IMD ने महाराष्ट्र में भारी बारिश का ऑरेंज‑रेड अलर्ट जारी किया: 27‑30 सितम्बर तक चेतावनी
27 सितंबर 2025 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

मौसम चेतावनी का विस्तृत विवरण

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज 27 सितम्बर को जारी किए गये प्रेस रिलीज़ नंबर 4 के तहत महाराष्ट्र में गंभीर मौसम चेतावनियों को लागू किया है। बे बंगाल में बने एक डिप्रेशन ने दक्षिण ओडिशा के तट को पार करके पश्चिम की ओर बढ़ते हुए राज्य के मौसम को अत्यधिक प्रभावित किया है। इस सिस्टम के कारण कोकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में 27 सितम्बर से ऑरेंज अलर्ट जारी है, जबकि 28 सितम्बर को उत्तर कोकण व मध्य महाराष्ट्र के घाटी क्षेत्रों को रेड अलर्ट मिल गया है।

डिप्रेशन से जुड़े ट्रॉफ ने ओडिशा के भीतर से गोआ तक एक लंबी धुरी बना ली है, जो तेलंगाना और उत्तर कर्नाटक के भीतर 3.1 से 4.5 किलोमीटर की ऊँचाई पर चल रही है। यह ऊँची परतें वायुमंडलीय स्थिति को अस्थिर कर रही हैं और भारी वर्षा को ट्रिगर कर रही हैं।

IMD ने बताया कि उत्तर कोकण व आसपास के घाटी इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है, जहाँ कुछ स्थानों पर सिर्फ कुछ मिनटों में तेज़ बाढ़ आ सकती है। मराठवाड़ा व मध्य महाराष्ट्र के बड़े हिस्सों में भी व्यापक रूप से भारी‑बहुत भारी बारिश होगी, जबकि कोकण में स्थान‑स्थान पर तीव्र बौछारें हो सकती हैं।

भारी बारिश के साथ-साथ 40‑50 kmph की हवाएँ 60 kmph तक की झटकों के साथ चलेंगी, विशेषकर दक्षिण महाराष्ट्र‑गोआ तट के पास। इस दौरान कई जगहों पर थंडरस्टॉर्म, बिजली गिरना और 30‑40 kmph की झोंके वाली तेज़ हवाएँ भी देखी जाएँगी।

प्रभावित क्षेत्रों में संभावित नुकसान और सतर्कता उपाय

प्रभावित क्षेत्रों में संभावित नुकसान और सतर्कता उपाय

सतर्कता की बात करें तो पहली प्राथमिकता है स्थानीय स्तर पर मौसम के अपडेट को लगातार देखना। IMD ने कहा है कि बरसात के चरम समय में अनावश्यक यात्रा से बचें और विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में ड्राइविंग से बचें। यदि आप घर में हैं तो दरवाज़े व खिड़कियों को मजबूती से बंद रखें और बिजली गिरने की स्थिति में पानी के निकास की जाँच कर लें।

कृषि क्षेत्र में किसान भाइयों को फसलों को सुरक्षित करने के लिए त्वरित कदम उठाने चाहिए। हल्का‑भारी पानी निचले खेतों में पानी जमा कर सकता है, जिससे फसल पर नुकसान हो सकता है। किसानों को जल निकासी के लिए खाई या टॉले बनाकर फसलों को बचाने की सलाह दी गई है।

जैविक एवं शहरी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति में जलस्रोतों में गंदा पानी मिल सकता है, इसलिए घर में पेयजल के बजाय बोतल बंद जल का उपयोग करना सुरक्षित रहेगा। आपातकालीन स्थितियों में स्थानीय प्रशासन के पास जल और बिजली कटौती की सूचना देना न भूलें।

संकट प्रबंधन बल की प्रतिक्रिया टीम पहले से तैयार है और प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत मदद पहुँचाने के लिए तैनात होगी। अस्पतालों को भी आपातकालीन ऑपरेशन रूम तैयार रखे गए हैं, ताकि दावेदारों को तुरंत उपचार उपलब्ध हो सके।

संक्षेप में, इस भारी बारिश के कारण 27‑30 सितम्बर के दौरान महाराष्ट्र में कई जिलों में जलमान में तेज़ी से वृद्धि होगी, जो नदियों, जलाशयों और नाली प्रणाली को दबाव में डाल सकती है। इसलिए, सभी नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें, स्थानीय लिंकन के साथ संपर्क में रहें और सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।