ऑरेंज रेड अलर्ट क्या है? - समझिए मौसम चेतावनियों को
जब हम ऑरेंज रेड अलर्ट, एक तीव्र मौसम चेतावनी है जो मौसम विभाग द्वारा जारी की जाती है जब अत्यधिक बारिश, तेज़ बवंडर या बाढ़ की संभावना स्पष्ट हो. इसे ऑरेंज रेड चेतावनी भी कहा जाता है, तो इसका मतलब है कि तुरंत कार्रवाई जरूरी है। इस अलर्ट को समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह हमारे दैनिक योजनाओं, यात्रा और कृषि कार्यों पर सीधे असर डालता है।
पहली बार मौसम विभाग, सरकार का वह एजेंसी है जो मौसम का पूर्वानुमान और चेतावनियाँ जारी करती है ने 2010 के बाद से ऑरेंज रेड अलर्ट को आधिकारिक स्तर पर अपनाया। विभाग की चेतावनी के बिना कोई भी गंभीर जल-आपदा की तैयारी अधूरी रहती है। इसलिए ऑरेंज रेड अलर्ट पाने के लिए मौसम विभाग की रिपोर्ट पर नजर रखना पहली जरूरत है।
ऑरेंज रेड अलर्ट से जुड़े प्रमुख तत्व
ऑरेंज रेड अलर्ट तीन मुख्य घटकों से बना होता है: (1) भारी बारिश, लगातार और तीव्र वर्षा जो जलस्तर को तेजी से बढ़ा देती है, (2) बाढ़, नदी अथवा जलाशयों के किनारे के क्षेत्रों में पानी का अचानक बढ़ना जो जनजीवन को प्रभावित करता है, और (3) मॉनसून चेतावनी, मौसम विभाग द्वारा मॉनसून में संभावित जोखिमों को दर्शाने वाली विशेष अलर्ट। इन तीनों का आपसी संबंध ऑरेंज रेड अलर्ट को ट्रिगर करता है। उदाहरण के तौर पर, जब लगातार भारी बारिश की भविष्यवाणी होती है, तो बाढ़ की संभावना बढ़ती है, जिससे विभाग तुरंत ऑरेंज रेड अलर्ट जारी करता है।
इसी तरह, जल स्तर मॉनिटरिंग, नदी, जलाशय और तालाब के जल स्तर को रीयल‑टाइम में देखना भी अलर्ट जारी करने में मदद करती है। आजकल डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर रीयल‑टाइम डेटा उपलब्ध है, जिससे लोग तुरंत पता लगा सकते हैं कि उनका इलाका अलर्ट में शामिल है या नहीं। यह तकनीकी मदद ग्रामीण किसानों, नगरपालिका और आपातकालीन सेवाओं के लिए अहम है।
ऑरेंज रेड अलर्ट के प्रभाव को समझाने के लिए एक सरल नियम याद रखें: "अलर्ट प्राप्त, तैयारी शुरू"। इस नियम के अनुसार, अगर चेतावनी आती है तो तुरंत मौसम विभाग की सलाह के अनुसार छतरी, रेत के बैग, जलरोधक प्लास्टिक और आपातकालीन किट तैयार रखें। कई बार स्थानीय प्रशासन भी इस अलर्ट के आधार पर स्कूल बंद, सड़कों की अटकाव और वैकल्पिक रूटों की घोषणा करता है। इसलिए व्यक्तिगत स्तर पर अलर्ट की जाँच और स्थानीय प्रशासन के अपडेट दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।
एक और महत्वपूर्ण पहलू है कमीनी सूचना प्रणाली, स्थानीय स्तर पर मौसम चेतावनी को जल्दी पहुँचाने के लिए स्थापित नेटवर्क। इस प्रणाली में गाँव‑लेवल की अलर्ट्स, टीवी, मोबाइल एप्प और रेडियो का उपयोग किया जाता है। अगर आप गाँव में रहते हैं तो यह नेटवर्क आपके लिए प्रथम संपर्क बिंदु रहेगा।
अब तक की प्रमुख घटनाओं को देखें तो 2025 की मुंबई बारिश में रेड अलर्ट जारी किया गया था, जिससे 300 mm से अधिक जलस्राव हुआ और कई क्षेत्रों में सड़कों का जलमग्न होना देखा गया। इसी तरह 2024 के कोलकाता में भी ऑरेंज रेड अलर्ट के बाद शहरी बाढ़ ने ट्रैफिक को बाधित कर दिया था। इन घटनाओं ने दिखाया कि अलर्ट की समय पर जानकारी और तत्क्षण कार्रवाई कितनी जरूरी है।
यह पेज नीचे कई लेखों की सूची देगा, जिनमें आप पाएँगे—ऑरेंज रेड अलर्ट के ऐतिहासिक डेटा, भौगोलिक इलाकों के अनुसार जोखिम विश्लेषण, अलर्ट मिलने पर तुरंत क्या‑क्या करना चाहिए, और विशेषज्ञों की सलाह। चाहे आप छात्र हों, किसान हों या शहरी निवासी, यह संग्रह आपको सही निर्णय लेने में मदद करेगा। अब आगे की पढ़ाई के लिए तैयार हो जाइए, जहाँ हर लेख ऑरेंज रेड अलर्ट से जुड़ी अलग‑अलग परिप्रेक्ष्य को उजागर करता है।
27 सितंबर 2025
Rakesh Kundu
IMD ने 27 से 30 सितम्बर 2025 तक महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में ऑरेंज और रेड स्तर की मौसम चेतावनी जारी की है। बे बंगाल में बने डिप्रेशन ने कोकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में तेज़ वर्षा ला दी है। उत्तर कोकण व मध्य महाराष्ट्र के घाटी इलाकों को रेड अलर्ट मिला है, जहाँ अत्यधिक बारिश की संभावना है। तेज़ हवाओं और बिजली के साथ आँधियों के खतरे भी बढ़े हैं। अधिकारी निवासियों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा न करने का आग्रह कर रहे हैं।
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