डीएनए विश्लेषण: क्या है और कब काम आता है
क्या आप जानते हैं कि एक छोटी सी बाल या रक्त का नमूना लोगों की पहचान पलट सकता है? डीएनए विश्लेषण आज अदालत, अस्पताल और परिवार दोनों जगहों पर निर्णायक साबित होता है। पर हर बार डीएनए रिजल्ट पर भरोसा करना सही नहीं होता — चुनौतियाँ और सीमाएँ भी हैं। यहाँ आसान भाषा में बताता/बताती हूँ कि डीएनए क्या करता है, किस तरह के टेस्ट होते हैं और आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
डीएनए परीक्षण कैसे काम करता है?
डीएनए में छोटे-छोटे मार्कर होते हैं जिन्हें विशेषज्ञ STR (Short Tandem Repeats) या SNP (Single Nucleotide Polymorphism) के रूप में पढ़ते हैं। प्रयोगशाला में नमूना से डीएनए निकाला जाता है, उसे गुणसूत्रीय मार्कर के हिसाब से प्रोफाइल किया जाता है और फिर डेटाबेस या संदिग्ध नमूनों से मिलान किया जाता है।
तीन आम प्रकार के टेस्ट होते हैं — ऑटोसोमल (सामान्य पहचान और पैतृकता), वाई-डीएनए (पुरुषी वंश), और माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए (मातृक वंश)। मेडिकल जीन टेस्टिंग अलग कड़ी है — वो बीमारी के जोखिम और जीन वेरिएंट बता सकती है, पर शत-प्रतिशत भविष्यवाणी नहीं करती।
क्या डीएनए रिजल्ट हमेशा सही होता है?
नहीं। झूठे पॉजिटिव या झूठे नेगेटिव केस संभव हैं—नमूने की गंदगी, क्रॉस-कंटामिनेशन, गलत लेबलिंग या कमजोर प्रयोगशाला प्रोटोकॉल कारण बन सकते हैं। फैमिली मैचिंग में भी जीन-सदृशता से भ्रम हो सकता है, खासकर छोटे डेटासेट होने पर। इसलिए अदालतें अक्सर चेन-ऑफ-कस्टडी और प्रयोगशाला मानकों की कड़ी जांच करती हैं।
प्राइवेसी भी बड़ी चिंता है। जेनेटिक डेटा का गलत इस्तेमाल होने पर परिवारिक जानकारी या स्वास्थ्य जोखिम सार्वजनिक हो सकते हैं। इसलिए केवल भरोसेमंद और मान्यता प्राप्त लैब से ही टेस्ट कराएँ और रिपोर्ट शेयर करने से पहले शर्तें पढ़ें।
अंत में, कैसे निर्णय लें — अगर केस क्रिमिनल पहचान, पितृत्व विवाद या मेडिकल निदान से जुड़ा है तो प्रमाणिक लैब और वकील/डॉक्टर की सलाह लें। घर पर मिलने वाले कम-कीमत के किट धीमे या सीमित परिणाम दे सकते हैं, पर वे शुरुआती संकेत देने में मदद करते हैं।
तेज़ सुझाव — नमूना भेजते समय किट के निर्देश ठीक से पालन करें, लैब की मान्यता (ISO/Accreditation) चेक करें, और रिपोर्ट में उपयोग किए गए मेथड और सैंपल की आवाजाही (chain of custody) देखिए। रिपोर्ट समझने में मुश्किल हो तो जीन विशेषज्ञ या फोरेंसिक कंसल्टेंट से मिलें।
डीएनए विश्लेषण शक्तिशाली है, पर हर सवाल का तुरंत और अंतिम जवाब नहीं देता। सही सवाल पूछिए, सही लैब चुनिए और रिजल्ट का अर्थ विशेषज्ञ के साथ मिलकर समझें—यही सबसे बढ़िया तरीका है जब आपकी पहचान, परिवार या केस दांव पर हो।
28 मई 2024
Rakesh Kundu
पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में ससून जनरल अस्पताल के तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें डॉ. अजय तवारे, डॉ. श्रीहरी हलनोर और कर्मचारी अतुल घाटकंबले शामिल हैं। डीएनए विश्लेषण से खुलासा हुआ कि नाबालिग चालक के रक्त नमूने को बदल दिया गया था।
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