तमिलनाडु: कल्लाकुरिची में ज़हरीली शराब से अब तक 37 मौतें, पुलिस की लापरवाही आई सामने
21 जून 2024 0 टिप्पणि राहुल तनेजा

कल्लाकुरिची में ज़हरीली शराब त्रासदी: लापरवाही की भारी कीमत

तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में ज़हरीली शराब सेवन से मरने वालों की संख्या 37 पहुंच चुकी है, जबकि 14 अन्य लोग अभी भी जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहे हैं। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। शुरुआती जाँच से यह स्पष्ट हुआ है कि इस व्यापक त्रासदी का प्रमुख कारण क्षेत्र में अवैध शराब की बेरोकटोक बिक्री थी, जिसे स्थानीय पुलिस ने नजरअंदाज किया था।

घटना का विवरण और पीड़ितों का हाल

जानकारी के मुताबिक, अधिकांश पीड़ित दिहाड़ी मजदूर थे जिन्होंने दो अलग-अलग झोंपड़ियों से शराब खरीदी थी। शराब पीने के बाद उन्हें आँखों में जलन और पेट दर्द की शिकायत हुई जो बाद में जानलेवा साबित हुई। इस त्रासदी का सबसे पहला शिकार प्रवीण था, जो 18 जून को अस्पताल में भर्ती हुआ और उसकी हालत बिगड़ती चली गई। प्रवीण के रिश्तेदार सुरेश की भी इसी तरह से मृत्यु हुई। अन्य पीड़ितों में पी जगतीसन, एस वदिवुक्कराजी, आर सुरेश, आर मुरुगन, पी धनकोड़ी, आर कुप्पुसामी, के रामाकृष्णन, आर लक्ष्मी, जी सुब्रमानी, सी आनंदन, के शेखर, डी सुरेश, जी प्रवीण कुमार और पी सुब्रमानी शामिल हैं।

सरकारी कार्रवाई और प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस दुखद घटना की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीबीसीआईडी) से कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके साथ ही, जिले के पुलिस अधीक्षक समय सिंह मीना को निलंबित कर दिया गया है और कल्लाकुरिची के कलेक्टर श्रवण कुमार जातवात का तबादला कर दिया गया है।

अवैध शराब के खिलाफ सरकारी कदम

तमिलनाडु सरकार ने कल्लाकुरिची जिले के पूरे निषेध पुलिस बल को भी स्थानांतरित कर दिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अवैध शराब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और गहन निषेध छापेमारी करने के निर्देश दिए हैं।

अवैध शराब का खतरनाक प्रभाव

अवैध शराब का खतरनाक प्रभाव

अवैध शराब की बिक्री और सेवन से यह पहली बार नहीं हुआ है कि किसी राज्य में इतनी बड़ी त्रासदी सामने आई हो। ज़हरीली शराब का सेवन अत्यधिक खतरनाक हो सकता है क्योंकि इसमें मिथेनॉल जैसी हानिकारक रसायन मिलाए जाते हैं। मिथेनॉल का सेवन करने से दृष्टि हानि, अंग विफलता और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। इस प्रकार के हादसों से यह स्पष्ट होता है कि अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए सख्त कानून और उसकी प्रभावी कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता है।

समाज की भूमिका और जागरुकता

समाज की भूमिका और जागरुकता

इस घटना ने स्थानीय समाज और प्रशासनिक तंत्र के बीच सामंजस्य स्थापित करने के महत्व को भी उजागर किया है। अवैध शराब से संबंधित जानकारी को प्रशासन तक पहुंचाने में समाज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसके अलावा, जनसाधारण को अवैध शराब के खतरों के बारे में व्यापक और सतर्क जानकारी प्रदान करना भी आवश्यक है।

अंततः, केवल सख्त कानून और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से ही हम इस तरह की दुखद घटनाओं को रोक सकते हैं। समाज और प्रशासन दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे ऐसे खतरों से बचने के लिए मिलकर काम करें।

राहुल तनेजा

राहुल तनेजा

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

एक टिप्पणी लिखें