जावेद हाबिब – ब्यूटी इन्साइट्स और भारत के ताज़ा समाचार
जब हम बात करते हैं जावेद हाबिब, भारत के सबसे प्रसिद्ध हेयरस्टाइलिस्ट और ब्यूटी ब्रांड के संस्थापक. Also known as Javed Habib, यह नाम ब्यूटी इंडस्ट्री में ट्रेंड सेट करने का काम करता है.
जावेद हाबिब का काम केवल बाल कटवाना नहीं, बल्कि हेयरस्टाइल, परिवारिक, ट्रेडिशनल या मॉडर्न लुक बनाना में निपुणता दर्शाता है. यही कारण है कि सैलून मालिक और स्टाइल एंटुज़ियास्त भी उनके टिप्स फॉलो करते हैं. ब्यूटी इंडस्ट्री (ब्यूती इंडस्ट्री, सेलिब्रिटी लुक, प्रोडक्ट लॉन्च और ग्राहक अनुभव) में उनका असर सीधे मार्केट रुझानों को आकार देता है. इस तरह जावेद हाबिब हेयरस्टाइल और सैलून दोनों को एक साथ जोड़ता है.
ब्यूटी ट्रेंड और भारतीय टॉपिकल इवेंट्स का कनेक्शन
आजकल ब्यूटी ट्रेंड सिर्फ क्रीम या कंघी तक सीमित नहीं रहे. वे खेल, राजनीति और आर्थिक खबरों से भी जुड़े हैं. उदाहरण के लिए, भारतीय क्रिकेट का बड़ा मैच या सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव, दोनों ही ब्यूटी फॉर्मूला पर अप्रत्यक्ष असर डालते हैं—जैसे हाई-एंड सैलून में लक्ज़री पैकेज या किफ़ायती सेट. इसी तरह, मौसम विभाग के अलर्ट या राजनैतिक इवेंट्स (जैसे दिल्ली की चुनावी हलचल) सैलून की बुकिंग पैटर्न को बदल सकते हैं. इसलिए जावेद हाबिब के फ़ॉलोअर्स को ये सभी पहलू समझने चाहिए, क्योंकि ब्यूटी इंडस्ट्री एक व्यापक इकोसिस्टम है जहाँ खेल की जीत, आर्थिक डेटा और सरकारी नीतियों का प्रभाव सीधा है.
इस टैग पेज पर आप पाएंगे विभिन्न धड़ल्ले वाले लेख—क्रिकेट मैच की रिपोर्ट, सोने की कीमतों की अपडेट, सरकार के नए निर्णय और इवेंट्स की गहरी विश्लेषण. सभी में यह दिखेगा कि जावेद हाबिब की ब्यूटी विज़न कैसे राष्ट्रीय खबरों से जुड़ी है, चाहे वो खेल हो, वित्त या मौसम. अब आप इन रिटेल, प्रोफ़ेशनल और पर्सनल लाइफ़ के बीच के कनेक्शन को समझेंगे और अपने सैलून या खुद के लुक को बेहतर बनाने के लिए सही जानकारी ले सकेंगे.
26 सितंबर 2025
Rakesh Kundu
जावेद हाबिब और उनके बेटे अनास ने फ़ोलिक्ल ग्लोबल कंपनी के नाम पर एक क्रिप्टो निवेश योजना चलाकर 150 से अधिक लोगों से लाखों रुपये ले लिये। वादे किए गए 50‑75% रिटर्न ने निवेशकों को आकर्षित किया, पर योजना अचानक बंद हो गई और आरोपी गायब हो गये। संभाल नहीं पाए निवेशकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। केस में जांच जारी है और यह घटना भारत में सेलिब्रिटी‑समर्थित क्रिप्टो धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है।
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