किसान प्रदर्शन पर कंगना रनौत के बयान पर राहुल गांधी ने की तीव्र आलोचना, बीजेपी ने लगाई फटकार
27 अगस्त 2024 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

किसान प्रदर्शन पर कंगना रनौत के बयान पर राहुल गांधी की तीव्र प्रतिक्रिया

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के हालिया बयान की तीव्र आलोचना की है। राहुल गांधी ने इस बयान को किसानों के प्रति अपमानजनक करार दिया और कहा कि ये मोदी सरकार की प्रचार मशीनरी का हिस्सा है। कंगना रनौत ने हाल ही में कहा था कि अगर सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाए होते, तो किसान प्रदर्शन से बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी।

कंगना के आरोप

कंगना ने आरोप लगाया था कि किसान प्रदर्शन के दौरान 'लाशें लटकी मिल रही थीं और बलात्कार हो रहे थे'। उन्होंने यह भी दावा किया था कि विदेशी शक्तियां और स्वार्थी तत्व इस प्रदर्शन को जारी रखने के लिए जिम्मेदार थे।

राहुल गांधी का विरोध

राहुल गांधी ने कंगना के इन बयानों को भाजपा की 'किसान विरोधी नीतियों' का एक और उदाहरण बताया और सरकार पर किसानों के वादे पूरे न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान गठित सरकारी समिति अभी तक निष्क्रिय है और शहीद किसानों के परिवारों को कोई राहत नहीं दी गई है। किसानों ने 378 दिनों तक संघर्ष किया, जिसमें कई किसानों ने बलिदान भी दिया, लेकिन सरकार ने अब तक उनके दुखों का निवारण नहीं किया है।

बीजेपी की प्रतिक्रिया

कंगना रनौत के इस बयान के बाद भाजपा ने उन्हें फटकार लगाई। पार्टी ने कहा कि कंगना को पार्टी नीति मामलों पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है और उन्हें भविष्य में ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दी गई। यह घटना कंगना रनौत की अन्य विवादास्पद टिप्पणियों की कड़ी में एक और अध्याय है। हाल ही में एक घटना में एक सीआईएसएफ कांस्टेबल ने कथित तौर पर किसान प्रदर्शन पर उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए उन पर थप्पड़ भी मारा था।

किसानों के प्रति भाजपा सरकार की नीतियों और उनकी स्थिति पर आम जनता में भिन्न-भिन्न विचार हैं। जहां एक ओर समर्थक सरकार की नीतियों का समर्थन करते हैं, वहीं दूसरी ओर विरोधी इसे किसानों के हितों के खिलाफ मानते हैं।

राहुल गांधी ने अपनी आलोचना में कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में निकाले गए इस लंबे अभियान को केवल भाजपा सरकार के हठधर्मिता और असंवेदनशीलता के कारण ही जिंदा रखा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की आँखों में आँसू और हृदय में दुख था, बावजूद इसके वे संघर्षरत रहे और अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहे।

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों ने अपना जीवन भी खोया। उनकी शहादत को याद करते हुए, राहुल ने मांग की कि सरकार शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा दे और इस दिशा में ठोस कदम उठाए।

किसान आंदोलन का प्रभाव

किसान आंदोलन का भारतीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह आंदोलन भाजपा सरकार की नीतियों और उनके कार्यान्वयन के तरीके पर सवाल उठाता है। राहुल गांधी ने इसे किसानों के संघर्ष का प्रतीक बताया और कहा कि यह उन सभी की जीत है जिन्होंने अपनी आजीविका और अधिकारों की लड़ाई लड़ी।

यह देखना महत्वपूर्ण है कि किसान आंदोलन और इससे जुड़े विवाद किस दिशा में जाएंगे और सरकार किस तरह इसे संभालेगी। सबसे महत्वपूर्ण है कि सरकार ऐसी नीतियाँ बनाए और लागू करे जो किसानों के हितों की रक्षा करें और उनके जीवन को बेहतर बना सकें।

सभी राजनीतिक दलों और नेताओं को मिलकर ऐसे मुद्दों पर खुली एवं रचनात्मक चर्चा करनी चाहिए ताकि देश के किसानों का भविष्य सुरक्षित रह सके और वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। यह वक्त है जब किसानों की आवाज को गंभीरता से सुना जाना चाहिए और उनके मुद्दों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।