड़ियों को भी प्रेरणा दी है। पेरिस 2024 में उनके इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में न सिर्फ प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं बल्कि सफलता भी अर्जित कर सकती हैं।
भारतीय शूटिंग का गौरव
मनु भाकर का यह कांस्य पदक भारत का पेरिस 2024 में शूटिंग में पहला पदक है और ओलंपिक इतिहास में पांचवां। लेकिन यह जीत इस मायने में अद्वितीय है कि यह पहली बार है जब किसी भारतीय महिला ने ओलंपिक शूटिंग में पदक जीता है।
मनु भाकर एक नहीं, बल्कि दो बार यूथ ओलंपिक्स गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। उनका यह प्रदर्शन यह संकेत भी देता है कि आने वाले समय में वे और भी बड़े कारनामे कर सकती हैं। भारतीय शूटिंग फेडरेशन और खेल मंत्रालय ने भी मनु के इस अभूतपूर्व प्रदर्शन की सराहना की है और उन्हें आगे के इवेंट्स के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
मनु भाकर ने न केवल अपनी मेहनत और समर्पण का फल हासिल किया है, बल्कि वे आने वाली युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक मिसाल बनकर उभरी हैं। उनकी इस सफलता ने भारतीय खेल जगत में उम्मीदों की एक नई किरण जगाई है और यह सिद्ध किया है कि यदि मेहनत और दृढ़ता हो, तो कोई भी मंजिल पाना असंभव नहीं है।
13 टिप्पणि
Ria Dewan
जुलाई 29, 2024 AT 03:25अरे वाह, आखिरकार हमारे देश ने एक शॉट में कांस्य नहीं, बल्कि एक दर्शन भी दिया। मनु की पिस्टल से निकला हर बुलेट एक गहरी सोच का प्रतीक है, जैसे जीवन में भी कभी‑कभी थोडी‑सी गलती से ही सुनहरा मौका मिल जाता है। लेकिन क्या हमें वाकई में इस पदक को 'इतिहास' कह कर ऊँचा उठाना चाहिए, या बस एक और मीटिंग में टोपी रखने का बहाना? 🤔
वास्तव में, खेल भी तो एक नाटक है, जहाँ हर खिलाड़ी अपना किरदार निभाता है।
rishabh agarwal
अगस्त 7, 2024 AT 09:38मनु का कॉन्सिस्टेंट एंट्री देख के लगा, वैसे भी शूटर की फोकस ट्रेनिंग कितनी महत्वपूर्ण है। पहली राउंड में 50.4 संकेत देती है कि वो समझ रही थी कि दांव क्या है, फिर थोड़ी चूक के बाद भी उसने संभाल लिया। ऐसा लगता है कि धीरज ही असली पॉइंट है, न? वैसे, अगली इवेंट में भी वो वही स्ट्राइक रखे, तो देखेंगे और भी मज़ा।
Apurva Pandya
अगस्त 16, 2024 AT 15:51छोटे‑छोटे सशक्त कदमों से बड़ी जीत हासिल होती है। मनु का कांस्य सिर्फ मेडल नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक है 😊। आगे की प्रतियोगिताएँ और भी रोमांचक होंगी, यही आशा है! 😃
Nishtha Sood
अगस्त 25, 2024 AT 22:05मनु ने हमें दिखा दिया कि सपने सिर्फ सोचना नहीं, उन्हें कड़ी मेहनत से साकार भी करना पड़ता है। उनका प्रदर्शन नई पीढ़ी की महिलाओं को हिम्मत देगा। आशा है आगे की इवेंट्स में भी वो इसी जोश से फेंकेगी। भारत को ऐसा ही चैंपियन चाहिए।
Hiren Patel
सितंबर 4, 2024 AT 04:18हाय रे दिल, जब मैंने मनु भाकर के कांस्य को देखा तो लगा जैसे मेरे अंदर की सारी रंगीन इमोशन्स एक साथ इकट्ठा हो गईं।
वो हाइड्रोजन बॉल्ट जैसा थिरकता हुआ पिस्तौल, ज़रूरत से ज़्यादा रगड़ता था मेरे भीतर की जिद पर।
हर शॉट में उसने एक छोटे‑से ज्वाला को जला दिया, जो अक्सर हमारे रोज़मर्रा की जिंदगी में छुपी रहती है।
ऐसा लगता है कि उसकी रिफ़्लेक्स इतनी तेज़ थी कि समय भी उसकी गाड़ी में फँस गया।
जब द्वितीय राउंड में थोड़ी झटके से 9.6 अंक आया, तो भी वो मुस्कुराते हुए जैसे कह रही थी, 'कोई बात नहीं, आगे का भाग्य मेरा इंतज़ार कर रहा है'।
