विशेष विवाह अधिनियम 1954: क्या है और किसे लेना चाहिए?

क्या आपकी शादी अलग धर्म या अलग राज्य के बॉर्डर पार होती है? अगर हाँ, तो विशेष विवाह अधिनियम 1954 आपके लिए सबसे आसान और सुरक्षित रास्ता है। यह एक सेकुलर कानून है जो बिना धर्म परिवर्तन के शादी पंजीकृत कराता है और पूरे भारत में मान्य रहता है।

मुख्य शर्तें और रोक

यहाँ वे जरूरी बातें हैं जो आपको जाननी चाहिए: उम्र — पुरुष कम से कम 21 और महिला कम से कम 18 साल होनी चाहिए; दोनों पक्ष पहले से विवाहित नहीं होने चाहिए; दोनों की मंशा (मनोवृति) स्वतंत्र और स्वैच्छिक होनी चाहिए; नजदीकी रक्त संबंध (प्रोहीबिटेड रिलेशनशिप) के नियम लागू होते हैं। मानसिक क्षमता भी महत्वपूर्ण है — दोनों को समझदारी से सहमति देनी चाहिए।

रजिस्ट्रेशन की सरल प्रक्रिया

प्रक्रिया साफ और सीधी है। सबसे पहले आप अपने नज़दीकी Marriage Officer के पास 30 दिन का नोटिस देते हैं। नोटिस प्रकाशित होता है और 30 दिनों का इंतजार रहता है ताकि कोई आपत्ति दर्ज कर सके। अगर कोई आपत्ति आती है, तो अधिकारी उसे जाँचेंगे और जरूरत पड़े तो कोर्ट का रुख करना पड़ सकता है। आपत्ति न होने पर घोषित तारीख पर विवाह अधिकारी के सामने दोनों पक्ष और 3 गवाहों की मौजूदगी में शादी पूरी होती है और तुरंत ही विवाह पंजीकृत किया जा सकता है।

जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट रखें — यह काम काफी आसान कर देगी:

  • पहचान प्रमाण: आधार/पासपोर्ट/मतदाता पहचान पत्र
  • उम्र का प्रमाण: जन्म प्रमाण पत्र/10वीं मार्कशीट/पासपोर्ट
  • पता प्रमाण: किसी भी सरकारी दस्तावेज से
  • अविवाहित होने का हलफनामा (Affidavit)
  • पहले विवाह के टूटने पर तलाक़ पत्र या पति/पत्नी की मौत का प्रमाण
  • पासपोर्ट साइज फोटो और तीन गवाहों की आईडी/फोटो

टिप: दस्तावेज़ों की नकलों को सत्यापित (self-attested) कर के ले जाएँ। कुछ जिलों में ऑनलाइन नोटिस भरने का विकल्प भी मिलता है — इससे समय बचता है।

क्यों चुनें यह रास्ता? निफ्टी फायदे हैं — धर्म बदलने की ज़रूरत नहीं, दोनों पक्षों के लिए समान कानूनी अधिकार, पासपोर्ट/विसा/प्रॉपर्टी वसीले में आसान मान्यता, और बच्चों की वैधता पर कोई विवाद नहीं रहता।

एक आम सवाल: अगर कोई आपत्ति कर दे तो क्या होगा? अधिकारी आपत्ति की जांच करेंगे; वैधता न होने पर शादी रोकी जा सकती है। ऐसे मामलों में कोर्ट से राहत माँगना पड़ता है — इसलिए दस्तावेज़ साफ और प्रमाणिक रखें।

अंत में, अगर आपकी शादी इंटरफेथ, अंतरराज्यीय या सिविल तरीके से करना चाहते हैं, तो विशेष विवाह अधिनियम 1954 सबसे भरोसेमंद विकल्प है। तैयारी कर लें, नोटिस दे दें और शादी के दिन आवश्यक लोग साथ हो तो रजिस्ट्रेशन जल्दी निपट जाएगा।

23 जून 2024 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

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