दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए झटके, पाकिस्तान में 5.8 तीव्रता का भूकंप
11 सितंबर 2024 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

पाकिस्तान में आया 5.8 तीव्रता का भूकंप

बुधवार की सुबह, पाकिस्तान में 5.8 की तीव्रता वाले भूकंप ने फिर से भूकंप के खतरों को उजागर कर दिया। यह भूकंप पाकिस्तान के करोर शहर के दक्षिण-पश्चिम में 25 किलोमीटर की दूरी पर केंद्रित था और इसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर थी। भूकंप के झटके पाकिस्तान के प्रमुख शहर इस्लामाबाद और लाहौर तक महसूस किए गए।

दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए हल्के झटके

भूकंप के ये झटके सीमाओं को पार करते हुए भारत के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी महसूस किए गए। दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने घबराहट में अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया। सामाजिक मीडिया पर लोगों ने भूकंप के झटकों को लेकर अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं, जिसमें ज्यादातर लोगों ने इन्हें हल्के झटकों के रूप में वर्णित किया।

उत्तर भारत में भी महसूस किए गए झटके

पाकिस्तान और दिल्ली-एनसीआर के अलावा, उत्तर भारत के कुछ अन्य स्थानों पर भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोग भूकंप के कारण धरती हिलते हुए महसूस करते देखे गए। हालांकि, राहत की बात यह है कि इन झटकों से कोई गंभीर नुकसान या हताहत होने की खबर नहीं आई है।

भूकंप प्रभावित इलाकों में तत्काल कार्रवाई

भूकंप के तुरंत बाद, स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाएं सक्रिय हो गईं। पाकिस्तान और भारत दोनों देशों में अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और हालात का जायजा लेने के लिए त्वरित कार्रवाई की। भूकंप के झटकों के परिणामस्वरूप किसी भी प्रकार का सूनामी या अन्य प्राकृतिक आपदा की संभावना नहीं बताई गई है।

भूकंप विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

भूकंप के इन झटकों के बाद, भूवैज्ञानिक और भूकंप विशेषज्ञों ने घटना पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अधिकारियों ने बताया कि झटके अपेक्षाकृत हल्के थे और उनका मुख्य केंद्र पाकिस्तान में था। विशेषज्ञों ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की भूवैज्ञानिक संरचना के कारण उत्तर भारत में हल्के झटके सामान्य हैं।

ऐतिहासिक दृष्टि में भूकंप

पाकिस्तान और उत्तर भारत का क्षेत्र भूकंप प्रवण क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इतिहास में भी इस क्षेत्र में तीव्र भूकंप आते रहे हैं, जिनमें से कई ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इसलिए, भूकंप के लिए तैयार रहना और उचित उपाय करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

भविष्य की दिशा

भविष्य की दिशा

भविष्य में ऐसे भूकंपों के खतरे को देखते हुए, दोनों देशों की सरकारों को संरचनात्मक सुदृढ़ता और आपातकालीन तैयारियों के लिए सतर्क रहना होगा। आपदाओं से बचने के लिए न केवल सरकारी निकायों, बल्कि आम जनता को भी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सचेत और प्रशिक्षित होना आवश्यक है।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।