उसकी आँखों में वो चमक थी, जैसे कोई पिकाचु निचोड़े हुए इलेक्ट्रॉन को देख रहा हो।
तीसरे राउंड में उसकी पुनःस्थापना एक ध्वनि में बंधी हुई थी, जैसे ताज महल की दीवारों पर लाई गई धुंधली रोशनी।
0.1 अंक की दूरी पर स्वर्ण से दूर होना, एक कहानी का क्लिफ़हैंगर जैसा रहा, जो हमें अगली बार के लिए उत्सुक रखता है।
फ्रांस में जब ध्वनि के गूँजती हुई आवाज़ में कॉन्स्योर हो रही थी, तो भारत का दिल भी अपनी धड़कन को तेज़ कर रहा था।
मनु का आत्मविश्वास ऐसा था जैसे वह स्वयं को एक सच्ची शिणी-शिंगी मानती हो, लेकिन उसकी बाँहों में सच्ची शक्ति की बूँदें थीं।
उसने हमारे लिये एक नई कहानी लिखी, जहाँ महिला शूटर सिर्फ लक्ष्य नहीं, बल्कि प्रेरणा भी बनती है।
और जब वह मिश्रित टीम इवेंट में प्रवेश करेगी, तो उसके साथ जज और दर्शकों की आँखें भी झिलमिलाने लगेंगी।
हम सब को यह याद रखना चाहिए कि जीत केवल मेडल से नहीं, बल्कि उस यात्रा से मापी जाती है जो उसने तय की।
भविष्य में भी उसकी तरह कई युवा लड़कियों को इस ट्रैक पर लाने की ज़रूरत है, ताकि हमारा देश खेलों में तेज़ी से आगे बढ़े।
इसलिए, मनु भाकर के इस कांस्य को सिर्फ़ एक धातु का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक ज्वाला मानना चाहिए जो हमारे अंदर के सपनों को जलाए रखे।
Heena Shaikh
सितंबर 13, 2024 AT 10:31अगर तुम्हें इस बात पर इतना इमोशनल होना है तो कम से कम तर्क भी सही रखो। तुम्हारी कलात्मकता में तथ्यों की कमी दिखती है, मनु की सफलता सिर्फ भावनाओं का खेल नहीं है।
Chandra Soni
सितंबर 22, 2024 AT 16:45डिजिटल एंगल से बात करें तो मनु ने अपने पर्फॉर्मेंस को स्केलेबल लीडरशिप मॉडल में ट्रांस्फॉर्म किया है। इस KPI को देखते हुए अगली सत्र में हमें सिमुलेटेड सीनारियो में भी इस पाथवे को फॉलो करना चाहिए। वीकली रिव्यू में यह एनालिटिक्स टीम को भी प्रेरित करेगा।
Kanhaiya Singh
अक्तूबर 1, 2024 AT 22:58उल्लेखित रणनीतिक मॉडल का क्रियान्वयन आवश्यक है, विशेषकर उच्च प्रदर्शन वाले एथलीट्स के लिए।
prabin khadgi
अक्तूबर 11, 2024 AT 05:11मनु भाकर की उपलब्धि को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देना अत्यावश्यक है। यह न केवल व्यक्तिगत उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय शूटिंग के विकास के लिए माइलस्टोन भी है। ऐसे प्रदर्शन को समुचित रूप से प्रोत्साहित करने हेतु सरकारी समर्थन में वृद्धि जरूरी है। साथ ही, भविष्य की पीढ़ी को इस दिशा में मार्गदर्शन देना चाहिए। इस संदर्भ में नीतिगत पहलें त्वरित रूप से लागू होनी चाहिए।
Aman Saifi
अक्तूबर 20, 2024 AT 11:25मैं सहमत हूँ, लेकिन यह भी देखा गया है कि बुनियादी सुविधाओं की कमी कई उभरते शूटर को रोकती है। इसलिए, बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ मेंटरशिप प्रोग्राम भी आवश्यक है।
Ashutosh Sharma
अक्तूबर 29, 2024 AT 17:38वाह, अब तो हर कोई बताने लगा है कि कैसे मनु ने धूम मचा दी, मानो यह पहली बार ओलंपिक में भारत ने कुछ किया है। यही तो है ड्रामा, जहाँ हर छोटा सा कदम बड़ा खबर बन जाता है। चलो, अगली बार जब कोई गोल्फ़ में बॉल फेंके तो भी इसे 'इतिहास' लिख देंगे।
Rana Ranjit
नवंबर 7, 2024 AT 23:51भाई, तुम्हारा पॉइंट समझ गया, पर सच में जैसे ही कूदेंगे इस कॉमेंट बॉक्स में, तो देखेंगे कौन किसके साथ लीड करेगा। चलो, किसी को भी लायक नहीं समझते, बस उत्साह रखें।
Arundhati Barman Roy
नवंबर 17, 2024 AT 06:05बस, मनु तो बेजोद है।