भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2 दिसंबर, 2025 को दोपहर 2:45 बजे जारी राष्ट्रीय बुलेटिन नंबर 50 में उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी तट के 25 किमी दूर स्थित एक निम्न दबाव के बारे में लाल चेतावनी जारी की। यह निम्न दबाव, जो चक्रवात डिटवाह का शेष भाग है, धीरे-धीरे दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और 2 दिसंबर की शाम तक अपनी तीव्रता बनाए रखने की संभावना है। इसके आसपास के क्षेत्रों में हवाएँ 45-55 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं, जो कभी-कभी 65 किमी/घंटा तक पहुँच सकती हैं। यह तूफानी हवाएँ दक्षिणी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही हैं।
भारी बारिश का खतरा: तमिलनाडु और पड़ोसी राज्य
IMD के अनुसार, 2 दिसंबर को उत्तरी तटीय तमिलनाडु में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ कुछ अलग-अलग जगहों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। 3 दिसंबर को भी यहाँ अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है। पुडुचेरी और करैकल में पहले से ही कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई है। दक्षिणी आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भी 2 दिसंबर को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की उम्मीद है। केरल में दोनों दिनों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
IMD के ट्विटर अकाउंट @Indiametdept ने 2 दिसंबर को एक ट्वीट में कहा: "एक निम्न दबाव 2-3 दिसंबर को तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश लाएगा। अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित रहें।" इससे पहले, विभाग ने तिरुवल्लूर, चेन्नई, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू जिलों के लिए लाल चेतावनी जारी की थी।
तमिलनाडु में जानबूझकर लापरवाही की कीमत
दिसंबर के शुरुआती दिनों में ही के.के.एस.आर. रामचंद्रन, आपातकाल प्रबंधन के राज्य मंत्री, ने 30 नवंबर, 2025 को बताया कि चक्रवात डिटवाह के कारण तमिलनाडु में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें बाढ़, बिजली के खंभों के गिरने और ढहते घरों के कारण हुईं। एक नौकर जिसका घर चेन्नई के एक आवासीय कॉलोनी में बारिश के बाद ढह गया, उसकी लाश तीन दिन बाद मिली। एक और व्यक्ति एक नहर में बह गया, जब वह अपनी गाड़ी को उतारने की कोशिश कर रहा था।
यहाँ तक कि अब भी, कई गाँवों में बिजली नहीं है, और बाढ़ के पानी में घुली अपशिष्ट सामग्री ने स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ा दिया है। एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने कहा, "हम अभी भी बुखार और डायरिया के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देख रहे हैं। ये बारिश के बाद आने वाले दिनों में बहुत बड़ी समस्या बन सकती है।"
दिल्ली की तरह देश का एक तरफ बारिश, दूसरी तरफ धुंध और प्रदूषण
इसी बीच, नई दिल्ली में 2 दिसंबर की सुबह धूप और शांति का माहौल था। तापमान 25.1°C तक पहुँचा, और रात को 16°C तक गिर गया। लेकिन हवा में धुंध का राज था — वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 336 पर रहा, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। यह सप्ताह का सबसे खराब स्तर था।
अन्य स्थानों पर भी तापमान लगभग 23-25°C के आसपास रहा। वेदर2ट्रैवल.कॉम के अनुसार, दिसंबर में दिल्ली में दिन में औसतन 23°C और रात में 8°C होता है। लेकिन इस बार बारिश की बजाय धुंध और प्रदूषण ने दिल्ली को घेर लिया। कुछ वेबसाइट्स ने दिसंबर में भारत के लिए 'बहुत गर्म' मौसम का अनुमान लगाया, लेकिन वास्तविकता दो अलग-अलग दुनियाओं की थी — एक ओर बारिश और बाढ़, दूसरी ओर धुंध और विषैली हवा।
अगले कदम: बचाव और तैयारी
राज्य सरकार ने अस्पतालों, राहत केंद्रों और राष्ट्रीय आपातकाल बलों को अलर्ट पर रखा है। चेन्नई में 12 अलग-अलग शिफ्ट में नागरिक सुरक्षा दल तैनात हैं। बच्चों और बुजुर्गों के लिए अस्थायी आश्रय बनाए गए हैं। लेकिन बहुत से लोग अभी भी अपने घरों में ही रहना चाहते हैं — क्योंकि उनके पास और कहीं जाने का विकल्प नहीं है।
IMD का अगला बुलेटिन 3 दिसंबर को सुबह 6 बजे जारी होगा। अगर निम्न दबाव अभी भी तट के करीब रहता है, तो तटीय जिलों में और भारी बारिश हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के घटनाक्रम अब अधिक आम हो रहे हैं — जिसका कारण बदलता जलवायु हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
चक्रवात डिटवाह क्या है और यह तमिलनाडु को कैसे प्रभावित कर रहा है?
