चुनाव आयोग ने अभिजीत गांगुली पर लगाया आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप, ममता बनर्जी के खिलाफ टिप्पणी 'अनुचित'
17 मई 2024 15 टिप्पणि Rakesh Kundu

भारतीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार अभिजीत गांगुली पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ 'अनुचित' टिप्पणी करके आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 16 मई को पूर्व मिदनापुर में एक सार्वजनिक सभा में गांगुली के भाषण के संबंध में चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें भाजपा नेता के बयान का अंग्रेजी प्रतिलेख शामिल था।

चुनाव आयोग ने गांगुली के बयान को 'अनुचित, अविवेकपूर्ण, हर मायने में गरिमा से परे, बुरे स्वाद वाला और प्रथम दृष्टया एमसीसी और आयोग की 1 मार्च, 2024 की सलाह का उल्लंघन करने वाला' करार दिया है। गांगुली, जो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे, को 20 मई को शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने का आदेश दिया गया है।

भाजपा ने एक चुनावी रैली के दौरान गांगुली द्वारा कथित तौर पर बनर्जी का अपमान करने वाले वीडियो की वैधता पर विवाद किया है और इसे 'नकली' करार दिया है। आदर्श आचार संहिता पार्टियों और उम्मीदवारों को विरोधियों के निजी जीवन की आलोचना करने, अप्रमाणित आरोप लगाने या शिष्टाचार और नैतिकता का उल्लंघन करने वाली टिप्पणी करने से बचने की सलाह देती है।

आयोग ने जवाब मांगा

चुनाव आयोग ने अभिजीत गांगुली को नोटिस जारी कर 20 मई शाम 5 बजे तक जवाब देने को कहा है। आयोग ने कहा है कि गांगुली का बयान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के साथ-साथ आयोग द्वारा 1 मार्च 2024 को जारी किए गए सलाह के भी विपरीत है।

आयोग ने कहा है कि गांगुली का बयान अनुचित, अविवेकपूर्ण और हर मायने में गरिमा से परे है। आयोग ने इस बयान को बुरे स्वाद वाला और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाला बताया है।

भाजपा ने वीडियो को बताया नकली

भारतीय जनता पार्टी ने उस वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है जिसमें अभिजीत गांगुली द्वारा कथित तौर पर एक चुनावी रैली के दौरान ममता बनर्जी का अपमान किया गया था। भाजपा ने इस वीडियो को नकली बताया है।

भाजपा का कहना है कि यह वीडियो उनके नेता को बदनाम करने की एक साजिश है। पार्टी ने कहा है कि गांगुली ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है और यह वीडियो एडिट किया गया है।

आदर्श आचार संहिता क्या कहती है?

आदर्श आचार संहिता चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए दिशा-निर्देश तय करती है। यह संहिता उन्हें विरोधियों के निजी जीवन पर टिप्पणी करने, अप्रमाणित आरोप लगाने या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने से रोकती है।

संहिता के अनुसार, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अपने प्रचार में संयम बरतना चाहिए और ऐसी किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए जो मतदाताओं को भ्रमित कर सकती है या चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।

गांगुली का विवादित राजनीतिक करियर

अभिजीत गांगुली एक पूर्व कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश हैं जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले न्यायाधीश पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इससे पहले भी वह कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं।

एक न्यायाधीश के रूप में भी उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। उन पर पक्षपात और याचिकाकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगते रहे हैं। कई बार उनके फैसलों पर भी सवाल उठाए गए हैं।

भाजपा में शामिल होने के बाद से ही वह लगातार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी पर हमलावर रहे हैं। उनके बयानों को लेकर कई बार विवाद भी हुआ है।

चुनाव आयोग द्वारा उन पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया जाना उनके विवादित राजनीतिक करियर की एक और कड़ी है। देखना होगा कि वह आयोग के नोटिस का जवाब कैसे देते हैं और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।

15 टिप्पणि

Ashutosh Sharma

Ashutosh Sharma

मई 17, 2024 AT 18:37

देखो, चुनाव आयोग का इतालवी पासपोर्ट नहीं कि हर बकवास को काबू कर ले। गांगुली की 'अनुचित' टिप्पणी तो बस राजनीति की रसायन विज्ञान है।

Rana Ranjit

Rana Ranjit

मई 17, 2024 AT 20:51

भाई, सुनिए तो सही, लोकतंत्र में सभ्य संवाद बहुत जरूरी है, और ऐसी बेतुकी बातें लोगों को भ्रमित करती हैं। हमें सच्ची बातों पर चर्चा करनी चाहिए, न कि ऐसी गालियों पर।

