टीसीएस की दूसरी तिमाही में प्रदर्शन: 5% बढ़ोतरी के साथ मुनाफा 11,909 करोड़ रुपये पर
11 अक्तूबर 2024 0 टिप्पणि Rakesh Kundu

टीसीएस के दूसरी तिमाही 2024 के वित्तीय परिणाम

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने अपने वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस बार कंपनी ने 5% की सालाना वृद्धि के साथ 11,909 करोड़ रुपये के मुनाफे की घोषणा की है। यह वृद्धि खासकर उनके लिए महत्वपूर्ण है जो टीसीएस जैसे बड़े आईटी उद्यमों की आस रखते हैं। हालांकि, दूसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने विभिन्न कसौटियों पर अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कुछ मितियाओं का भी सामना किया।

टीसीएस का राजस्व इस तिमाही में 64,259 करोड़ रुपये रहा, जो कि तिमाही दर तिमाही 2.2% और सालाना 7.6% की वृद्धि दर्शाता है। इस वृद्धि का मुख्य कारण बीएसएनएल जैसी प्रमुख डील्स रही, जिसने राजस्व को एक नई दिशा में दिशा दी। यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण संवर्धन था, क्यूंकि यह डील उसके राजस्व में अतिरिक्त 0.8% का योगदान करती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार और राजस्व मिश्रण

हालांकि, टीसीएस का अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रदर्शन थोड़ा मद्धम रहा। इस धीमी बढ़ोत्तरी के चलते, कंपनी का एबिट मार्जिन तिमाही दर तिमाही स्थिर रहा। बीएसएनएल डील के मुख्य रूप से रोमांचक राजस्व के बावजूद, कंपनियों ने इस तिमाही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पकड़ को मजबूत करने की दिशा में संघर्ष किया। इस प्रभाव के कारण, इस तिमाही का संचालनात्मक मार्जिन निर्दिष्ट नहीं किया गया है, जबकि पिछली तिमाही में यह 24.7% था।

श्रमिक घटक और भविष्य की योजना

श्रमिक घटक और भविष्य की योजना

श्रमिकों की घटक दर भी कम होकर 12.1% रही, जो पिछली तिमाही में 12.5% थी। टीसीएस ने इस तिमाही में कुल श्रमिक संख्या 606,998 कर दी, जिसमें 5,452 श्रमिकों की तिमाही दर तिमाही वृद्धि हुई। इसके अलावा, हाल ही में रतन टाटा के निधन के कारण, कंपनी ने अपने पोस्ट-निर्दिष्ट प्रेस कांफ्रेंस और साक्षात्कारों को रद्द कर दिया। प्रबंधन टीम को इस जानकारी के बारे में मीडिया से बात करनी थी लेकिन इस अप्रत्याशित घटना ने योजनाओं को स्थगित कर दिया।

भावी चुनौतियां एवं संभावनाएं

टीसीएस की भविष्य की चुनौतियों में अंतरराष्ट्रीय मांग के अनुरूप बनाए रखना और विभिन्न मंचों पर कार्यकारी रणनीतियों की पुनर्व्यवस्था शामिल है। बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई), रिटेल, उच्च प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और संचार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मांग के रुझान पर ध्यान देना होगा। इसके अतिरिक्त, फर्लफ्रो का प्रभाव भी ध्यान में रखना आवश्यक होगा। तेजी से विकासशील बाजारों में प्रतिस्पर्धा को बनाए रखना और नए रोजगार अवसरों की दृष्टि से अपनी योजना को सुधारना भी टीसीएस के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

Rakesh Kundu

Rakesh Kundu

मैं एक समाचार संवाददाता हूं जो दैनिक समाचार के बारे में लिखता है, विशेषकर भारतीय राजनीति, सामाजिक मुद्दे और आर्थिक विकास पर। मेरा मानना है कि सूचना की ताकत लोगों को सशक्त कर सकती है।