चक्रवात डिटवाह एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात था जो दक्षिणी भारत के ऊपर से गुजरा और अब इसका शेष भाग एक निम्न दबाव के रूप में उत्तरी तमिलनाडु तट के पास घूम रहा है। इसके कारण चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जैसे जिलों में भारी बारिश और तूफानी हवाएँ आ रही हैं, जिससे बाढ़, घरों का ढहना और बिजली के खंभों का गिरना हो रहा है। इससे तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
लाल चेतावनी का मतलब क्या है और इसे कैसे लागू किया जा रहा है?
लाल चेतावनी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की सबसे उच्च स्तरीय चेतावनी है, जो अत्यधिक खतरे के संकेत देती है। इसके तहत राज्य सरकारें आपातकालीन टीमों को तैनात करती हैं, स्कूल बंद कर देती हैं, और तटीय क्षेत्रों में लोगों को आश्रय में ले जाने का आह्वान करती हैं। चेन्नई में अब 12 राहत केंद्र खुले हुए हैं, और अस्पतालों को आपातकालीन तैयारी के लिए निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली में बारिश क्यों नहीं हो रही, लेकिन प्रदूषण इतना बढ़ गया?
दिल्ली के लिए दिसंबर में बारिश कम होती है, और इस बार भी वर्षा नहीं हुई। लेकिन ठंड के कारण हवा धीमी हो गई है, जिससे धुएँ, धूल और वाहनों के निकास वायु में फंस गए हैं। इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों में खेतों में खलिहान जलाने की आदत भी प्रदूषण बढ़ा रही है। AQI 336 पर है, जो श्वास संबंधी बीमारियों के लिए खतरनाक है।
अगले 48 घंटों में क्या उम्मीद की जा सकती है?
IMD के अनुसार, 3 दिसंबर को तमिलनाडु के उत्तरी तट पर अभी भी भारी बारिश की संभावना है, लेकिन हवाओं की गति धीमी हो जाएगी। चेन्नई में बारिश शाम तक बंद हो सकती है, लेकिन जमा पानी का निकास धीमा होगा। दिल्ली में तापमान 24-25°C के आसपास रहेगा, लेकिन AQI अभी भी 'गंभीर' स्तर पर रह सकता है।
क्या यह घटना जलवायु परिवर्तन का परिणाम है?
वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में तापमान में वृद्धि और वायुमंडलीय नमी के बढ़ने के कारण चक्रवातों की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है। दिसंबर में इतनी भारी बारिश पिछले 20 वर्षों में दो बार ही हुई है — 2004 और 2018। यह एक बार फिर दर्शाता है कि भारत के तटीय क्षेत्र अब अधिक असुरक्षित हो रहे हैं।
1 टिप्पणि
Senthil Kumar
दिसंबर 3, 2025 AT 14:14बारिश के बाद जमा पानी में कीड़े आ गए हैं, घरों में मच्छर भर गए। बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। बस इतना कहना है - स्वास्थ्य टीमें अभी भी बहुत पीछे हैं।