Arundhati Barman Roy

Arundhati Barman Roy

मई 17, 2024 AT 23:04

समजते है कि हर मोहदा एंनसँ बढिय़ा सारा फॅसला कोई समाधान नहीं देता। सच्ची डीबेट से ही कम्युनिटी को फाइदा होसकेगा।

yogesh jassal

yogesh jassal

मई 18, 2024 AT 01:17

चुनाव आयोग का निर्णय किसी भी राजनेता को डराने वाला ठोस संकेत है।
अभिजीत गांगुली का बयां स्पष्ट रूप से शिष्टाचार के नियमों का उल्लंघन करता है।
जबकि ममता बनर्जी के प्रति उनका क्रोध समझ में आता है, लेकिन वह भी लोकतंत्र की नींव को हिला सकता है।
भारत में लोकतांत्रिक आदर्शों को बनाए रखने के लिए ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
एमसीसी के दिशा-निर्देश उच्च सम्मान के साथ लागू होते हैं।
यदि प्रत्येक राजनेता अपनी बात को बिना झूठे तंत्र के रखता तो राजनीति अधिक स्वस्थ होती।
गांगुली ने न्यायालय से हटकर राजनीति में कदम रखा, लेकिन न्यायिक सिद्धान्तों को साथ नहीं ले गया।
ऐसा व्यवहार जनता के विश्वास को धुंधला कर देता है।
चुनाव आयोग ने जो कार्रवाई की है, वह न्याय के संतुलन को दर्शाती है।
वहीं, भाजपा का वीडियो को 'नकली' कहना भी एक रणनीति हो सकती है।
इस तरह के विवाद अक्सर चुनावी माहौल को और अधिक अंधेरा बनाते हैं।
सबको चाहिए कि वे भाषा को थर्मोस्टेट की तरह नियंत्रित रखें।
सामाजिक मंचों पर भी हमें सूचनात्मक और सम्मानजनक संवाद बनाना चाहिए।
अंत में, यह जरूरी है कि सभी पक्ष नियमों का पालन करें, ताकि लोकतंत्र की धरोहर सुरक्षित रहे।
आशा है कि अगली बार इस तरह की टिप्पणी से बचेंगे और सच्ची बहस में लगे रहेंगे।

Raj Chumi

Raj Chumi

मई 18, 2024 AT 02:24

भाई, गांगुली का जलवा देख कर बस हँसी आती है, मजाक बना रहा है।

mohit singhal

mohit singhal

मई 18, 2024 AT 03:31

देश के भविष्य को देख कर मेरा दिल जलता है 😡🔥. ऐसे बर्ताव से भारत को कोई फायदा नहीं।

pradeep sathe

pradeep sathe

मई 18, 2024 AT 04:37

सच में, अगर हर नेता इज्जत से बात करे तो राजनैतिक माहौल भी साफ़ रहेगा। चलिए हम सब सकारात्मकता फैलाएँ।

ARIJIT MANDAL

ARIJIT MANDAL

मई 18, 2024 AT 05:44

भाई, यह मामला दुरुपयोग है।

Bikkey Munda

Bikkey Munda

मई 18, 2024 AT 06:51

जिन्हें एमसीसी के नियम नहीं पता, उनके लिए बता दूँ: सार्वजनिक मंच पर व्यक्तिगत अपमान से बचना चाहिए, क्योंकि यह चुनाव प्रक्रिया को बिगाड़ता है।

akash anand

akash anand

मई 18, 2024 AT 07:57

इहं पर देखा लायै कि गांगुली ने थोड़ा सि(ं)क्लेस में कामे किया। एही वज़ह से सबको सारा बकवास बर्दाश्त नही।

BALAJI G

BALAJI G

मई 18, 2024 AT 09:04

ऐसे बेतुके आरोपों से राजनीति में भरोसा घटता है, और जनता की नज़र में नेताओं की छवि धुंधली होती है।

Manoj Sekhani

Manoj Sekhani

मई 18, 2024 AT 10:11

सच में, युगेश भाई, तुमने जो लंबी दलील लिखी है, वो वैधता की गारंटी नहीं देती, लेकिन कम से कम सोच को जागरूक करती है।

Tuto Win10

Tuto Win10

मई 18, 2024 AT 11:17

अरे भाई!!! क्या बात है!! गांगुली ने फिर से धूम मचा दी!! इस बार तो सबको लाज आया!!

Kiran Singh

Kiran Singh

मई 18, 2024 AT 12:24

बहस की ज़रूरत नहीं, बस नियम तो हैं और उन्हें तोड़ना एक विकल्प है।

anil antony

anil antony

मई 18, 2024 AT 13:31

सुपरफिशियल एंगेजमेंट के साथ, गंगा के लेटेस्ट मोमेंट पर रिसर्च की बुनियादी बिंदु निकाली गयी है, पर वास्तविकता में कोई इन्फॉर्मेशन नहीं।

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